Ballu Yadav
सांसद संध्या राय ने जनहित में दिये 1 करोड़ व एक माह की तनख्वाह
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भिण्ड- दतिया की लोकप्रिय संसद श्रीमती संध्या राय ने प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने एक माह का वेतन 1 लाख रुपया का सम्पूर्ण दान कर covid-19 की देश की जंग में समर्पित किये। इसके साथ ही उन्होंने पार्लियामेंट की mplads फंड्स में कमिटी को भी 1 करोड़ की राहत राशि उनके संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों भिण्ड व दतिया में कोरोना की रोकथाम में उपयोग करने बावत भी अलग से स्वीकृत कर दी
मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
sanjay jain
किसी का अपमान करके जो सुख मिलता है
वह थोड़े समय का होता है …लेकिन किसी को
सम्मान देकर जो आनंद मिलता है
वह जीवन भर साथ रहता है !
Anupama Jain
सुनो ....
बस एक बार, सारे शिकवे छोड़कर तुम मेरी आँखों में देख कर कह देते "मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ।" शायद उस एक पल में मैं सारी दुनिया छोड़कर तुम्हारे सीने से लिपट जाती। सिर्फ़ तुम्हारी हो जाती… पूरी तरह।
हाँ, मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ। तुम्हारे नाम की मिठास मेरे दिल की सबसे नाज़ुक जगह में बसी है तुम्हारी बातों में, तुम्हारी चुप्पियों में,तुम्हारे हर छूते से एहसास में मैं अपना वजूद खो देना चाहती हूँ। तुम्हारे प्यार में बसी है एक सुकून की बारिश जिसमें भीगने का मन हर रोज़ करता है।
तुम्हारे जिस चेहरे को सब "साधारण" कहते हैं,उसी में मैं सबसे ज़्यादा शांति पाती हूँ। जिस कंधे पर एक बार सिर रखा था,उसी को अपना ठिकाना मान बैठी हूँ।
मैं जानती हूँ प्यार कोई परियों की कहानी नहीं,पर फिर भी तुम्हारे साथ का हर सपना मुझे जादू जैसा लगता है।
तुम्हें छू लेने की ख्वाहिश नहीं,तुममें खो जाने की तड़प है। तुम्हारे शब्दों में नहीं, तुम्हारी ख़ामोशी में मैं अपनी धड़कनों को ढूँढ़ती हूँ ..
मैंने जितनी बार भी खुद को तुम्हारे पास जताने की कोशिश की, कभी हँसकर, कभी नाराज़ होकर, कभी चुपचाप तुम्हारे पास बैठकर उस हर पल में एक छोटी सी उम्मीद थी कि शायद तुम भी मुझे प्यार जताने लगो।
तुम तो बस मेरी नाराज़गी देखते हो, पर मैं तुम्हारी आँखों में वो प्यार पढ़ती हूँ जो शायद तुम खुद से भी छुपा लेते हो। तुम्हारे होंठों पर अधूरी-सी जो मुस्कान है,
मैं उसे पूरा करना चाहती हूँ अपनी हँसी से। तुम्हारी थकान में अपने हाथों की छुअन रख देना चाहती हूँ,
ताकि तुम्हें लगे कोई है, जो बेइंतहा मोहब्बत करता है तुमसे।
हाँ, मैं तुमसे मोहब्बत करती हूँ।दिल की आखिरी तह तक, रूह की सबसे गहरी परत तक। बस एक बार आओ ना…मेरे पास। मेरी आँखों को छूकर देखो,उनमें जो इंतज़ार ठहरा है,वो सिर्फ़ तुम्हारे लिए है।
तुम्हारे प्यार में मैं बंधी नहीं हूँ लेकिन तुम्हारा प्यार ही है
