संजीव जैन
गुजरात के वडोदरा में नाव पलटने से कई बच्चों के असामयिक निधन का समाचार अत्यंत दु:खद एवं पीड़ादायक है।
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे व परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति दे।
ॐ शांति:!
जूही सिंह
इनबुक साथियों
नमस्कार
आपने मेरे फुरसतिया ग्रुप को ढेर सारा प्यार और सम्मान दिया है उसके लिए आपका शुक्रिया करते हुए एक नया ग्रुप लेकर आ रही हूं उसका शीर्षक है
आप कितने बुद्धिमान है
SANTOSH DHIVER
*आप से मधुर संबंध ही मेरा सबसे बडा धन है !*
*उन संबंधो को मैं नमन करता हूँ!*
*
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️
Mukesh Bansal
*“गृहयुद्ध”..?*
*मित्रो लोग यह सोचकर बैठे है कि देश गृहयुद्ध के किनारे खड़ा है..!*
*और बहुत जल्द देश मे गृहयुद्ध छिड़ेगा..!*
*विशेषकर तब जब देश मे UCC, CAA लागू होगा..!*
*POK के विलय के समय जब पाकिस्तान भारत से युद्ध छेड़ देगा..!*
*या फिर तब..*
*जब देश को हिन्दूराष्ट्र घोषित किया जाएगा..!*
*देश की बहुसंख्यक आबादी यही सोचकर बैठी है, कि एक न एक बार तो देश मे भीषण रक्तपात और दंगे होंगे..!*
*किन्तु..*
*आप मेरी यह बात "नोट करके" रख लीजिए..!*
*कि उक्त सभी कार्य होंगे..!*
*और बहुत जल्दी होने जा रहे है..!*
*वह भी अगले एक दो वर्षों में..!*
*मगर बिना किसी रक्तपात और दंगो के..!*
*क्योंकि...*
*यह "असली साबरमती का संत" नरसंहार और रक्तपात से बचने के लिए ही इतना समय ले रहा है..!*
*आज एक चक्रवर्ती सम्राट की ताकत रखने वाला "समर्थ शासक" सत्ता की हनक के बल पर क्या नहीं कर सकता था..!*
*किन्तु...*
*उसे पता था, कि यदि जोश में और ताकत के जोर पर यदि कुछ किया, तो विप्लव तय है..!*
*यह अलग बात है कि उसे कुचल भी दिया जाएगा..!*
*मगर..*
*वह व्यक्ति बिना उपद्रव के बिना रक्तपात के हमारे स्वप्न और उसके संकल्प को पूर्ण करने की ठानकर बैठा हुआ है..!*
*आप स्वयं ही "सिंहावलोकन" कीजिए..!*
*क्या 370 हटने पर कहीं कोई गड़बड़ी हुई ?*
*राम मंदिर बनने पर कहीं कुछ भी हुआ ?*
*तीन तलाक बेन होने पर कहीं कुछ हुआ ?*
*पाकिस्तान को कंगाल बनाने में कहीं कुछ मालूम पड़ा ?*
*चीन को उसकी औकात याद दिलाने में कहीं कुछ हुआ ?*
*मिशन "अज्ञात" के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में कहीं कुछ छींटे भी उस तक आए क्या ?*
*तो आप खुद अंदाज लगा लीजिए कि वह "बारिश के पहले पाल बांधने" में कितना कुशल है..!*
*उसे इसमें पूरी महारत हासिल है..!*
*पर हाँ..*
*आपको सावधान सतर्क और अपने आपको और अपनों को सुरक्षित करने की आवश्यकता से मैं इनकार नहीं कर रहा हूँ..!*
*बस दो काम हमें करने है..!*
*समर्थवान राजा के साथ डटकर खड़े रहना..!*
*और अपने समाज को जागृत बनाए रखना..!*
*राष्ट्र सर्वोपरि..!*
*भारत माता जय*
*वंदे मातरम - जय हिंद*
Vijay Verma
Sir, hum comments nahi kar pa rahe h. Aur na hi comments ko read kar pa rahe h.
Manoj Kumar
फ़िल्म अग्निपथ का दृश्य जब रऊफ लाला विजय की बहन को मंडी में नीलामी के लिए लाता है
इस तरह के दृश्य फ़िल्म, कहानी और इतिहास में काफी सुने होंगे
इसे आज तक भारत के लिबरल कथित बुद्धिजीवी द्वारा एक प्रोपगेंडा बताया जाता रहा है कि ये M को बदनाम करने के लिए मनगढ़ंत बातें हैं
जिन्हें औरतों को मंडी में नीलामी की बात महज कोरा बकवास लगता था अब वे तालिबान द्वारा औरत को नीलाम करने वाला वीडियो देख सकते हैं
और इस घटना के बाद भी आपके अंदर का लिबरल कीड़ा बाहर नहीं निकलता है तो बेशक आप मानसिक रूप से ख़तना वाले प्रजाति हो चुके हैं
कुछ लोगों को लगता होगा कि ये समस्या M देशों की है तो उन्हें भी बता दूं कि हैदराबाद में "मुताह" प्रथा के लिए लड़की औरतों का सबसे बड़ा मंडी लगता है
मुताह क्या है ?
तो मुताह अय्याशी के लिए किया गया एक कॉन्ट्रैक्ट निकाह है जिसे मन भरने के बाद कांट्रेक्ट को तोड़ दिया जाता है
ऐसा क्यों किया जाता है तो इस्लाम मे वेश्यावृत्ति हराम है इसलिए वेश्यावृत्ति का दूसरा रास्ता मुताह से होकर गुजरता है
यदि सच में आप में मानवता है तो हर कदम पर इस तालिबानी सोच का विरोध कीजिये, ये मानव और मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।