Inbooker
(owner)
Happy New year to all of you guys and girls.
Chitranshi jain
सब कुछ तो है
फिर भी क्या होता
होकर भी जो ना होता
अचरज करता ये मिज़ाज
मैं ना भी होता क्या होता...
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
ravindra jain
हरिजन सीट पर केवल हरिजन ही लडेगा पिछडा सीट पर केवल पिछडा़ तो सवर्ण सीट पर केवल सवर्ण क्यो नही ये कोई कानून है यह तो सवर्णो का शोषण है मै इसका विरोध करता हू।
sanjay jain
किसी का अपमान करके जो सुख मिलता है
वह थोड़े समय का होता है …लेकिन किसी को
सम्मान देकर जो आनंद मिलता है
वह जीवन भर साथ रहता है !
Anupama Jain
पता नहीं कैसी कमी है जो कभी पूरी ही नहीं होती..!
एक तेरे सिवा किसी और की ज़रूरत ज़रूरी ही नहीं होती..!