संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
rohit sahu जिला मंत्री
सह कार्यालय भाजपा कानपुर महानगर उत्तर
भारतीय जनता पार्टी का मूल श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा १९५१(1951) में निर्मित भारतीय जनसंघ है। १९७७(1977) में आपातकाल की समाप्ति के बाद जनता पार्टी के निर्माण हेतु जनसंघ अन्य दलों के साथ विलय हो गया। इससे १९७७ में पदस्थ कांग्रेस पार्टी को १९७७ के आम चुनावों में हराना सम्भव हुआ। तीन वर्षों तक सरकार चलाने के बाद १९८०(1980) में जनता पार्टी विघटित हो गई और पूर्व जनसंघ के पदचिह्नों को पुनर्संयोजित करते हुये भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया गया। यद्यपि शुरुआत में पार्टी असफल रही और 1984 के आम चुनावों में केवल दो लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही।( इसका बड़ा कारण १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के कारण उनके बेटे राजीव गांधी को सहानुभूति की लहर थी) इसके बाद राम जन्मभूमि आंदोलन ने पार्टी को ताकत दी। कुछ राज्यों में चुनाव जीतते हुये और राष्ट्रीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुये १९९६ में पार्टी भारतीय संसद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। इसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया जो १३ दिन चली। १९९८ में आम चुनावों के बाद भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का निर्माण हुआ और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी जो एक वर्ष तक चली। इसके बाद आम-चुनावों में राजग को पुनः पूर्ण बहुमत मिला और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार ने अपना कार्यकाल पूर्ण किया। इस प्रकार पूर्ण कार्यकाल करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी। २००४ के आम चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और अगले १० वर्षों तक भाजपा ने संसद में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाई। २०१४ के आम चुनावों में राजग को गुजरात के लम्बे समय से चले आ रहे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारी जीत मिली और २०१४ में सरकार बनायी। इसके अलावा दिसम्बर २०१७ के अनुसार भारतीय जनता पार्टी भारत के २९ राज्यों में से १९ राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है। भाजपा की कथित विचारधारा "एकात्म मानववाद" सर्वप्रथम १९६५ में दीनदयाल उपाध्याय ने दी थी। पार्टी हिन्दुत्व के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करती है और नीतियाँ ऐतिहासिक रूप से हिन्दू राष्ट्रवाद की पक्षधर रही हैं। इसकी विदेश नीति राष्ट्रवादी सिद्धांतों पर केन्द्रित है। जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष संवैधानिक दर्जा ख़त्म करना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करना तथा सभी भारतीयों के लिए समान नागरिकता कानून का कार्यान्वयन करना भाजपा के मुख्य मुद्दे हैं। हालाँकि १९९८-२००४ की राजग सरकार ने किसी भी विवादास्पद मुद्दे को नहीं छुआ और इसके स्थान पर वैश्वीकरण पर आधारित आर्थिक नीतियों तथा सामाजिक कल्याणकारी आर्थिक वृद्धि पर केन्द्रित रही।
Nitin Kumar Mishra
शुक्र है रामायण काल में #आयुष_मंत्रालय नहीं था!
वरना लक्ष्मण के प्राण और सुशेन वैद्य का लाइसेंस दोनों खत्म थे!
GOURAV Dhall
हिन्दुओं के संगठित नहीं होने का फायदा वो उठा रहे हैं और जब जो चाहे बोलते रहते हैं।
खबर है कि अरबाज खान ने कहा कि किसी भी हिन्दू संगठन मे इतना दम नही की सलमान भाई की फिल्म को फ्लॉप करा सके?
ये ऐसा इस लिए बोल रहा है क्यों कि इसे पता है हिन्दू बंटा हुआ है... वक्त है जागो सनातनियों