संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Jyoti Jain
Bilkul sahi h...kash k bachpan laut k aa jata
मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
Saurabh Jain
ये दो खबरें देखिए
एक तरफ सिंगुर है जहां से ममता बनर्जी ने टाटा की फैक्ट्री को भगा दी।
अब सिंगुर के किसान सरकारी 2 रुपए किलों के चावल पर जिंदा हैं
सारे दिन अपने खेतों से फैक्ट्री का मलबा निकालते हैं।
फैक्ट्री लगने के बाद जो बैंक खुले थे वो सब धीरे-धीरे बंद हो गए
अब सिंगुर नंदीग्राम के लोगों का कहना है कि इससे अच्छा तो नक्सली बन जाते।
दूसरी तरफ गुजरात का साणंद है
सिंगुर से निकाले जाने के बाद मोदी के कहने पर टाटा की फैक्ट्री यहां लगाई गई थी
टाटा के बाद यहां फोर्ड, मारुति, जनरनल मोटर्स, हीरो मॉटोकोर्प जैसी कंपनियों के दर्जन प्लांट लग चुके हैं
साणंद की जमीन की कीमत आसमान छू रही हैं और साणंद भारत ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा ऑटो मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है
ये सब सिंगुर में होता अगर सिंगुर के लोगों में रत्ती भर अक्ल होती।
ये 10 दिन का आंदोलन, ये क्रांतिकारी बनने की चुल
ये सरकार को दिखा देने की आग, इसके चक्कर में अपनी पूरी पीढ़ियां बर्बाद कर ली।
और ये नेता इन्हें जरा शर्म नहीं आती
ये मिल बंद करवा कर मजदूर का भला करते हैं
यूनिवर्सिटी बंद कराके छात्रों का
और खड़ी फसल पर टैक्टर चलवा कर किसान का
मुंबई में कम्युनिस्टों ने एक साथ 80 कपड़ा मिल बंद करा दी और वो इस बात पर गर्व करते हैं
ये शहर के शहर उजाड़ देते हैं
बुलट ट्रैन नहीं आनी चाहिए, बांध नहीं बनने चाहिए
जमीन अधिग्रहण नहीं होना चाहिए क्योंकि उद्योग सिर पर तो लगेंगे नहीं
तो जब जमीन ही नहीं मिलेगी तो उद्योग लगेंगे कैसे
ये उद्योगपतियों से नफरत करना सिखाते हैं
और फिर नौकरी नहीं का रोना रोएंगे
धीरे-धीरे सारे देश को क्रांतिकारी बनाएंगे
बंदूक थमाकर नक्सली बनाएंगे
सिंगुर और नंदीग्राम का शानदार विकास करने के बाद
अब दिल्ली के कथित किसान नेता भी बंगाल पहुंच रहे हैं अपनी आंदोलन की दुकान लेकर
पता नहीं सिंगुर और नंदीग्राम वालों को अभी समझ आया है या नहीं कि उनके साथ क्या हुआ है।
लेकिन आप चिंता मत कीजिए
सामने भी वो ही नेता मोदी है जिसने साणंद को साणंद बनाकर ही दम लिया।
sanjay jain
*आज की*
*कहानी*
*मुस्कुराइए!!*
एक औरत बहुत महँगे कपड़े में अपने मनोचिकित्सक के पास गई और बोली...
*"डॉ साहब ! मुझे लगता है कि मेरा पूरा जीवन बेकार है, उसका कोई अर्थ नहीं है। क्या आप मेरी खुशियाँ ढूँढने में मदद करेंगें?"*
मनोचिकित्सक ने एक बूढ़ी औरत को बुलाया जो वहाँ साफ़-सफाई का काम करती थी और उस अमीर औरत से बोला - *"मैं इस बूढी औरत से तुम्हें यह बताने के लिए कहूँगा कि कैसे उसने अपने जीवन में खुशियाँ ढूँढी। मैं चाहता हूँ कि आप उसे ध्यान से सुनें।"*
तब उस बूढ़ी औरत ने अपना झाड़ू नीचे रखा, कुर्सी पर बैठ गई और बताने लगी - *"मेरे पति की मलेरिया से मृत्यु हो गई और उसके 3 महीने बाद ही मेरे बेटे की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। मेरे पास कोई नहीं था। मेरे जीवन में कुछ नहीं बचा था। मैं सो नहीं पाती थी, खा नहीं पाती थी, मैंने मुस्कुराना बंद कर दिया था।"*
*"मैं स्वयं के जीवन को समाप्त करने की तरकीबें सोचने लगी थी। तब एक दिन,एक छोटा बिल्ली का बच्चा मेरे पीछे लग गया जब मैं काम से घर आ रही थी। बाहर बहुत ठंड थी इसलिए मैंने उस बच्चे को अंदर आने दिया। उस बिल्ली के बच्चे के लिए थोड़े से दूध का इंतजाम किया और वह सारी प्लेट सफाचट कर गया। फिर वह मेरे पैरों से लिपट गया और चाटने लगा।"*
*"उस दिन बहुत महीनों बाद मैं मुस्कुराई। तब मैंने सोचा यदि इस बिल्ली के बच्चे की सहायता करने से मुझे ख़ुशी मिल सकती है,तो हो सकता है कि दूसरों के लिए कुछ करके मुझे और भी ख़ुशी मिले। इसलिए अगले दिन मैं अपने पड़ोसी, जो कि बीमार था,के लिए कुछ बिस्किट्स बना कर ले गई।"*
*"हर दिन मैं कुछ नया और कुछ ऐसा करती थी जिससे दूसरों को ख़ुशी मिले और उन्हें खुश देख कर मुझे ख़ुशी मिलती थी।"*
*"आज,मैंने खुशियाँ ढूँढी हैं, दूसरों को ख़ुशी देकर।"*
यह सुन कर वह अमीर औरत रोने लगी। उसके पास वह सब था जो वह पैसे से खरीद सकती थी।
लेकिन उसने वह चीज खो दी थी जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती।
*मित्रों! हमारा जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने खुश हैं अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी वजह से कितने लोग खुश हैं। तो आईये आज शुभारम्भ करें इस संकल्प के साथ कि आज हम भी किसी न किसी की खुशी का कारण बनें।*
मुस्कुराइए
*अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।*
मुस्कुराइए
*अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा।*
मुस्कुराइए
*अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।*
मुस्कुराइए
*कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।*
मुस्कुराइए
*क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है।*
मुस्कुराइए
*क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी।*
मुस्कुराइए
*क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है।*
मुस्कुराइए
*क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है*
*और सबसे बड़ी बात...*
मुस्कुराइए
*क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता।*
*इसलिए स्वयं भी मुस्कुराए और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाएं।*
*मुस्कुराइए क्योंकि यही जीवन है!*
*