शशिरंजन सिंह
*राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के प्रपौत्र को लिखा गया एक पत्र...??*
*जिसमें राहुल गांधी द्वारा कहा गया कि.. RSS ने ही गांधी जी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें।*
*इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने जवाब मे राहुल गांधी को ये खुला पत्र लिखा, जिसे उन्होंने पब्लिक डोमेन में भी प्रसारित किया था।*
*प्रिय राहुल गांधी जी...*
*मोहनदास करमचंद गांधीजी मेरे परदादा थे, उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी, कई जांचों और आयोगों ने इस मामले पर शोध किया.. और किसी ने भी गांधी जी की हत्या मामले मे RSS को नही फंसाया.. और.. न ही RSS को जिम्मेदार ठहराया।*
*मेरे दादा स्व. रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल जी को श्री नाथूराम गोडसे को मृत्युदंड से मुक्त करने के लिए लिखा था।*
*आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि.. 1969 में जब रामदास गांधी मुंबई में शरीर त्याग रहे थे.. तब श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे ने उनसे मुलाकात की थी।*
*यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत का है.. और.. मेरा परिवार उससे आगे बढ़ चुका है।*
*आपके लोगों को मेरा विनम्र सुझाव है.. कि जो कांग्रेस और आपकी भलाई चाहते हैं, वो आगे बढ़ें.. और गांधी के नाम और इस मुद्दे को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करना बंद कर दें।*
*आप सभी.. विभिन्न आयोगों के निर्णयों को स्वीकार करने की उदारता दिखायें।*
*हर वक्त यह कहते रहना कि RSS ने गांधी को मारा.. यह कहने के समान है.. कि सिखों ने आपकी दादी को मार डाला.. जबकि यह झूठ है..? क्योंकि इसमें सारे सिख शामिल नहीं थे।"*
*आप गांधी परिवार से नहीं हैं। आपके परिवार और आपने भारत में गांधी के नाम का उपयोग करके इस देश की आंखों मे काफी लंबे समय तक धूल झोंकने का काम किया.. और देश को सात-आठ दशकों तक बेवकूफ बनाया।*
*आपके परिवार ने अवसरवादी नीति के तहत मेरे परदादा के सरनेम का ग़लत इस्तेमाल किया.. अब आप अपनी असलियत से देश को अवगत कराते हुए गांधी के नाम का प्रयोग करना बन्द कर दें।*
*आपके दादा गांधी नहीं..? फिरोज खान हैं.. वे जूनागढ़ के गुजराती पठान 'नवाब खान' के पुत्र थे.. नवाब खान की पत्नी एक पारसी थीं.. जिन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था।*
*आपकी दादी इंदिरा जी भी मुस्लिम थीं.. क्योंकि.. उन्होंने फिरोज खान से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था।*
*आप मुस्लिम और ईसाई के मिश्रण हैं.. आपमें जरा सा भी न तो कुछ राहुल है.. और.. न ही गांधी है।*
*आप कहीं से भी दूर-दूर तक हिंदू होने के करीब नहीं हैं.. बल्कि आप मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का एक संयोजन मात्र हैं।*
*मैं इसे इसलिए सार्वजनिक कर रहा हूं.. ताकि.. हमारे असली गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति को आप अब झांसा न दे सकें"।*
*आशा करता हूं.. आप मेरे परिवार के नाम का सहारा छोड़ अपने वास्तविक.. धर्म/जाति स्वरूप को ग्रहण कर लेंगे, साथ ही आप देश की आंखों मे धूल झोंकना बन्द कर देश से माफी मांगने का बड़ा दिल दिखाएंगे।*
*श्रीकृष्ण कुलकर्णी......*
*जय हिन्द.. वन्देमातरम्*
शिव कुमार उपाध्याय
*जीवन का आनंद साथ में हैं*
*अकेले हम बूँद हैं,*
*मिल जाएं तो सागर हैं।*
*अकेले हम धागा हैं,*
*मिल जाएं तो चादर हैं।*
*अकेले हम कागज हैं,*
*मिल जाएं तो किताब हैं।*
*
Gaurav chaurasia jhansi
19 Sep, Alwar- 45 year old gang raped by 6.
26 Sep, Alwar- 4 year old girl raped by 47 year old.
Now 2 more minors gang raped in Rajasthan.
