Dinesh Kumar Yadav
(owner)
फेसबुक का मालिक जुकरबर्ग भी दिल्ली दंगे में कपिल मिश्रा की गलती निकाल रहा है
इसलिए इसका बहिस्कार करो और भारत का बना inbook अपनाओ
Miitu Miitu Das
#স্বেচ্ছায়_রক্তদান_শিবির
"একের রক্ত,অন্যের জীবন
রক্তই হোক ,আত্মার বাঁধন"
ভারতীয় জনসঙ্ঘের প্রতিষ্ঠাতা ভারত কেশরী ডঃ #শ্যামা_প্রসাদ_মুখার্জীর বলিদান দিবস উপলক্ষে #পেঁচারতল_মন্ডল_যুব_মোর্চার(BJYM) উদ্যোগে পেঁচারতল মন্ডলের লালজুরি এলাকায় স্বেচ্ছায় রক্তদান শিবিরের অনুষ্ঠানে উপস্থিত ছিলেন মাননীয় শ্রী ভগবান দাস মহাশয় ।।
Rupraaj Oraon
[11/29, 6:53 PM] +91 98601 72397: https://youtu.be/Rzu1_ixpQwc
[11/30, 11:35 AM] +91 97824 15590: मेरी आम (जानता) से अपील ह (केंद्र सरकार) ने तो (हाथ खड़े) कर दिये (सुप्रीम कोर्ट) मे (कोरोना व्यक्सीन) लगने के बाद जो (मोते) हो रही ह उसकी (जिमेवर सरकार) (23-नवम्बर-2022) को (केंद्र सरकार) ने (सुप्रीम कोर्ट) मे एक (अफेडेविट) लगाया ह (277) पन्नों का, जिसमे कहा ह की (कोरोना) व्यक्सीन से जिन (लोगो) की (मौत हुई) ह या होगी उसके लिए (केंद्र सरकार) (जिम्मेवार नहीं) ह हमने (जबरदस्ती) किसी को (व्यक्सीन) नहीं लगाई लोगो ने (अपनी मर्जी) से लगवाई ह,ओर उनलोगो को सरकार (मुआवजा) भी नहीं देगी वो (सुप्रीम कोर्ट) मे (कम्पनी) के (खिलाफ मुकदमा) करके (मुआवजा) ले सकता ह। "अब अप उन (लोगो) को ढूंढो जिन्होंने आपको (फोर्सफुल्ली) कहा था (व्यक्सीन) नहीं लगवाई तो, (दुकान) मे नहीं (बैठ सकते), (कम्पनी),(ऑफिस) मे काम नहीं कर सकते,(सेलरी) या (पेंसन) ओर कोई भी सरकारी योजना का लाभ (राज्य या केंद्र सरकार) की हो (नहीं मिलेगी) ओर उस टाइम (मिल भी नहीं) रही थी (राशन नहीं) मिलेगा, (ट्रेन, बस, हवाई जहाज, मेट्रो) मे सफर नहीं कर सकते (स्कूल, कॉलेज, परीछा केंद्र,व किसी दूसरे (राज्यों मे घूमने) नहीं जा सकते। ऐसे तमाम (नियम-कानून) का डर दिखाकर (जानता) पर (राज्य ओर केंद्र सरकार) ने (बिना+सोचे+समझे) कोरोना (व्क्सीन) को भोली भाली आम जानता मे (जबरदस्ती टॉर्चर) करके (घर मे घुसकर) या सडक पर चलते ना (बूढ़े+बुजर्गो) का (लिहाज किआ)ओर कोरोना टिका लगवा दिया ओर (अपनी-अपनी) पीठ (देश की सभी राज्य) ओर (केंद्र सरकारो) ने (वाह-वाही) लूटी (अपना- अपना) "राज्य व्यक्सीनेशन" मे (अवव्ल नंबर) बना ने के लिए, सभी (जिलों) के तमाम उन (बड़े+छोटे) पदो पर (कर्मचारी, डॉक्टरों की टिम, यहा तक की (प्राइवेट), लोगो की (ठेका देकर व्यक्सीन) का (टारगेट पुरा) करवाया।
"अब जब इनके (साइडिफेक्ट) से देश की (भोली-भाली) जानता मे से लोग (हार्ट अटेक, किडनी फेल, ब्रन्हेमरेज) जैसे घातक (अटेको से लोग मर) रहे ह, (किसी की जवाब देही) ह की नहीं (इस देश) मे,
मेरी नजरों मे, (व्यक्सीन) बना ने वाली (कम्पनी), (रिसर्चर), (वैज्ञानिक), (डॉक्टर), ओर वो तमान (छोटे-बड़े) पद पर बैठे (कर्मचारी, इस्थानीय, राजनेता, मंत्री, सांसद, विधायक, चेयरमेन, विपक्छी पार्टी, (राहुल गांधी) जैसे लोग जो कह रहे थे (विदेशो) मे तो (व्यक्सीन बन ओर) ओर लग ओर, भारत मे अबतक क्यू नहीं बनी कब बनेगी असे (ताने मारे थे), सरकार को मजबूर किआ था। ये लोग भी (जिम्मेवार) ह। इत्यादि जो भी दोसी नजर आता ह, इन सभी के खिलाफ (सुप्रीम कोर्ट, (खुद संज्ञान) लेकर मे (302) के तहत मुकदमा चलना चाइये, ये लोग अब भी चुप क्यू ह इस मामले पर इनको फांसी की सजा होनी चाइये, अगर सुप्रीम कोर्ट, सरकार ईमानदार ह तो, जानता की भला चाहती ह तो, ये सब काम करे देश को जान के साथ साथ आर्थिक नुकसान हुआ ह जो अलग अरबो खरबों की व्यक्सीन बनवाई ओर उसे लगवाने का खर्चा आया जो अलग, देश सब देख रहा ह, अगर सरकार चलाने वाले राजा मे खुद का दिमाक ना हो तो उसे पद पर रहने का कोई हक नहीं ह, WHO देश के एक्सपर्ट डॉक्टरों की बातो मे आकर देश को मौत के मुह मे डालने का हाक किसी को नहीं ह, या तो इनके खिलाफ जांच करके करवाही करो। नहीं तो कुछ समय बाद बहुत जल्द (श्री कल्कि) भगवान जरूर इनसबका हिसाब करेंगे जय श्री हरी, हर हर महादेव "जय हिंद"
देश का सुभचिन्तक आम नागरिक