संजीव जैन
(owner)
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Ballu Yadav
सांसद संध्या राय ने जनहित में दिये 1 करोड़ व एक माह की तनख्वाह
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भिण्ड- दतिया की लोकप्रिय संसद श्रीमती संध्या राय ने प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने एक माह का वेतन 1 लाख रुपया का सम्पूर्ण दान कर covid-19 की देश की जंग में समर्पित किये। इसके साथ ही उन्होंने पार्लियामेंट की mplads फंड्स में कमिटी को भी 1 करोड़ की राहत राशि उनके संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों भिण्ड व दतिया में कोरोना की रोकथाम में उपयोग करने बावत भी अलग से स्वीकृत कर दी
Manishamanishjain Jain
उम्र
एक लडकी की उम्र भले ही चालीस पार क्यों ना हो जाएं ,
फिर भी वो आजाद नही हो पाती समाज की रुढिवादी सोच से ,
उसकी बेबाक सी हँसी , उसका अपने लिए ही नाँचना ,
उसका हँस कर सभी से बतियाना , उसके चरित्र से आँक दिया जाता हैं ,
बच्चों मे बच्चे जैसी हो जाना , आँक दिया जाता हैं उसकी उम्र से ,
औरत का खुद के लिए जीना , खटक जाता हैं सभी की आँखो मे ,
औरत का लडकी बन जीना , उसके मनभावन कपड़ों का पहनना ,
उसका सजना , सँवरना , हर बात मे यही ताना उम्र का भी ख्याल नही इसको ,
हर कोई बस लडकी का चरित्र ही नापने को रह जाता हैं ,
कोई उसके मन की गहराई नही नाप पाता ,
उसके अंर्तमन मे उठ रही उथल -पुथल कोई नही देख पाता ,
उम्र औरत की कुछ भी रही हो , उसका मापदंड बस एक
वो चुप रहे , और सबकी सुने .......
स्वरचित
Jyoti Jain
Bilkul sahi h...kash k bachpan laut k aa jata