ARVIND Ashiwal
हम उनके इतने आतंकी सरग़ना मार के और पिग्गिस्तान को धुआँ-धुआँ करने के पश्चात भी प्रसन्न नहीं हैं...
क्योंकि, POK नहीं ले पाये..!
और
वो लात-जूते खा कर और हाथ-पैर तुड़वाने के पश्चात भी बहुत प्रसन्न हैं..
कि, "जान बच गयी"।
अपनी-अपनी औकात है चमन चौमूँ चमचों..
तुम नहीं समझोगे।