@ashokgehlot51 @priyankagandhi
Jp Dhakad
चीनी' को एक 'चाय वाला' ही गर्म पानी में डालकर उबाल के पी सकता है!! सबके बस की बात नहीं है।
Somesh Trigunayat
"क्या ये सही है कि असम में लड़कियां जब बालिग होती हैं तो पहले उनकी शादी केले के पेड़ से कराई जाती है "- मनोज वत्स जी
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हां.ऐसी प्रथा है. इसे तुलोनी बिया कहते हैं ।
आम तौर पर भारत मे जहां माहवारी को एक सामाजिक वर्जना बनाकर रख दिया गया है.वही देश के असम जैसे कई राज्यो में इसे womenhood की प्राप्ति की खुशी में सेलिब्रेट किया जाता है. आमतौर पर भारतीय समाज में किशोरियों को कब पीरियड्स आना शुरू होते हैं इसके बारे में उसके घर की महिलाओं को छोड़कर किसी को जल्दी जानकारी नही हो पाती.यहां तक कि लड़की के घर के पुरुष सदस्य को भी नही।
स्थिति इतनी नाजुक और परेशान करने वाली है कि मानव जीवन निर्माण के एक स्टेप को समाज मे अच्छा नही माना जाता.औरतें दुकानों पर पैड्स तक लेने में घबराती हैं.आफिस में भी अजीब माहौल रहता है इन चार दिनों में ।
परन्तु भारत के ही राज्य असम में ऐसा नही है ।
• असम में जब कोई किशोरी प्रथम बार मेंस्ट्रएशन से होती है तो उसे एक देवी का दर्जा देते हुए एक अलग कमरे में जगह दी जाती है.और उसके लिए लिए एक परंपरा का निर्वाहन किया जाता है इसे तुलोनी बिया कहते हैं.इसका मतलब small marriage होता है ।
• फिर सारे सगे संबंधियों को न्योता दिया जाता है.कुछ औरते वरपक्ष की तरफ हो जाती हैं और कुछ कन्या.और इस प्रकार लड़की की केले के तने के साथ शादी की जाती है. इसे प्रथम विवाह या small marriage या असमिया में तुलोनी बिया भी कहते हैं.ये विवाह जैसा ही होता है.सब लोग खाते पीते और खुशी मनाते हैं ।
• इस प्रकार पूरे समुदाय को किशोरी के पीरियड्स के बारे में पता चल जाता है ।
• तुलोनी बिया के बाद अगर किसी को वो लड़की पसंद आती है या लड़की किसी भी लड़के के साथ रिलेशन में आती है तो उसे एक्सेप्ट कर लिया जाता है.और समाज मे उन्हें प्रताड़ना नही दी जाती बल्कि एक भावी जोड़े के रूप में देखा जाता है.उचित समय देखकर दोनो की शादी की जाती है ।
• हमारे समाज मे दहेज प्रथा है नही .अतः 100 में से लगभग 99 शादियां प्रेम विवाह से ही होती हैं ।
इस प्रकार कह सकते हैं कि असम में हर लड़की की दो शादियां होती हैं ।
असम की तुलोनी बिया कल्चर के बारे में बताने के साथ मेरा उद्देश्य ये बताना है कि पीरियड्स होना कोई अनहोनी नही है.इसे एकदम साधारण रूप से ही लिया जाना चाहिए न कि किसी सामाजिक वर्जना की तरह ।
जैसे एक बालक विकसित होकर पुरुष में तब्दील होता है वैसे बालिकाएं भी विकसित होकर महिलाओं में तब्दील होती हैं.मानव विकास के क्रम में जरूरी जीवन निर्माण की प्रक्रिया के लिए दोनो जरूरी हैं.अपने घर के पुरुष सदस्यों को इस बारे में शिक्षित करें, उनसे बात करें.और उन्हें ओवुलुशन के बारे में जानकारी दें.ताकि किसी ओवल्युटिंग फीमेल को लेकर उनके मन मे बेवजह घृणा या एमबैरेसमेन्ट फील करने की बजाय वे इसे बिल्कुल ही साधारण घटना की तरह लें ।
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अगर शर्म न आये तो अपनी अपनी वाल पर पोस्ट करें।
गीताली सैकिया बहन की वॉल से ......
Shesh Mani Yadav
मित्रों इस विकास दूबे ठोकाई ऐसी होनी चाहिये की दोबारा ऐसी गलती करने वाले की रूह कांप जाये
जय हो योगी जी