भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं।
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
राजेश शर्मा
माँ भारती के अमर सपूत, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जलियांवाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लेकर विश्व में भारतीय शौर्य और साहस को प्रतिष्ठित करने वाले सरदार उधम सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
आपका अतुल्य बलिदान राष्ट्र सेवा हेतु सभी को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
Praveen Patel
राफ़ेल ✈️आने की ऐसी खुशी हो रही है
जैसे मैं खुद फॉर्च्यूनर ले आया हूं..
राहुल वर्मा
मुस्कानों के मधु गान नहीं
अंतर के अश्रु चुने हमने
पीड़ा से गीत बुने हमने!
यदि गाते केवल यशोगान
या शौर्य किसी सम्रांगण के
अपराधी होते गीत मेरे
विधवाओं के शिशु क्रंदन के!
यदि गीत अटारी कंगूरे महलों
की बस शोभा गाते
नींवों की पीड़ा के सम्मुख
लज्जित होकर ये झुक जाते!
अनकही व्यथाओं को गाया
अवहेलित मौन सुने हमने
पीड़ा से गीत बुने हमने !
जब प्रेम लिखा है गीतों में
हमने न कभी अभिसार लिखा
है लिखा विरह के तप जैसा
शुभ संकल्पित उपहार लिखा
जब तक जलती है दीपशिखा
हैं गीत दीप के हिस्सों में
वर्तिका स्वयं जल शून्य हुई
हो गई उपेक्षित किस्सों में?
वो हुई यज्ञ की समिधा सी
उसके वो भाव गुने हमने!
पीड़ा से गीत बुने हमने
गीतों में सावन गाऊं बस
तो पतझड़ प्रश्न उठाते हैं
बादल धरती को दे रिमझिम
कितने खाली हो जाते हैं
उस खालीपन का मान लिखा
सूरज के ढलने को गाया
जो सब कुछ देकर रिक्त हुए
उनको गीतों में दोहराया!
शून्यता सहेजे दुख गाए
अनकहे से अनसुने हमने!
पीड़ा से गीत बुने हमने!!