ARVIND Ashiwal
*राहुल गांधी की दादी की हत्या ख़ालिस्तानियों ने की।*
*खरगे जी के परिवार को निज़ाम के जिहादी रज़ाकरों ने मारा।*
*लेकिन दोनों मिलकर हिंदुओं को आतंकी बताते हैं।*
*ये हैं सेकुलरिज्म।।*
Akmal Animation
(owner)
वक्त बदल जाता है जिंदगी के साथ
जिंदगी बदल जाती है वक्त के साथ
वक्त नहीं बदलता दोस्तों के साथ
बस दोस्त बदल जाते हैं वक्त के साथ…
Hemant c
राष्ट्रहित का गला घोंट कर
छेद न करना थाली में।
मिट्टी वाले दीये जलाना
..
अबकी बार दीवाली में।
देश के धन को देश में रखना,
नहीं बहाना नाली में
मिट्टी वाले दीये जलाना
अबकी बार दीवाली में।
बने जो अपनी मिट्टी से,
वो दीये बिके बाजारों में,
छिपी है वैज्ञानिकता
अपने सभी तीज-त्योहारों में।
चायनीज झालर से आकर्षित
कीट पतंगे आते हैं,
जबकि दीये में जलकर
बरसाती कीड़े मर जाते हैं।
कार्तिक और अमावस वाली,
रात न सबकी काली हो।
दीये बनाने वालों की अब
खुशियों भरी दीवाली हो।
अपने देश का पैसा जाए,
अपने भाई की झोली में।
गया जो पैसा दुश्मन देश,
तो लगेगा राइफल की गोली में।
देश की सीमा रहे सुरक्षित
चूक न हो रखवाली में।
मिट्टी वाले दीये जलाना
अबकी बार दीवाली में।
प्रमोद कुमावत Pramod kumawat
महाकवि सुब्रमण्यम भारती ऐसे साहित्यकार थे जो सक्रिय रूप से स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रहे, जबकि उनकी रचनाओं से प्रेरित होकर दक्षिण भारत में बड़ी तादाद में आम लोग आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।