अञ्जलि चन्द्रवँशी
(owner)
#इंटरव्यू
#अञ्जलिk44 सरकार से #साक्षात्कार में कुछ सवाल पूछे....सरकार के उत्तर #अचंभित करने वाले मिले.....
मैं :: दुनियाभर में कोरोना फैल रहा है इसके बारे में क्या सोचते हैं
सरकार:: जी मैं भी न्यूज़ देख रहा हूँ मैं #सलाहकार से सम्पर्क हूँ
मैं:: क्या आप #भारतीय_वैग्यानिक और बड़े चिकित्सक के सम्पर्क में हैं
सरकार:: नही, मैं WTO के संपर्क है वो इसका उपाय ढूंढ रहे हैं
मैं:: क्या पर विदेश मे कोरोना फैला है उसके विषय मे क्या सोचते हैं
सरकार:: इस विषय मे मैं अमेरिका से बात कर रहा हूँ वो बोल रहे हैं कि WHO सक्षम है...
मैं:: तो क्या WHO से बात हुई? और हुई तो क्या कहे??
सरकार:: WHO ने कहा सभी देशों में फैल रही है आप अभी रुकिये आपके देश मे नही आएगी गर्म क्षेत्रों में असर कम होता है
मैं:: तो आप भारतिय वैज्ञानिकों और चिकित्सक की सलाह क्यो नही लेते
सरकार:: कुछ प्रोटोकॉल है WHO के
मैं:: तो अब क्या ऑर्डर मिले हैं
सरकार:: दारू से कैरोना नही फैलती है WHO ने कहा है और एक के लिए ऑर्डर मिले हैं
मैं:: अच्छा तो फिर आप क्या करेंगे
सरकार :: एक दिन का लॉकडौन और शाम को थाली बाजवा दूँगा जिससे #मनोबल बढ़े
मैं: जर्मनी जापान आदि देश को क्यो नही देखते और राय लेते है वो तो अच्छा कर रही है वो WHO को फ़ॉलो भी नही करते
सरकार:: #प्रोटोकॉल है और मैं WHO गया था तो 9 दिन लॉकडौन के लिए बोले है तो यही करेंगे और जहां तक खाने की बात तो कुछ कर लेंगे
मैं :: आपको नही लगता जैसे आप विदेशी को अपने देश ला रहे है और बिना सभी के जांच किये छोड़ देना सही नही है... और मजदूरों को इस लोकडौन के पहले उनको घर पहुंचा देना चाहिये
सरकार:: देखिय अञ्जलि जी, विदेशी भारतीय हमारे लिये प्रथम भूमिका है मैं उन्ही की सुरक्षा देखूंगा ताकि विदेशों में हमारी छवि अच्छी दिखे घर का क्या है ये सब तो चलता है
और दान माँग लिए है उनको थोड़ा बहुत खिला देंगे शांत हो जाएंगे
मैं:: सुन रहे है आप लोन लिये है $6 बिलियन मांगे थे $1 मिलें है
सरकार: अंदर की बात है ये सब सबके सामने नही ला सकते
मैं:: अब आप क्या करेंगे दान तो बहुत मिल चुका है
सरकार:: इससे काम नही चलेगा क्योंकि अंदर की बात ये है अञ्जलि जी की 4 महीने का लॉकडौन WHO ने बोला है अब इससे कुछ नही होगा..... अब शराब और टैक्स भी बढ़ाने पड़ेंगे
मैं:: क्या ये खतरा नही होगा
सरकार:: देखिय मुझे कुछ आंकड़े देने है WHO को तो ये करना पड़ेगा प्रोटोकॉल है और कुछ मरेंगे तो उन्हें इस आंकड़े में जोड़कर तथा मरने वालों को कुछ मुआबजा देकर मामला खत्म हो जाता है
मैं: अच्छा, तो दुनिया के बल्कि अब तो भारत के भी कुछ वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने इसे #षडयंत्र बताया है आप क्या कहते है
सरकार :: मुझे प्रोटोकॉल मानने है तो और इन वैज्ञानिकों का क्या है ये तो प्रत्येक सरकार में इनका यही है
मैं : क्या इनका अपमान नही है और बार लोकडौन बढ़ रहे साथ ही #अमेरिका भी अब WHO के विरोध में है
सरकार:: नही कैसा अपमान ये तो चलता है तभी तो सीखेंगे ज्यादा किये तो मुंह बंद करवा देंगे और अमेरिका का नही पता ,,,लेकिन हमें #WHO के ही रूल फॉलो करने है
मैं:: अब तो #PCR टेस्ट भी फेक निकल गयीं और आप टेस्टिंग बढ़ा रहे है
सरकार:: प्रोटोकॉल
मैं:: आप #बिल_गेट्स से बात कर रहे है #vaccine के बारे में जबकि दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने उसका प्रयोग गलत बताया है और BILL तो व्यापारी है वो इतना जोर क्यो दे रहा वैक्सीन को लेकर
सरकार:: देखिये अञ्जलि जी आप फालतू के सवाल पूछ रहे हैं
मैं:: अब आप मजदूरों को अभी वापस ला रहे है #घातक नही होगा
सरकार:: मुझे मरीजो के कुछ आंकड़े देने हैं तभी देश का भविष्य सुधरेगा vaccine आएगी नागरिक स्वस्थ होंगे
मैं:: आगे क्या करने वाले हैं
सरकार:: सारी #सम्पत्तियां_बेच दूँगा ताकि अर्थव्यवस्था सुधर जाए और विदेशी कंपनियों को बुलवाकर टैक्स लेकर देश को विश्व गुरु बनाऊंगा
मैं:: पर इन्हें बेचने से तो आपकी शाख कमजोर पड़ेगी
सरकार:: अञ्जलि जी आप बहुत #भावुक लड़की है सब बातें आप नही समझेंगे चलिये फिर कभी
सर सर:: आखरी सवाल जब आप 20 लाख करोड़ घोषणा किये और 7600 करोड़ लोन लिए समझ मे नही आया
सरकार:: भोली अञ्जलि जी,,☺️☺️.... आप भी न मंझे हुए है फिर भी ये पूछ रहे है ,,,,,,बात करके अच्छा लगा धन्यवाद जी.....
