Ballu Yadav
सांसद संध्या राय ने जनहित में दिये 1 करोड़ व एक माह की तनख्वाह
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भिण्ड- दतिया की लोकप्रिय संसद श्रीमती संध्या राय ने प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने एक माह का वेतन 1 लाख रुपया का सम्पूर्ण दान कर covid-19 की देश की जंग में समर्पित किये। इसके साथ ही उन्होंने पार्लियामेंट की mplads फंड्स में कमिटी को भी 1 करोड़ की राहत राशि उनके संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों भिण्ड व दतिया में कोरोना की रोकथाम में उपयोग करने बावत भी अलग से स्वीकृत कर दी
मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
sanjay jain
*आज की*
*कहानी*
*मुस्कुराइए!!*
एक औरत बहुत महँगे कपड़े में अपने मनोचिकित्सक के पास गई और बोली...
*"डॉ साहब ! मुझे लगता है कि मेरा पूरा जीवन बेकार है, उसका कोई अर्थ नहीं है। क्या आप मेरी खुशियाँ ढूँढने में मदद करेंगें?"*
मनोचिकित्सक ने एक बूढ़ी औरत को बुलाया जो वहाँ साफ़-सफाई का काम करती थी और उस अमीर औरत से बोला - *"मैं इस बूढी औरत से तुम्हें यह बताने के लिए कहूँगा कि कैसे उसने अपने जीवन में खुशियाँ ढूँढी। मैं चाहता हूँ कि आप उसे ध्यान से सुनें।"*
तब उस बूढ़ी औरत ने अपना झाड़ू नीचे रखा, कुर्सी पर बैठ गई और बताने लगी - *"मेरे पति की मलेरिया से मृत्यु हो गई और उसके 3 महीने बाद ही मेरे बेटे की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। मेरे पास कोई नहीं था। मेरे जीवन में कुछ नहीं बचा था। मैं सो नहीं पाती थी, खा नहीं पाती थी, मैंने मुस्कुराना बंद कर दिया था।"*
*"मैं स्वयं के जीवन को समाप्त करने की तरकीबें सोचने लगी थी। तब एक दिन,एक छोटा बिल्ली का बच्चा मेरे पीछे लग गया जब मैं काम से घर आ रही थी। बाहर बहुत ठंड थी इसलिए मैंने उस बच्चे को अंदर आने दिया। उस बिल्ली के बच्चे के लिए थोड़े से दूध का इंतजाम किया और वह सारी प्लेट सफाचट कर गया। फिर वह मेरे पैरों से लिपट गया और चाटने लगा।"*
*"उस दिन बहुत महीनों बाद मैं मुस्कुराई। तब मैंने सोचा यदि इस बिल्ली के बच्चे की सहायता करने से मुझे ख़ुशी मिल सकती है,तो हो सकता है कि दूसरों के लिए कुछ करके मुझे और भी ख़ुशी मिले। इसलिए अगले दिन मैं अपने पड़ोसी, जो कि बीमार था,के लिए कुछ बिस्किट्स बना कर ले गई।"*
*"हर दिन मैं कुछ नया और कुछ ऐसा करती थी जिससे दूसरों को ख़ुशी मिले और उन्हें खुश देख कर मुझे ख़ुशी मिलती थी।"*
*"आज,मैंने खुशियाँ ढूँढी हैं, दूसरों को ख़ुशी देकर।"*
यह सुन कर वह अमीर औरत रोने लगी। उसके पास वह सब था जो वह पैसे से खरीद सकती थी।
लेकिन उसने वह चीज खो दी थी जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती।
*मित्रों! हमारा जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने खुश हैं अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी वजह से कितने लोग खुश हैं। तो आईये आज शुभारम्भ करें इस संकल्प के साथ कि आज हम भी किसी न किसी की खुशी का कारण बनें।*
मुस्कुराइए
*अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।*
मुस्कुराइए
*अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।*
मुस्कुराइए
*कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।*
मुस्कुराइए
*क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है।*
मुस्कुराइए
*क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी।*
मुस्कुराइए
*क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है*
*और सबसे बड़ी बात...*
मुस्कुराइए
*क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता।*
*इसलिए स्वयं भी मुस्कुराए और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाएं।*
*मुस्कुराइए क्योंकि यही जीवन है!*
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Anupama Jain
उसकी शक़्ल आँखों से मिटती ही नहीं...
