संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Ram kripal Singh राष्ट्रवादी
(owner)
उठो और धन्यवाद करों ईश्वर का, जिन्होंने एक दिन ओर दिया है जीने के लिए।
सनातन हिन्दू धर्म
Prajapati Sharma
Ex, sex, और sensex ने आधे युवाओं को बर्बाद कर रखा है ....