Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Mukesh Bansal
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देशद्रोही संविधान और देशद्रोही संविधान निर्माता और देशद्रोही सरकारी व्यापार और देशद्रोही सरकारी स्कूल-कॉलेज
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देशद्रोही संविधान देश को रक्षा के हर क्षेत्र में कमजोर रखवाकर राज्य से देशद्रोही व्यापार करवाकर और देशद्रोही स्कूल-कॉलेज चलवाकर देश को कमजोर और दिवालिया बनाकर देश को भयानक नुकसान पहुंचा रहा है.
देशद्रोही सरकारी व्यापार की श्रेणी में आते है सरकारी बैंकें, यात्री बसें, ट्रेनें आदि और सार्वजनिक बिजली का उत्पादन और विक्रय करना, उद्योग चलाना, पेट्रोलियम पदार्थ आदि का आयात और आपूर्ति करना, बीमा करना, डाकघर चलाना, फोन पर बातें कराना आदि काम भी व्यापार की श्रेणी में आते है और व्यापार करना राज्य का काम नहीं होने से ये सब भयंकर घाटा देते ही रहेंगे.
और पढ़ाना राज्य का काम नहीं होने से देशद्रोही सरकारी स्कूलों-कॉलेजों की पढ़ाई का स्तर घटिया ही रहेगा.
व्यापार में घाटा खा खा के दिवालिया हो चुके राज्य आंतरिक और विदेशों से कर्ज ले ले कर और हद से ज्यादा टैक्स बढ़ाकर और अवैध टोलटैक्स लगाकर प्रजा के रूपयें लूटकर घाटा देने वाले कर्मचारियों को और सरकारी प्रोफेसरों और टीचरों आदि को वेतन और पेंशन दे रहे है. इसीलिये महंगाई बढ़ रही है और दिवालिया भारत पर और दिवालिया राज्यों पर कर्ज चढ़ रहा है.
टैक्स से चलने वाले राज्य के दो ही काम है जल्द रक्षा करना और जल्द न्याय करना और राज्य का सारा रुपया रक्षा और न्याय व्यवस्था के लिये है. लेकिन राज्यों को न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी रखकर और सैन्य और पुलिस बलों की कमी रखकर, आधुनिक शस्त्रों, उपकरणों और साधनों आदि की कमी रखकर, जेलों और थानों की कमी रखकर, सड़कों और पुलों की कमी रखकर, पोर्ट की कमी रखकर, अधिकांश जिलों में एयरपोर्ट की कमी रखकर और बांध आदि की कमी रखकर इन्हीं रक्षा और न्याय आवश्यकताओं को पूरा करने का अधिकांश रूपया देशद्रोही सरकारी व्यापार, स्कूलों और कॉलेजों में डूबाने के लिये लगाना पड़ रहा है और 225 लाख करोड़ डॉलर विदेशी कर्जों का और 100 लाख करोड़ आंतरिक कर्जों का ब्याज चुकाने में डूबाना पड़ रहा है. इसलिये भारत रक्षा के हर क्षेत्र में कमजोर है और न्याय बरसों में मिल रहा है.
बरसों में न्याय मिलना न्याय की हत्या है. बरसों में न्याय मिलने से लाखों विचाराधीन बंदी जुर्म की सजा से ज्यादा सजा भुगत रहे है. यह भी न्याय की हत्या है.
दूसरी तरफ, रक्षा आवश्यकताओं की कमी सेना, पुलिस, प्रजा और देश को कई रूपों में भयानक नुकसान पहुंचा रही है.
इसलिये सरकारी व्यापार, स्कूल और कॉलेज और राज्य से स्कूल-कॉलेज चलवाने वाले और व्यापार करवाने वाले और राज्य से व्यापार करवाने वाला और मुफ्त पढ़ाई का झांसा देकर स्कूल-कॉलेज चलवाने वाला संविधान और संविधान निर्माता सेना, पुलिस और प्रजा का दुश्मन है, देशद्रोही है और न्याय के हत्यारें है.
राज्य देशद्रोही संविधान निर्माता से भारत रत्न छीनकर, देशद्रोही संविधान को डस्टबिन में डालकर और राज्य से देशद्रोही व्यापार करवाने वाले और देशद्रोही स्कूल-कॉलेज चलवाने वाले देशद्रोहियों को जेल में डालकर देशद्रोही सरकारी स्कूलों-कॉलेजों को बंद करके और देशद्रोही सरकारी व्यापार का निजीकरण करके निजीकरण से प्राप्त रूपयों से कर्ज चुकाये और रक्षा और न्याय आवश्यकताओं की कमी को पूरा करें.
देशद्रोही सरकारी स्कूलों-कॉलेजों में बच्चों को मुफ्त पढ़वाने वाले बाजार से जो आवश्यकता की वस्तुएँ खरीदते है उनमें राज्य के लूटपाट वाले टैक्स और अवैध टोलटैक्स भी शामिल है जिन्हें चुकाकर वे घटिया सरकारी पढ़ाई की फीस निजी स्कूलों-कॉलेजों की फीस से बहुत ज्यादा चुका रहे है. इसलिये राज्य का पढ़ाना लोककल्याणकारी कार्य नहीं है....
अनिल जैन
आज..ग्वालियर से अपह्रत बालक शिवाय गुप्ता के मिलने पर सभी ग्वालियर वासियों को ढेरों शुभकामनायें और बधाइयाँ..
Priyadarshi Tiwari
सभी के असली चेहरे न दिखा ऐ जिंदगी
कुछ लोगों कि हम इज्जत करते है