आस है या आदत, कमबख़्त छूटती ही नहीं !
vinay shukla shukla
गों के लिए उदाहरण स्थापित करना दूसरों को प्रभावित करने का एक मात्र साधन है। –अल्बर्ट आइंस्टीन
Suvarna Jain
आज रात नींद नहीं आ रही बस रो रहा हूं इससे ज्यादा मेरी औकात भी नहीं है कुछ करने की हे मेरे महादेव काश तुम ने मुझे ऐसा कुछ दिया होता तो मैं पूरे इस्लामिक आतंकवाद का नामोनिशान मिटा देता कल इस कविता के साथ ज़ी न्यूज़ के सामने चिल्लाऊंगा सनद रहे ईश्वर ने इससे ज्यादा कुछ नहीं दिया । हर हर महादेव
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प्रेम दिवस पर आज पड़ोसी फिर से प्रेम दिखाया है ।
सांप की फितरत जहर उगलना पुनः जहर उगलाया है ।
30 शेर जब गिरे धरा पर मां धरती का नूर गया ।
मेहंदी चूड़ी बिंदी महावर माथे का सिंदूर गया ।
पापा खेल खिलौने देंगे इसी प्यार में बैठे हैं ।
होली संग खेलेंगे बच्चे इंतजार में बैठे हैं ।
बच्चे नहीं जानते भारत मां की पीड़ा झेल गए ।
पापा एक माह पहले ही खून की होली खेल गए ।
जिनका रक्त बना पानी वह घर में ही बेहोश रहे ।
राजनीति के चरण चाटने वाले सब खामोश रहे ।
मुंह में गाली भरी हुई है निर्णय ना ले पाऊंगा ।
संस्कारों में बंधा हुआ हूं गाली ना दे पाऊंगा ।
ये मंजर ये मौसम सब बर्बादी जैसा लगता है ।
खुद का चेहरा भी मुझको अपराधी जैसा लगता है ।
सैनिक जितने मरे यहां पर जरा खोट मेरा भी है ।
तुम जिस दिल्ली में बैठे हो वहां एक वोट मेरा भी है ।
आतंक निकलता उसी कोख का फटना बहुत जरूरी है ।
इस्लामिक आतंकवाद का मिटना बहुत जरूरी है ।
शेर बना कर भेजे थे सियार पड़े हैं दिल्ली में ।
तीनों बंदर गांधी के बीमार पड़े हैं दिल्ली में ।
जो कुछ सेना को करना है कर जाने दो मोदी जी ।
फिर शेरों को सीमा के अंदर जाने दो मोदी जी ।
तुम दुश्मन से युद्ध करो हम अंदर सब कुछ सह लेंगे ।
एक समय खा लेंगे खाना या फिर भूखा रह लेंगे ।
जितनी ताकत शेरों में है सीमा पर दिखला दो तुम ।
सब कुछ महंगा कर दो लेकिन रक्षा बजट बढ़ा दो तुम ।
ओ सैनिक तुझसे कहता हूं कि अब बंदूक उठा ले तू ।
या सीमा से घर आ जा अपना संदूक उठा ले तू ।
सी आर पी एफ के शेर सुने सभी बलों के जवान सुने ।
खाकी वाले जरा सुने और फौजी देश की शान सुने ।
दुश्मन की सारी हरकत का अपनी संग में तोड़ रखो ।
47 और ak-56 24 घंटे लोड रखो ।
ना सहो किसी भी गोली को बस इतना ही कर डालो तुम ।
पूरी मैगजीन दुश्मन की छाती में भर डालो तुम ।
तुम कोई कायरता वाला संदेश नहीं मानो सैनिक ।
पीछे हटने का आए आदेश नहीं मानो सैनिक ।
बंदूक उठा आतंकवाद की छाती पर चढ़ जाना तुम ।
एलओसी की लाइन लांघकर भी आगे बढ़ जाना तुम।
जवाब सभी गद्दारों को उनके ही रंग में दे आना ।
जो नेता बकवास करें उसको भी संग में ले जाना ।
कितनी ताकत भारत में है जग को यहां दिखा दो तुम ।
जो भी होगा देखेंगे बस पाकिस्तान मिटा दो तुम ।
--एक देशभक्त