संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Dimple Durrani
Dear inbooker,
there is a boy,an inbooker who unnecessarily is Sharing my prsnl pics on Inbook which I don't allow to anyone... Inspite of deleting my pic as I told him he's ruthlessly arguing.... N as far as I had read the rules of Inbook it's not permissible... I rqst inbooker to deactivate such person's profile or else I'll have to take some legal action against it... N those inbooker who agree wid me plz repost it... So that hemant (as his name is on his profile) couldn't do such thing with any other girl
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ARVIND Ashiwal
*मोदी जी मौका अच्छा है, और
भक्तों की मांग भी है*
*इंदिरा गांधी हवाई अड्डे का नाम बदल कर
"डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट" कर दो*
*कांग्रेसियों का सारा "आंबेडकर प्रेम" निकल कर कलेजे से बाहर ना आ जाए तो कहना*