संभव जैन
*आज रात 11 बजे कोरोना से मुलाकात हो गई .*
*चलते चलते 6 फीट दूर से बात हो गयी*
*मैंने कहा कोरोना बड़ा ऊधम मचाए हो .*
*चुनावी रैली छोड़कर क्यों मेलों ,शादी और कवि सम्मेलनों में आए हो .*
*क्या तुमको भी लगता है़ डर सरकारी आयोजनों से .*
*या लाए गए हो तुम भी किन्हीं प्रयोजनों से*
*अब मैं तुमसे तुम्हारा इलाज चाहता हूँ .*
*कल या परसो नही अभी और आज चाहता हूँ .*
*ये सुनकर कोरोना रुआंसा होकर बोला*
*कवि महोदय तुम सब की पीड़ा गाते हो .*
*मैं भी तो पीडित हूँ क्यों ना मेरी व्यथा सुनाते हो .*
*मैं तो पहले आया था लेकिन अब बुलाया है़ .*
*सत्ता के सरदारों ने मुझको हथियार बनाया है़ .*
*उनकी मर्जी से ही अब मैं अंदर बाहर जाता हूँ .*
*फिर भी जाते जाते तुम्हें मैं अपना इलाज बताता हूँ .*
*जहाँ जहाँ हिन्दुस्तान में चुनाव कराया जाएगा .*
*वहाँ कोरोना का एक भी मरीज नही पाया जाएगा .*
*देश की भोली जनता में समझ का अभाव है़ .*
*सुनो कविवर मेरा इलाज सिर्फ और सिर्फ चुनाव है़ .*
Vasanth bera
प्रवेशः – सूक्तिः – २
सूक्तिः 2 – क्षणशः कणशः च एव विद्याम् अर्थं च साधयेत् । – Knowledge is gained with every moment (of study) and wealth grows with every penny (earned / saved).
पदानि – क्षणम् – moment in time कणः – penny विद्या – knowledge अर्थः – wealth साधयेत् – may be achieved. क्षणशः Moment-by-moment कणशः – penny-by-penny
प्रश्नाः – कश्चन जनः (कर्तृपदम् – assumed) विद्यां (कर्मपदम्) कथं साधयेत्? अर्थं (कर्मपदम्) कथं साधयेत् ?
vinay kumar
(owner)
Today's budget
17,000 rural health centres
health sector---64,184 crores
35,000 crores for covid vaccine
atmanirbhar yojana for 13 sectors
602 district multi speciality hospitals districts
7 textile parks
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Vijay Verma
Sir, hum comments nahi kar pa rahe h. Aur na hi comments ko read kar pa rahe h.