Rina Jain
*It was 23rd March 2020 , when Lockdown started in India* .. No one was knowing at that time what was written in future.. Everyone was clueless.. After Many setbacks *above 68 lakhs humans lost life worldwide* , We those are seeing March 2023 are Thankful to God for this Life ..and Life is getting smooth for All...!! *Love u Zindagi* .❤️
Ranjeet Rai
आपको #प्रशांत किशोर नाम याद हैं!!
जरा दिमाग पर जोर डालिये और मात्र दस साल पहले 2014 अगस्त याद कीजिये जब कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को ठेका दिया था राहुल गांधी को राजनीति में चमकाने का! प्रशांत ने 350 करोड़ में राहुल गांधी को राजनीति का सूरज बना देने का कॉन्ट्रेक्ट साइन किया था। अगस्त के आखिर में प्रशांत किशोर ने बाकायदा सोशल मीडिया पर एक विज्ञप्ति निकाली थी कि जो लोग सोशल मीडिया पर लिखने में एक्सपर्ट हैं वे उससे जुड़े ओर करीब 60 हजार लोगों की लिस्ट बनी थी मुंबई में एक मीटिंग रखी गई दूसरी बनारस में। लगभग पांच हजार लोगों को छांट कर एक आईटी सेल बनाई गई जो दिन रात कांग्रेस को अपग्रेड करते थे!
दूसरा आपको '#द वायर' याद हैं! जिसने अमितशाह के बेटे पर 300% मुनाफा कमाने का आरोप लगाया था और रातों रात चर्चा में आई थी?? हालांकि 'द वायर' ने बाद में केजरीवाल की तरह माफी भी मांगी और कोर्ट में जुर्माना भी भरा था लेकिन द वायर को चर्चा में आना था सो वह आ गई।
अब तीसरा हाल ही का '#कैम्ब्रिज अनालिटिका' को भी याद कीजिये कि हजार करोड़ लेकर कांग्रेस से सरकार बनवाने का कॉन्ट्रेक्ट इसी कम्पनी ने लिया था। ये केम्ब्रिज अमेरिकी कम्पनी हैं जिसने ट्रम्प का प्रचार किया था और कांग्रेस ने इसी बेस पर इसे राहुलगांधी के लिये हजार करोड़ देकर यहां भारत मे एप्रोच किया!
अब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया हैं लेकिन जाते जाते आईटी सेल दे गया। उसकी बनाई आईटी सेल के हर व्यक्ति को बीस हजार महीने से लेकर योग्यता अनुसार लाख से ऊपर तक महीने की तनख्वाह दी जाती हैं। प्रशिक्षण देकर लाइव डिबेट के लिये तैयार किया जाता हैं।
हर विषय को कैसे हैंडल करना हैं, इसपर बाकायदा किताबे छपी हुई हैं और ये सब लोग रात दिन अपनी तनख्वाह बढ़ाने के चक्कर मे सोशल मीडिया पर लगे हुए हैं जो आज भी जारी हैं और हर महीनें सेंकडो करोड़ पानी की तरह इनपर कांग्रेस बहा रही है।
अब 'द वायर' जैसी हजारों वेवसाईट और ब्लॉग धड़ल्ले से चल रहे हैं जिनका काम सिर्फ न्यूज लिंक क्रिएट करना हैं और वही न्यूज बनानी हैं जो आईटी सेल चाहती हैं।
केम्ब्रिज ने इनसे दो कदम आगे बढ़कर वो फार्मूला आजमाया जो ये गोरे शुरू से आजमाते हैं। केम्ब्रिज ने 2014 के वोट प्रतिशत और किस जगह से कितने आये किस जाति से कितने आये इसकी डिटेल निकाली और इन वोटों को तोड़ने की उसने बाकायदा आधिकारिक घोषणा की की वह इस #हिंदुत्व की एकता को ही तोड़ देंगे 'न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी'।
प्रशांत किशोर से लेकर केंब्रिज के बीच और भी बहुत प्रयास हुए हैं।
अब इस गेम को समझिये की कहाँ से आते हैं वो फोटोशॉप जो नफरत फैलाते हैं? कैसे गलत न्यूज रातों रात वायरल हो जाती हैं? कैसे मोदी के बयान को तोड़कर उसे गलत सिद्ध करने के लिये तुरन्त लिंक न्यूज फैल जाते हैं? कैसे अखबार की एडिट कटिंग तुरन्त मिल जाती हैं? लेकिन बात यहीं तक नही हैं ये मोदी विरोध के चक्कर मे कब देश का विरोध करने लगे इन्हें भी नही पता! कब जातिवाद के चक्कर मे धर्म को गालियां देने लगे इन्हें भी नही पता हैं! मोदी विरोध के फेर में ये भारत को ही गालियां देने लगे हैं।
आईटी सेल के हर व्यक्ति को मोदी विरोध का पैसा मिलता हैं। जो जितना ज्यादा प्रभावी ढंग से विरोध करेगा उतना ही ज्यादा पैसा हैं लेकिन इसका ये मतलब तो नही की हमारी अक्ल घास चर रही हैं! केवल चार साल में इनका फैलाया जहर इस हद तक फैल गया कि दिमाग मे एक दूसरे के लिये सिर्फ नफरत को जगह हैं बाकी ब्लेंक!
याद रखिये '#अंध विरोध की काट #अंधभक्त होना ही हैं' हमारे आपके जैसे अंधभक्तो ने प्रशांत किशोर, द वायर और केम्ब्रिज जैसो को घुटनों पर ला दिया हैं और आगे भी कोई देशविरोधी होंगे तो उन्हें भी लाएंगे!
क्योकि हमारा अभी ब्रेनवाश नही हुआ हैं! तो अबकी बार चार सौ पार