Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
Bunny Yadav
brothers ND sisters all of u sabhi post ko like Marthy raho sabhike postoko tho interest ayenga use karneme
संजीव जैन
(owner)
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Manishamanishjain Jain
उम्र
एक लडकी की उम्र भले ही चालीस पार क्यों ना हो जाएं ,
फिर भी वो आजाद नही हो पाती समाज की रुढिवादी सोच से ,
उसकी बेबाक सी हँसी , उसका अपने लिए ही नाँचना ,
उसका हँस कर सभी से बतियाना , उसके चरित्र से आँक दिया जाता हैं ,
बच्चों मे बच्चे जैसी हो जाना , आँक दिया जाता हैं उसकी उम्र से ,
औरत का खुद के लिए जीना , खटक जाता हैं सभी की आँखो मे ,
औरत का लडकी बन जीना , उसके मनभावन कपड़ों का पहनना ,
उसका सजना , सँवरना , हर बात मे यही ताना उम्र का भी ख्याल नही इसको ,
हर कोई बस लडकी का चरित्र ही नापने को रह जाता हैं ,
कोई उसके मन की गहराई नही नाप पाता ,
उसके अंर्तमन मे उठ रही उथल -पुथल कोई नही देख पाता ,
उम्र औरत की कुछ भी रही हो , उसका मापदंड बस एक
वो चुप रहे , और सबकी सुने .......
स्वरचित
Kalyani Borkar
don't feel guilty for being not as driven as your peers.
everyone's life has a different purpose...
मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
Saurabh Jain
ये दो खबरें देखिए
एक तरफ सिंगुर है जहां से ममता बनर्जी ने टाटा की फैक्ट्री को भगा दी।
अब सिंगुर के किसान सरकारी 2 रुपए किलों के चावल पर जिंदा हैं
सारे दिन अपने खेतों से फैक्ट्री का मलबा निकालते हैं।
फैक्ट्री लगने के बाद जो बैंक खुले थे वो सब धीरे-धीरे बंद हो गए
अब सिंगुर नंदीग्राम के लोगों का कहना है कि इससे अच्छा तो नक्सली बन जाते।
दूसरी तरफ गुजरात का साणंद है
सिंगुर से निकाले जाने के बाद मोदी के कहने पर टाटा की फैक्ट्री यहां लगाई गई थी
टाटा के बाद यहां फोर्ड, मारुति, जनरनल मोटर्स, हीरो मॉटोकोर्प जैसी कंपनियों के दर्जन प्लांट लग चुके हैं
साणंद की जमीन की कीमत आसमान छू रही हैं और साणंद भारत ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा ऑटो मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है
ये सब सिंगुर में होता अगर सिंगुर के लोगों में रत्ती भर अक्ल होती।
ये 10 दिन का आंदोलन, ये क्रांतिकारी बनने की चुल
ये सरकार को दिखा देने की आग, इसके चक्कर में अपनी पूरी पीढ़ियां बर्बाद कर ली।
और ये नेता इन्हें जरा शर्म नहीं आती
ये मिल बंद करवा कर मजदूर का भला करते हैं
यूनिवर्सिटी बंद कराके छात्रों का
और खड़ी फसल पर टैक्टर चलवा कर किसान का
मुंबई में कम्युनिस्टों ने एक साथ 80 कपड़ा मिल बंद करा दी और वो इस बात पर गर्व करते हैं
ये शहर के शहर उजाड़ देते हैं
बुलट ट्रैन नहीं आनी चाहिए, बांध नहीं बनने चाहिए
जमीन अधिग्रहण नहीं होना चाहिए क्योंकि उद्योग सिर पर तो लगेंगे नहीं
तो जब जमीन ही नहीं मिलेगी तो उद्योग लगेंगे कैसे
ये उद्योगपतियों से नफरत करना सिखाते हैं
और फिर नौकरी नहीं का रोना रोएंगे
धीरे-धीरे सारे देश को क्रांतिकारी बनाएंगे
बंदूक थमाकर नक्सली बनाएंगे
सिंगुर और नंदीग्राम का शानदार विकास करने के बाद
अब दिल्ली के कथित किसान नेता भी बंगाल पहुंच रहे हैं अपनी आंदोलन की दुकान लेकर
पता नहीं सिंगुर और नंदीग्राम वालों को अभी समझ आया है या नहीं कि उनके साथ क्या हुआ है।
लेकिन आप चिंता मत कीजिए
सामने भी वो ही नेता मोदी है जिसने साणंद को साणंद बनाकर ही दम लिया।