#कोरोना_के_खबरों_के_बीच_एक_दुःखद_घटना
सुनकर देखकर हैरानी हुई कि राजस्थान के भरतपुर में इस बुजुर्ग को इसका अंदाजा भी नहीं होगा कि जिस बेटी से मिलने वो मीलों दूर से आए है वही बेटी और दामाद उनके साथ ऐसा दुर्व्यवहार करेंगे । बुजुर्ग की मजबूरी थी कि लॉक डाउन के कारण उन्हें बेटी के घर लम्बा रुकना पड़ गया ।
80 साल के रमेशचन्द्र शर्मा लुधियाना के रहने वाले हैं । इस दु:खी बुजुर्ग ने अपनी दास्तां बताई कि वे पंजाब से अपनी बेटी से मिलने आए थे लेकिन लॉक डाउन के कारण उनका वापस जाना संभव नहीं हो सका। लिहाजा रमेशचन्द्र बेटी के घर में ही रुक गए । 2-4 दिनों तक तो ठीक रहा, फिर बेटी और दामाद का बर्ताव बदलता गया। वे बुजुर्ग को ताने मारने लगे और अंत में अपने घर से निकाल दिया । जानकारी भरतपुर पुलिस प्रशासन तक तक पहुंची, तब उन्होंने इनके रहने-खाने का इंतजाम कराया। बुजुर्ग को वृद्धजन संबल योजना के तहत रहने और खाने का प्रबंध कराया गया है । रमेशचन्द्र जी ने मीडिया से बात करते वक्त कहा कि मैंने अपने 80 बरस के जीवन का यही सार निकाला है कि रिश्तें तब तक खूबसूरत होते हैं जब तक उन्हें आजमाने का अवसर नही मिल पाता । बेटियों को भी यदि ताउम्र बुजुर्ग माता पिता की जिम्मेवारी उठाने का बीड़ा दिया जाए तो बेटों की तरह उनका सच भी सामने आएगा । अगर वो इंसान अच्छी है तो वो अच्छी बहू, बेटी और अच्छी पत्नी बनेगी और उस इंसान में ही खोट है तो वो किसी भी रिश्तें के साथ न्याय नही करेगी....