Inbooker
Happy New year to all of you guys and girls.
Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
Vinay Pitalia
प्रार्थना
टूटे ना कोई और सितारा, दुआ करें।
बिछड़े ना कोई हमसे हमारा, दुआ करें।
तूफान है तेज,
कश्तियां सबकी भंवर में है,
सबको मिले किनारा आओ, दुआ करें।।
दीपक कुमार गुप्ता
(owner)
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️
राहुल वर्मा
अभी भला रुक गए कदम क्यों?
अभी कहां है यात्रा पूरी?
नियति नहीं तुम निर्णायक हो!
नायक! तुम बिन कथा अधूरी !
बहुत हुआ विषपान उठो अब
जीवन का अमृत पीना है!
तुमको अब फिर से जीना है!
माना जीवन की निष्ठुरता
अंतर्मन चोटिल करती है।
बिखरी उम्मीदों की पीड़ा
पलकों को बोझिल करती है!
नहीं! वेदनाओं से थक कर
कहीं हार कर मत रुक जाना!
तुम जीवन का हाथ पकड़ना
कसकर उसको गले लगाना
तुम खुद ही खुद की औषधि हो
घाव तुम्हे अपने सीना है
तुमको अब फिर से जीना है!
जब रिश्ते बेमानी हों तो
तुम कुछ रिश्ते नए बनाना!
आसमान से बातें करना
नदियों को कुछ गीत सुनाना!
बारिश में बूंदों के संग संग
अपनी लय में झूम के गाना!
अपने मांझी खुद ही बनना
अपने होने पर इतराना!
चुपके चुपके रोते रहना,
ये जीना भी क्या जीना है?
तुमको अब फिर से जीना है!
तय कर लो क्या नियति
लेख के सारे पन्ने कोरे होंगे?
या सपनों की स्याही में
कुछ सतरंगी से डोरे होंगे?
हार मान कर जीवन जीना
बोलो ये स्वीकार नहीं है!
'भाग्य! तुम्हे सारे ही निर्णय
लेने का अधिकार नहीं है!
तुम ही बोलो मन का संबल
भला भाग्य ने कब छीना है?
तुमको अब फिर से जीना है!!