Rina Jain
*It was 23rd March 2020 , when Lockdown started in India* .. No one was knowing at that time what was written in future.. Everyone was clueless.. After Many setbacks *above 68 lakhs humans lost life worldwide* , We those are seeing March 2023 are Thankful to God for this Life ..and Life is getting smooth for All...!! *Love u Zindagi* .❤️
Ranjeet Rai
कोई भी कार्य चाहे कृषि हो, उद्योग धंधे हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्ड करना हो अगर पूंजी की कमी हो तो लोन लिया जाता है। इसी तरह बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चरस को पूरा करने के लिए सरकारें भी लोन लेती है और फिर धीरे-धीरे उस लोन को चुकता कर दिया जाता है।
लोन को चुकता कर देने की क्षमता को देखते हुए क्रेडिट एजेंसीज उस देश को क्रेडिट रेटिंग देती है।
ट्रिपल ए की रेटिंग सबसे अच्छी मानी जाती है लेकिन अभी हाल ही में Moody's ने अमेरिका की ट्रिपल ए की रेटिंग को कम करते हुए AA1 रेटिंग कर दी है।
37 ट्रिलियन डॉलर के लोन के साथ अमेरिका पर हर रोज लगभग 86 मिलियन डॉलर का भार बढ़ता जा रहा है जो की आने वाले समय में अमेरिका को दिवालियापन की और अग्रसर कर रहा है जिससे बचने की कोशिश में ट्रम्प ऊलजुलूल फैसले ले रहा है। प्रति सप्ताह अपने लिए गए फैसलों को बदलने का क्रम ट्रम्प की हताशा इंगित कर रहा है जिससे अमेरिका की इकोनॉमी पर धीरे-धीरे बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
विश्व को यह नहीं भूलना चाहिए कि आज भी अमेरिका विश्व में सबसे ज्यादा ताकतवर देश माना जाता है। दिवालिया पन की हताशा में अमेरिका आने वाले समय में कभी भी पूरे विश्व की शांति को भंग कर सकता है।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए भारत को अभी बहुत लंबा सफर तय करना है। आत्म निर्भर भारत के साथ-साथ भारत को सशक्त भारत भी बनना होगा।
वियतनाम और अफगानिस्तान जैसे छोटे छोटे देशों से हारने के बाद अमेरिका कभी भी भारत या चीन के साथ सीधे युद्ध करने की हिम्मत नहीं करेगा और दूसरे देशों पर गृह युद्ध, आर्थिक प्रतिबंध और परोक्ष युद्ध थोप कर अपनी सर्वोच्चता जाहिर करने की कोशिश करता रहेगा।
अतः भारत को पूर्ण युद्ध में उलझने से पहले अपने आप को आत्म निर्भर बनने के अलावा चीन और अमेरिका जितना सशक्त बनाना होगा।
अभी हाल की घटनाओं से तो यही लगता है कि भारत को सशक्त भारत अभियान में रूस और इॹरायल के अलावा और किसी की मदद नहीं मिलेगी।
मोदी जी अपने इसी मिशन पर अग्रसर हैं।