Kavya Malik
जब हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की रक्षा सचिव थी तब उन्होंने पाकिस्तान से कहा था कि आप साँप को आस्तीन में यह सोचकर नही रख सकते कि ये सिर्फ आपके पड़ोसी को काटेगा।
पाकिस्तान ने ही सोवियत संघ के विरुद्ध तालिबान बनाया था। कल तालिबान ने पाकिस्तान के कुछ सैनिक मारे दिए और 600 बंदी बना लिये और आज उसने एक धमाके में चीन के 10 इंजीनियर मार दिए।
अब दो तालिबान हो चुके है, एक अफगानिस्तान में जिसका पाकिस्तान मित्र है दूसरा तालिबान पाकिस्तान में जिसे तहरीक ए तालिबान कहा जाता है और ये पाकिस्तान का दुश्मन है।
पाकिस्तानी तालिबान का लक्ष्य है पाकिस्तान में शुद्ध शरिया कानून लाना। वैसे तो पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है लेकिन उसकी कुछ चीजें इस्लाम विरोधी है, जैसे लाहौर में महिलाओ के लिये स्कूल है।
इसके अलावा बॉलीवुड की अमिट छाप इनके युवाओ पर है। जब बजरंगी भाईजान आयी थी तो एक लड़के ने हनुमान चालीसा की कुछ चौपाई गा दी जिसके बाद उस पर हमला हुआ था।
20 साल बाद अमेरिका ने जैसे ही अफगानिस्तान को छोड़ा हमने देखा कि 85% अफगानिस्तान फिर से तालिबान के नियंत्रण में आ गया। कांधार पर उनका कब्जा हो गया, पाकिस्तान में जश्न मना।
मगर अफगान तालिबान की सफलता को देखकर पाकिस्तानी तालिबान भी जोश में आया उसने 600 पाकिस्तानी सैनिकों को कैद कर लिया हालांकि पाकिस्तान ये आंकड़ा कम ही दिखायेगा क्योकि इसे और चीन को झूठ में जीने की आदत है।
पाकिस्तान तो इसका आरोप भारत पर ही लगाने वाला है हाथ हो या न हो। तो हमारे लिये सही क्या होगा?
भारत को चाहिए कि हम 1971 में हुई गलती ना दोहराए। 1971 एक मौका था जब पाकिस्तान में अनिश्चित गृहयुद्ध हो सकता था मगर हमने उसे बाँट दिया, हालांकि तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार विभाजन सही था।
इस बार ये गलती नही करना है इन्हें आपस मे लड़ने दो, जो गुट कमजोर हो उसे ताकतवर बनाओ यदि इनकी सेना कमजोर पड़े तो उसकी भी सहायता करो। ये ही भारत की नीति होना चाहिए, ये जितना एक दूसरे से लड़ेंगे उतना ही इस क्षेत्र में शांति रहेगी।
आपका विरोध हो सकता है कि मैं पाकिस्तानी तालिबान को समर्थन की बात कर रहा हु लेकिन हमें समर्थन नाप तौल कर करना है।
यह भी समझिए कि पाकिस्तान में सेना और तालिबान आमने सामने है, यदि सेना जीती तो वो हारे हुए तालिबानियों को भारत के विरुद्ध प्रयोग में लाएगी और यदि तालिबान जीता तो वो गजवा ए हिन्द के लिये भारत के मुसलमानों को उकसाएगा।
इसलिए भारत का हित इसमे है की पाकिस्तान में एक कभी ना खत्म होने वाला गृहयुद्ध चलता रहे, जो पक्ष कमजोर हो उसकी मदद करते रहे। अंततः जो हाल अब लेबनान का हो चुका है वही पाकिस्तान का हो जाएगा। यह मेरी निजी राय है सभ्य भाषा मे आपके समर्थन और विरोध दोनों ही का कमेंट बॉक्स में स्वागत है।
\u270d\ufe0f परख सक्सेना \u270d\ufe0f
#जय_हिंदू_राष्ट्र