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Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
Priyadarshi Tiwari
*भीषण गर्मी पर बुंदेलखंड के कवि की सुंदर रचना*
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*विकट दुफ़रिया है सन्नानी*
सूरज निकरो है खिसिया कें, विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
ऊपर-नेंचें प्रान हो रये,लपटें करें खूब मनमानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
मौसम लयें आग के हंटर,जो मिल रव सो मार रओ है।
धूप तुनक के लाल हो गयी,पहिले भारी प्यार रओ है।
सूरज खों रंगदारी करबे,की आदत है भोत पुरानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
गरम हवा सब फेंक रये हैं,कूलर-पंखा फेल हो गये।
बाहर जाबे की दम नैयाँ,नजरबन्द,घर जेल हो गये।।
मूँड़ सें चुयें पसीना,अखल-बखल हो रय सब प्रानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
नदियाँ सबई दूबरी हो गयीं, ताल-तलैया सूख गये हैं।
जाने कहाँ गयी हरयाली,मरे मरे से रूख भये हैं।।
ढोर-बछेरू छाँव ढूंढ रय,पीबे तक कों नैयाँ पानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
पके कलींदे, मठा, चीमरी, सकला, सतुआ,पनो आम को।
गन्ना रस,अंगूर,संतरा,करें सामनो कठिन घाम को।।
कुल्फी और बरफ को गोला, खाके तबियत तनक जुड़ानी।।
सूरज निकरो है खिसिया कें, विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
ऊपर -नेंचें प्रान हो रये, लपटें करतीं हैं मनमानी।।
*विकट दुफ़रिया है सन्नानी।*
pandit Rajeev Bharadwaj
महाभारत में भगवान श्री कृष्ण के कहे एक वाक्य की बहुत चर्चा नहीं होती, पर वो है बड़ा प्रासंगिक, कल भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा...
कर्ण का वध करने के पूर्व जब अर्जुन हिचकिचा रहे थे तो श्री कृष्ण ने उनको समझाया, हे पार्थ ये धर्मयुद्ध है और इस धर्मयुद्ध में दुर्योधन का हारना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर दुर्योधन जीत गया तो धर्म हार जाएगा,.....
तब अर्जुन ने कहा कि – हे माधव, पर इतिहास मुझे क्या कहेगा,...
वो तो यही कहेगा ना कि मैने निहत्थे, रथविहिन कर्ण का वध किया...
तो कृष्ण ने कहा – इतिहास की तो बात ही ना करो, अगर दुर्योधन जीत गया तो इतिहासकारों से वो ये लिखवाएगा कि धर्म के पक्ष में तो वो था,
लाक्षा गृह, द्यूत क्रीड़ा, द्रौपदी चीरहरण तो एक कपोल कल्पित मिथ्या था, ऐसा तो कुछ हुआ ही नहीं था,...
और लोग उन बातों पर विश्वास भी करने लगेंगे...
आजादी के बाद भी नेहरू खानदान ने भारत के इतिहास के साथ यही किया,...
बहुत चालाकी से भारत की सभ्यता, भारत की संस्कृति, भारत के वीरों को मिटा दिया गया,...
ये बताया गया कि आजादी तो नेहरू और गाँधी ने दिलाया, अकबर, हुमायूं, औरगंजेब ने भारत को सजाया सँवारा,
उन सारे पन्नों को एक एक करके हटा दिया गया जो भारत के वीरों के शौर्य की याद दिलाते, जो सनातन संस्कृति को सिंचित करते,
और ये षडयंत्र लगातार चलता ही रहा और आज भी चल रहा है,
इन सबको पता है कि सनातन के विशाल भवन को गिराने के लिए इसकी जड़ों पर लगातार प्रहार करना जरूरी है,...
ये क्रिप्टो क्रिश्चियन, ये भीमटे, ये मिशनरी, सब एक सुनियोजित प्लान के हिस्से हैं,,...
जय_हिंदू_राष्ट्र
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ashu singh
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार-10
यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दुसरों के लिए जीते हैं, वे वास्तव में जीते हैं।
16. एक शब्द में यह आदर्श है कि 'तुम परमात्मा हो।'
17. भगवान की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए, इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर।
18. यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दु:ख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।