संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️
Mukesh Bansal
*सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट को सही बताया है ये वैसे तो गलत लगता है मगर upsc जिहाद खत्म कर दिया कैसे समझे ?*
आलिम
फाजिल
कामिल की डिग्री देने के अधिकार छीन लिए है |
अब इन डिग्री से होता क्या था ये समझे :-
कामिल से पोस्ट ग्रेजुएट
आलिम से ग्रेजुएट
फाजिल से आप रिसर्च से रिलेटेड काम कर सकते है
अगर आप मदरसे से पढ़े है तो बगैर btech , mtech या mcom करे आप upsc दे सकते थे और
आईएएस या पुलिस अधिकारी बन सकते है, अब मदरसे से जो केवल दीन की पढ़ाई करके आएगा तो वो तो केवल इस्लाम की ही बात करता है|
*अब मुस्लिम जो मदरसे से पढ़कर आयेगें उनको कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी इससे बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है, २००४ से जो जिहादियों को सरकारी नौकरियों में लाकर देश विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का जो काम २००४ में मुलायम सिंह और कांग्रेस की सरकारों ने करा था वो बंद हो गया है,*
सुप्रीम कोर्ट ने साथ में ये भी कहा है की मदरसों के लिए नियम बनाने का अधिकार केंद्र सरकार और राज्य सरकार को है |
*ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में क्या पढ़ाया जायेगा ये ugc एक्ट में आता है इसलिए मदरसों को कोई अधिकार नहीं है इस तरह की डिग्री देने का |*
*इस निर्णय से देखने में तो हार लग रही है मगर इसने योगी सरकार के दोनों हाथो में लड्डू दे दिया है।*