Rina Jain
*It was 23rd March 2020 , when Lockdown started in India* .. No one was knowing at that time what was written in future.. Everyone was clueless.. After Many setbacks *above 68 lakhs humans lost life worldwide* , We those are seeing March 2023 are Thankful to God for this Life ..and Life is getting smooth for All...!! *Love u Zindagi* .❤️
शशिरंजन सिंह
*राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के प्रपौत्र को लिखा गया एक पत्र...??*
*जिसमें राहुल गांधी द्वारा कहा गया कि.. RSS ने ही गांधी जी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें।*
*इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने जवाब मे राहुल गांधी को ये खुला पत्र लिखा, जिसे उन्होंने पब्लिक डोमेन में भी प्रसारित किया था।*
*प्रिय राहुल गांधी जी...*
*मोहनदास करमचंद गांधीजी मेरे परदादा थे, उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी, कई जांचों और आयोगों ने इस मामले पर शोध किया.. और किसी ने भी गांधी जी की हत्या मामले मे RSS को नही फंसाया.. और.. न ही RSS को जिम्मेदार ठहराया।*
*मेरे दादा स्व. रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल जी को श्री नाथूराम गोडसे को मृत्युदंड से मुक्त करने के लिए लिखा था।*
*आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि.. 1969 में जब रामदास गांधी मुंबई में शरीर त्याग रहे थे.. तब श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे ने उनसे मुलाकात की थी।*
*यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत का है.. और.. मेरा परिवार उससे आगे बढ़ चुका है।*
*आपके लोगों को मेरा विनम्र सुझाव है.. कि जो कांग्रेस और आपकी भलाई चाहते हैं, वो आगे बढ़ें.. और गांधी के नाम और इस मुद्दे को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करना बंद कर दें।*
*आप सभी.. विभिन्न आयोगों के निर्णयों को स्वीकार करने की उदारता दिखायें।*
*हर वक्त यह कहते रहना कि RSS ने गांधी को मारा.. यह कहने के समान है.. कि सिखों ने आपकी दादी को मार डाला.. जबकि यह झूठ है..? क्योंकि इसमें सारे सिख शामिल नहीं थे।"*
*आप गांधी परिवार से नहीं हैं। आपके परिवार और आपने भारत में गांधी के नाम का उपयोग करके इस देश की आंखों मे काफी लंबे समय तक धूल झोंकने का काम किया.. और देश को सात-आठ दशकों तक बेवकूफ बनाया।*
*आपके परिवार ने अवसरवादी नीति के तहत मेरे परदादा के सरनेम का ग़लत इस्तेमाल किया.. अब आप अपनी असलियत से देश को अवगत कराते हुए गांधी के नाम का प्रयोग करना बन्द कर दें।*
*आपके दादा गांधी नहीं..? फिरोज खान हैं.. वे जूनागढ़ के गुजराती पठान 'नवाब खान' के पुत्र थे.. नवाब खान की पत्नी एक पारसी थीं.. जिन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था।*
*आपकी दादी इंदिरा जी भी मुस्लिम थीं.. क्योंकि.. उन्होंने फिरोज खान से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था।*
*आप मुस्लिम और ईसाई के मिश्रण हैं.. आपमें जरा सा भी न तो कुछ राहुल है.. और.. न ही गांधी है।*
*आप कहीं से भी दूर-दूर तक हिंदू होने के करीब नहीं हैं.. बल्कि आप मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का एक संयोजन मात्र हैं।*
*मैं इसे इसलिए सार्वजनिक कर रहा हूं.. ताकि.. हमारे असली गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति को आप अब झांसा न दे सकें"।*
*आशा करता हूं.. आप मेरे परिवार के नाम का सहारा छोड़ अपने वास्तविक.. धर्म/जाति स्वरूप को ग्रहण कर लेंगे, साथ ही आप देश की आंखों मे धूल झोंकना बन्द कर देश से माफी मांगने का बड़ा दिल दिखाएंगे।*
*श्रीकृष्ण कुलकर्णी......*
*जय हिन्द.. वन्देमातरम्*
Soumen Laha
अजमेर दरगाह और हाजी अली में जाने वाले हिंदुओं की संख्या 80% तक घटी?
Amit Sharma
जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है।
अरे
"बॉडी" लेकर आइये,
"बॉडी" को उठाइये,
"बॉडी" को सूलाइये
ऐसे शब्दो से आपको पूकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नही पुकारते ,
जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी।
इसीलिए निर्मिती" को नही
निर्माता" को प्रभावित करने के लिये जीवन जियो।
जीवन मे आने वाले हर चूनौती को स्वीकार करे।......
अपनी पसंद की चिजो के लिये खर्चा किजिये।......
इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।....
आप कितना भी बूरा नाचते हो ,
फिर भी नाचिये।......
उस खूशी को महसूस किजिये।......
फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दिजिये।......
बिलकुल छोटे बच्चे बन जायिये।
क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।
लॉस तो वो है
के आप जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चूकी है।.....
हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,
"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,
"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,
"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,
"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,
"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,
"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,
"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,
अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,
वरना बिना जवाब के भी खुश हूं..!!