bhuvnesh giri
क्या डर अच्छा होता है?
दण्डः शास्ति प्रजाः सर्वा एवाभिरक्षति ।
दण्डः सुप्तेषु जागर्ति दण्डं धर्मं विदुर्बुधाः ।।
सारांश देखे तो दंड ही प्रजा पर शासन करता है और दंड के भय से ही प्रजा अनुशासित रहती है इस तरीके से देखा जाए तो दंड और दंड का भय दोनों ही राज्य के लिए हितकर है अन्यथा राज्य में अराजकता फैल जाएगी
उसी प्रकार
"ब्रह्मतेजोमयं दण्डमसृजत्पूर्वमीश्वरः।।"
अर्थात दंड को ईश्वर ने बनाया है इस प्रकार से दंड से प्राप्त भय या डर को भी परमात्मा ने ही बनाया है
और अंत में कण-कण में राम है तो काल भी राम है और महाकाल के प्रभु भी राम
राम ही सत्य है राम ही सनातन है उसी प्रकार से काल भी सत्य है काल भी सनातन है और राम ही काल है और राम की शक्ति से ही काल संचालित होता हैं
राम ही काल है यह सत्य है पर काल ही राम है यह आवश्यक नहीं
क्यों की राम अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड नायक है ।
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम