संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
ravindra jain
हरिजन सीट पर केवल हरिजन ही लडेगा पिछडा सीट पर केवल पिछडा़ तो सवर्ण सीट पर केवल सवर्ण क्यो नही ये कोई कानून है यह तो सवर्णो का शोषण है मै इसका विरोध करता हू।
sanjay jain
किसी का अपमान करके जो सुख मिलता है
वह थोड़े समय का होता है …लेकिन किसी को
सम्मान देकर जो आनंद मिलता है
वह जीवन भर साथ रहता है !
vinay shukla shukla
गों के लिए उदाहरण स्थापित करना दूसरों को प्रभावित करने का एक मात्र साधन है। –अल्बर्ट आइंस्टीन
Krishna Dumare
(owner)
हमारी Popularity की बात मत कर पगली, क्योकि जब हम Selfie लेते है तो हमारे पीछे, Surat की ladkiya भी आने को तरसती है.
पायल शर्मा
वैष्णो देवी धाम के लिए निकले तीर्थयात्रियों पर हुए इस्लामिक आतंक'वादी आक्रमण में मारे गए श्रद्धालुओ को नमन करती हूं