आतिश-ए-इश्क मुख्य जेल जौन तुजहे किया कहते हैं
मसूम की तराह बदल जौन तुजहे किया कहते हैं
चॉट खनन या ज़खम लागे, या अहसास-ए-घूम मे टैरपॉन
मेरा जीर जॉन या संभल जौन तुजहे किया कहते हैं
मुसार्टन को दख केर बे कारा हो जाओन
हां तोफान-ए-गम कहते हैं कि व्यवहार जॉन, तुजिये किया कहता है
हंस्ता दाख केर हंस पैरोन, रोटा डेख केर रो पेरोन,
हलाट के संचाय मेरा ढल जौन, तुजिये किया कहते हैं
ज़ारारोत नहिन अब किसी हम्माफार की साकी,
जानिब-ए-मंज़िल तन्हा निकल जौन, तुजई किया कहती हैं
मनीष पटेल.....