शिव पाण्डेय
*किसी ने भेजा है कहा था शेयर कर देना।*
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अजय राज़ मोदी
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‘जाइए कश्मीर आपको दिया’ \ud83d\ude01
1991 में प्रधानमंत्री बनते ही उसी दिन चंद्रशेखर राष्ट्रमंडल देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के मालदीव की राजधानी माले चले गए। वहां पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी आए हुए थे। पहले नवाज शरीफ का भाषण हुआ फिर भारत के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का। चंद्रशेखर भाषण समाप्त करके जैसे ही मंच से नीचे उतरे वहां नवाज शरीफ उनकी तरफ ही आ रहे थे। चंद्रशेखर हर एक से अनौपचारिक व्यवहार करते थे। नवाज शरीफ जैसे ही पास पहुंचे, चंद्रशेखर ने उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा, आप बहुत बदमाशी करते हैं। इस पर नवाज शरीफ बोले, आप बदमाशी का कारण दूर कर दीजिए। खड़े-खड़े चंद्रशेखर ने पूछा, क्या कारण है मैं दूर कर देता हूं। नवाज शरीफ ने कहा, कश्मीर हमें दे दीजिए बदमाशी दूर हो जाएगी।
चंद्रशेखर ने क्षण भर नवाज को देखा और बोले, जाओ कश्मीर आपको दिया। नवाज शरीफ के चेहरे पर खुशी और सब कुछ पा लेने का भाव चमकने लगा। उन्हें लगा कि उन्होंने इतिहास को जीत लिया है। वह बोले, तो आइए बात कर लेते हैं। चंद्रशेखर और नवाज शरीफ एक छोटे से कमरे में चले गए। नवाज शरीफ ने पूछा, कैसे आगे बढ़ना है। तो चंद्रशेखर बोले, आपको एक छोटी सी घोषणा करनी है। नवाज़ शरीफ ने कहा, बताइए मैं अभी करता हूं। चंद्रशेखर ने कहा, कश्मीर के साथ आपको भारत के पंद्रह करोड़ मुसलमानों को भी लेना होगा।
नवाज शरीफ चौंक गए और बोले, इसका क्या मतलब। तब चंद्रशेखर ने उन्हें समझाया, भारत में 15 करोड़ मुसलमान हैं, पूरे देश में फैले हैं और ज्यादातर मुसलमान गांवों में रहते हैं। आप जैसे ही संख्या और धर्म के आधार पर कश्मीर लेंगे वैसे ही पूरे हिंदुस्तान के गांवों से मांग उठने लगेगी कि यहां मुसलमान अल्पसंख्यक हैं इन्हें यहां से निकालो। गांव-गांव में दंगे शुरू हो जाएंगे। मेरे पास इतनी पुलिस और सेना नहीं है कि मैं गांव-गांव उन्हें तैनात कर सकूं। आगे चंद्रशेखर ने कहा, कश्मीर भारत के लिए आर्थिक रूप से फायदे का क्षेत्र नहीं है। वहां हर चीज बाहर से भेजनी पड़ती है। आर्थिक बोझ बहुत है लेकिन कश्मीर भारत के लिए धर्मनिरपेक्षता का जीता जागता प्रतीक है। कश्मीर हमारे पास है यह भारत के बाकी मुसलमानों को सुरक्षा की गारंटी तो है ही, विश्व को यह विश्वास भी दिलाता है कि भारत का संवैधानिके ढांचा धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को मानता है और सभी को बराबरी से जीने और आगे बढ़ने की गारंटी देता है।
चंद्रशेखर ने फिर कहा, आप कश्मीर के साथ 15 करोड़ मुसलमानों को लेने को तैयार हैं तो मैं घोषणा कर देता हूं। नवाज शरीफ अवाक रह गए। उन्होंने चंद्रशेखर से मुस्कुराते हुए कहा, क्या मैं आपको भाई साहब कह सकता हूं। चंद्रशेखर भी मुस्कुराए और कहा, क्यों नहीं। तब नवाज़ शरीफ ने हंसते हुए कहा, कश्मीर पर मैं भी चुप हो जाता हूं, आप भी चुप हो जाइए। दूसरी बात नवाज शरीफ ने यह कही, हम लोग हॉटलाइन लगा लेते हैं ताकि हम समस्या पैदा होने पर सीधे बात कर सकें। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों के कार्यालयों में हॉटलाइन लग गई।
- पत्रकार व पूर्व सांसद संतोष भारतीय की वॉरियर विक्ट्री पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'वीपी सिंह चंद्रशेखर सोनिया गांधी और मैं' के 34 वें अध्याय 'कश्मीर आपको दिया' से।