Rina Jain
*It was 23rd March 2020 , when Lockdown started in India* .. No one was knowing at that time what was written in future.. Everyone was clueless.. After Many setbacks *above 68 lakhs humans lost life worldwide* , We those are seeing March 2023 are Thankful to God for this Life ..and Life is getting smooth for All...!! *Love u Zindagi* .❤️
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
रविंद्र रावत
सनातन धर्म में विभिन्न परंपरागत उपाधियाँ होती हैं जो किसी व्यक्ति के शिक्षा और विद्या के स्तर को दर्शाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख उपाधियाँ निम्नलिखित हैं:
द्विवेदी: यह उपाधि उन व्यक्तियों के लिए होती है जो दो वेदों (रिग्वेद और यजुर्वेद) का अध्ययन करते हैं।
त्रिवेदी: त्रिवेदी वह व्यक्ति होता है जो तीन वेदों (रिग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद) का अध्ययन करता है।
चतुर्वेदी: चतुर्वेदी उसको कहा जाता है जो चारों वेदों (रिग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) का अध्ययन करता है।
त्रिपाठी: यह उपाधि उन व्यक्तियों के लिए है जो तीन पाठ (यानी के रिग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद) का अध्ययन करते हैं।
ये उपाधियाँ व्यक्ति के शिक्षा के स्तर को दर्शाती हैं और उसके वेदों के अध्ययन में कितना समर्पण है। इसमें भाग्यांश, परंपरा, और व्यक्ति की आत्मा की प्राप्ति का भी महत्वपूर्ण स्थान हो सकता है।
शिव पाण्डेय
*किसी ने भेजा है कहा था शेयर कर देना।*
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Pawan Jha
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 'हिन्दू नव वर्ष' नव संवत्सर विक्रम संवत् 2079 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
यह नववर्ष आपके जीवन में सुख, समृद्धि लाए और आप सदैव स्वस्थ्य रहें ऐसी मेरी मंगलकामना है।