मैं:: सुस्वागतम जी
सरकार:: आप भी न गजब हैं
अर्चना पाण्डेय
*सुंदर भाव कथा*
*मदद*
रात दस बजे लगभग अचानक मुझे एलर्जी हो गई।घर पर दवाई नहीं, न ही इस समय मेरे अलावा घर में कोई और। श्रीमती जी बच्चों के पास गोवा और हम रह गए अकेले। ड्राईवर भी अपने घर जा चुका था बाहर हल्की बारिश की बूंदे सावन महीने के कारण बरस रही थी।
दवा की दुकान ज्यादा दूर नहीं थी पैदल भी जा सकता था लेकिन बारिश की वज़ह से मैंने रिक्शा लेना उचित समझा।
*बगल में राम मन्दिर बन रहा था*।
एक रिक्शा वाला भगवान की प्रार्थना कर रहा था।
मैंने उससे पूछा चलोगे, तो उसने सहमति में सर हिलाया और बैठ गए हम रिक्शा में!
रिक्शा वाला काफी़ बीमार लग रहा था और उसकी आँखों में आँसू भी थे।
मैंने पूछा,"क्या हुआ भैया! रो क्यूँ रहे हो और तुम्हारी तबियत भी ठीक नहीं लग रही।"
उसने बताया:-
*बारिश की वजह से तीन दिन से सवारी नहीं मिली और वह भूखा है बदन दर्द भी कर रहा है,अभी भगवान से प्रार्थना कर रहा था क़ि आज मुझे भोजन दे दो, मेरे रिक्शे के लिए सवारी भेज दो*
मैं बिना कुछ बोले रिक्शा रुकवाकर दवा की दुकान पर चला गया।
*वहां खड़े खड़े सोच रहा था.......*
"कहीं भगवान ने तो मुझे इसकी मदद के लिए नहीं भेजा।
क्योंकि यदि यही एलर्जी आधे घण्टे पहले उठती तो मैं ड्राइवर से दवा मंगाता,रात को बाहर निकलने की मुझे कोई ज़रूरत भी नहीं थी,और पानी न बरसता तो रिक्शे में भी न बैठता।"
मन ही मन भगवांन को याद किया और पूछ ही लिया भगवान से,!
मुझे बताइये क्या आपने रिक्शे वाले की मदद के लिए भेजा है?"
मन में जवाब मिला... "हाँ"...।
मैंने भगवान को धन्यवाद् दिया,अपनी दवाई के साथ रिक्शेवाले के लिए भी दवा ली।
*बगल के रेस्तरां से छोले भटूरे पैक करवाए और रिक्शे पर आकर बैठ गया।*
*जिस मन्दिर के पास से रिक्शा लिया था वहीँ पहुंचने पर मैंने रिक्शा रोकने को कहा।*
उसके हाथ में रिक्शे के 30 रुपये दिए,
गर्म छोले भटूरे का पैकेट और दवा देकर बोला:-
*"खाना खा कर यह दवा खा लेना, एक एक गोली ये दोनों अभीऔर एक एक कल सुबह नाश्ते के बाद,उसके बाद मुझे आकर फिर दिखा जाना।*
रोते हुए रिक्शेवाला बोला:-
*"मैंने तो भगवान से दो रोटी मांगी थी मग़र भगवान ने तो मुझे छोले भटूरे दे दिए।कई महीनों से इसे खाने की इच्छा थी। आज भगवान ने मेरी प्रार्थना सुन ली।*
और
जो मन्दिर के पास उसका बन्दा रहता था उसको मेरी मदद के लिए भेज दिया।"
कई बातें वह बोलता रहा और मैं स्तब्ध हो सुनता रहा।
घर आकर सोचा क़ि उस रेस्तरां में बहुत सारी चीज़े थीं, मैं कुछ और भी ले सकता था,
समोसा या खाने की थाली ..
पर मैंने छोले भटूरे ही क्यों लिए?
क्या सच् में भगवान ने मुझे रात को अपने भक्त की मदद के लिए ही भेजा था..?
*हम जब किसी की मदद करने सही वक्त पर पहुँचते हैं तो इसका मतलब उस व्यक्ति की प्रार्थना भगवान ने सुन ली,*
और
हमें अपना प्रतिनिधि बना, देवदूत बना उसकी मदद के लिए भेज दिया।
*इसलिए कहते हैं , अचानक आए परोपकार, दान और मदद के मौके को ना गवाएं ....क्या पता.... ईश्वर ने आपको मौका दिया है उनके प्रतिनिधि के रूप में