जिसने मुझे तुम्हारा बना दिया है बिना कहे, बिना छुए,
बस महसूस करके।
vinay shukla shukla
गों के लिए उदाहरण स्थापित करना दूसरों को प्रभावित करने का एक मात्र साधन है। –अल्बर्ट आइंस्टीन
Suvarna Jain
आज रात नींद नहीं आ रही बस रो रहा हूं इससे ज्यादा मेरी औकात भी नहीं है कुछ करने की हे मेरे महादेव काश तुम ने मुझे ऐसा कुछ दिया होता तो मैं पूरे इस्लामिक आतंकवाद का नामोनिशान मिटा देता कल इस कविता के साथ ज़ी न्यूज़ के सामने चिल्लाऊंगा सनद रहे ईश्वर ने इससे ज्यादा कुछ नहीं दिया । हर हर महादेव
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प्रेम दिवस पर आज पड़ोसी फिर से प्रेम दिखाया है ।
सांप की फितरत जहर उगलना पुनः जहर उगलाया है ।
30 शेर जब गिरे धरा पर मां धरती का नूर गया ।
मेहंदी चूड़ी बिंदी महावर माथे का सिंदूर गया ।
पापा खेल खिलौने देंगे इसी प्यार में बैठे हैं ।
होली संग खेलेंगे बच्चे इंतजार में बैठे हैं ।
बच्चे नहीं जानते भारत मां की पीड़ा झेल गए ।
पापा एक माह पहले ही खून की होली खेल गए ।
जिनका रक्त बना पानी वह घर में ही बेहोश रहे ।
राजनीति के चरण चाटने वाले सब खामोश रहे ।
मुंह में गाली भरी हुई है निर्णय ना ले पाऊंगा ।
संस्कारों में बंधा हुआ हूं गाली ना दे पाऊंगा ।
ये मंजर ये मौसम सब बर्बादी जैसा लगता है ।
खुद का चेहरा भी मुझको अपराधी जैसा लगता है ।
सैनिक जितने मरे यहां पर जरा खोट मेरा भी है ।
तुम जिस दिल्ली में बैठे हो वहां एक वोट मेरा भी है ।
आतंक निकलता उसी कोख का फटना बहुत जरूरी है ।
इस्लामिक आतंकवाद का मिटना बहुत जरूरी है ।
शेर बना कर भेजे थे सियार पड़े हैं दिल्ली में ।
तीनों बंदर गांधी के बीमार पड़े हैं दिल्ली में ।
जो कुछ सेना को करना है कर जाने दो मोदी जी ।
फिर शेरों को सीमा के अंदर जाने दो मोदी जी ।
तुम दुश्मन से युद्ध करो हम अंदर सब कुछ सह लेंगे ।
एक समय खा लेंगे खाना या फिर भूखा रह लेंगे ।
जितनी ताकत शेरों में है सीमा पर दिखला दो तुम ।
सब कुछ महंगा कर दो लेकिन रक्षा बजट बढ़ा दो तुम ।
ओ सैनिक तुझसे कहता हूं कि अब बंदूक उठा ले तू ।
या सीमा से घर आ जा अपना संदूक उठा ले तू ।
सी आर पी एफ के शेर सुने सभी बलों के जवान सुने ।
खाकी वाले जरा सुने और फौजी देश की शान सुने ।
दुश्मन की सारी हरकत का अपनी संग में तोड़ रखो ।
47 और ak-56 24 घंटे लोड रखो ।
ना सहो किसी भी गोली को बस इतना ही कर डालो तुम ।
पूरी मैगजीन दुश्मन की छाती में भर डालो तुम ।
तुम कोई कायरता वाला संदेश नहीं मानो सैनिक ।
पीछे हटने का आए आदेश नहीं मानो सैनिक ।
बंदूक उठा आतंकवाद की छाती पर चढ़ जाना तुम ।
एलओसी की लाइन लांघकर भी आगे बढ़ जाना तुम।
जवाब सभी गद्दारों को उनके ही रंग में दे आना ।
जो नेता बकवास करें उसको भी संग में ले जाना ।
कितनी ताकत भारत में है जग को यहां दिखा दो तुम ।
जो भी होगा देखेंगे बस पाकिस्तान मिटा दो तुम ।
--एक देशभक्त