बचपन में जब भी स्कूल में जबाब देने में असफल होते थे, पिटाई के साथ, सवाल जिसमे उसका उत्तर भी छिपा रहता था, " दिमाग घर में छोड़ के आये हो क्या"
कल जब मेने ऑफिस में अपने सहयोगी से छोटा सा जोड़ करने को बोला तो बो बोला "सर में मोबाइल लेके आता हू, मेने पूछा जोड़ का मोबाइल से क्या लेना देना हे? उसने बोला सर उसके अंदर कैलकुलेटर हे"
मेने बोला छोटा सा जोड़ (+) नहीं कर सकते हो, दिमाग घर पे रख के आये हो क्या"
लेकिन इससे मुझे ख्याल आया, क्या हम लोग अपने दिमाग का उपयोग बंद कर रहे हे, क्या हम लोग मोबाइल के ऊपर ज्यादा निर्भर होकर इसको निष्क्रिय कर रहे हे?
फिर मुझे ध्यान आया की 11 क्लास में मुझे पूरी मेंडलीफ की आवर्त सारणी और लोग टेबल याद थी, जबकि अब मुझे 5 से ज्यादा मोबाइल नंबर याद नहीं हे, तो क्या मेरा दिमाग कम हो गया हे या फिर में डम्ब हो रहा हू. इन दोनों में से में कुछ भी नहीं हो रहा लेकिन एक बात जरूर हे की मेरे दिमाग को मालूम चल गया हे की इनफार्मेशन स्टोरेज के लिए मोबाइल हे तो इसको काम क्यों करना.
इसलिए आज फ़ोन स्मार्ट हो रहे हे और हम डम्ब!
अगर कुछ समय और ऐसा ही चला तो मेरा दिमाग भी घर पे रखा होगा!
क्या आपको ऐसा नहीं लगता हे ??????