मित्रो आप सभी को जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।।
आप सभी का यहाँ स्वागत है आप... moreमित्रो आप सभी को जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।।
आप सभी का यहाँ स्वागत है आप सभी से निवेदन है कि जितने सदस्य आप यहाँ ऐड कर सकते है करे ओर आप सभी के पास आध्यात्मिक या सनातन धर्म की राह पर किसी को राह दिखा सके तो दिखाईये किसी को राह बताने से बडा कोई धर्म नही होता,,
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश आप सभी को,,
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Haryanvi Guruji
(owner)
नमस्कार मैं आपको काले धतूरे का प्रयोग बताता हूं अगर आपको काला धतूरा का पौधा कहां से प्राप्त हो जाए तो काले धतूरे के पौधे के साथ काली तुलसी जी एक ही गमले में अगर आप लगाते हैं और अपने घर के अंदर रख लेते हैं तो आपके घर के समस्त वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं लक्ष्मी जी का आगमन शुरू हो जाता है और आपका मकान किसी भी तरह के तांत्रिक अटैक से इम्यून हो जाता है और अगर किसी शुभ नक्षत्र में काले धतूरे की जड़ को अभिमंत्रित करके आप अगर धारण कर लें तो भी यह सारे फायदे आपको मिलने लगते हैं धन्यवाद
Sandeep Kumar
#गाय व भैंस के दूध में अंतर
जो बहुत कम लोग जानते हैं !
भैंस को गन्दगी पसन्द है,
कीचड़ में लथपथ रहेगी,,
पर गाय अपने गोबर पर भी नहीं बैठेगी उसे स्वच्छता प्रिय है।
भैंस को घर से 2 किमी दूर तालाब में छोड़कर आ जाओ वह घर नहीं आ सकती है
उसकी याददास्त जीरो है।
गाय को घर से 5 किमी दूर छोड़ दो।
वह घर का रास्ता जानती है, आ जायेगी।
गाय के दूध में स्मृति तेज है।
दस भैंसों को बाँधकर 20 फुट दूर से उनके बच्चों को छोड़ दो, एक भी बच्चा अपनी माँ को नहीं पहचान सकता,
जबकि गौशालाओं में दिन भर गाय व बछड़े अलग-अलग शैड में रखते हैं,
सायंकाल जब सबका माता से मिलन होता है तो सभी बच्चे (हजारों की स॔ख्या में) अपनी अपनी माँ को पहचान कर दूध पीते हैं, ये है गाय दूध की याददास्त।
जब भैंस का दूध निकालते हैं तो भैंस सारा दूध दे देती है,
परन्तु गाय थोड़ा-सा दूध ऊपर चढ़ा लेती है, और जब उसके बच्चे को छोड़ेंगे तो उस चढ़ाये दूध को उतार देती है।
ये गुण माँ के हैं जो भैंस मे नहीं हैं।
गली में बच्चे खेल रहे हों और भैंस भागती आ जाये तो बच्चों पर पैर अवश्य रखेगी...
लेकिन गाय आ जाये तो कभी भी बच्चों पर पैर नही रखेगी।
भैंस धूप और गर्मी सहन नहीं कर सकती...
जबकि गाय मई जून में भी धूप में बैठ सकती है।
भैंस का दूध तामसिक होता है....
जबकि गाय का सात्विक।
भैंस का दूध आलस्य भरा होता है, उसका बच्चा दिन भर ऐसे पड़ा रहेगा जैसेे भाँग खाकर पड़ा हो।
जब दूध निकालने का समय होगा तो मालिक उसे उठायेगा....
परन्तु गाय का बछड़ा इतना उछलेगा कि आप रस्सा खोल नहीं पायेंगे।
गौमाता का दूध अमृत समान होता है।
ashu singh
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार-10
यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दुसरों के लिए जीते हैं, वे वास्तव में जीते हैं।
16. एक शब्द में यह आदर्श है कि 'तुम परमात्मा हो।'
17. भगवान की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए, इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर।
18. यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दु:ख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।