वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि !
मंगलानां च कर्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ !!
"""" "रामायण" एक... moreवर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि !
मंगलानां च कर्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ !!
"""" "रामायण" एक धार्मिक समूह है जो लोग हिन्दू (सनातन) धर्म में आस्थावान हों तथा भारतिय संस्कृति और उसकी परंपराओं में श्रद्धा और विश्वास रखते हों केवल वही लोग इस समूह से जुड़ें!
हमारा आशय अन्य धर्मों की निंदा करना नहीं है अपितु हिन्दुओं को संगठित करके सनातन धर्म का प्रचार व प्रसार करना हमारा लक्ष्य है!!
अश्लील एवं फूहड़ , राजनीतिक , गैर हिन्दुओं से संबधित विचारधारा, व्यक्तिगत, व्यापारिक, प्रचार आदि विवादित पोस्ट न करें!!!!
जय रामजी की!!
12/07/2021. less
शशिरंजन सिंह
*राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के प्रपौत्र को लिखा गया एक पत्र...??*
*जिसमें राहुल गांधी द्वारा कहा गया कि.. RSS ने ही गांधी जी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें।*
*इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने जवाब मे राहुल गांधी को ये खुला पत्र लिखा, जिसे उन्होंने पब्लिक डोमेन में भी प्रसारित किया था।*
*प्रिय राहुल गांधी जी...*
*मोहनदास करमचंद गांधीजी मेरे परदादा थे, उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी, कई जांचों और आयोगों ने इस मामले पर शोध किया.. और किसी ने भी गांधी जी की हत्या मामले मे RSS को नही फंसाया.. और.. न ही RSS को जिम्मेदार ठहराया।*
*मेरे दादा स्व. रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल जी को श्री नाथूराम गोडसे को मृत्युदंड से मुक्त करने के लिए लिखा था।*
*आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि.. 1969 में जब रामदास गांधी मुंबई में शरीर त्याग रहे थे.. तब श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे ने उनसे मुलाकात की थी।*
*यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत का है.. और.. मेरा परिवार उससे आगे बढ़ चुका है।*
*आपके लोगों को मेरा विनम्र सुझाव है.. कि जो कांग्रेस और आपकी भलाई चाहते हैं, वो आगे बढ़ें.. और गांधी के नाम और इस मुद्दे को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करना बंद कर दें।*
*आप सभी.. विभिन्न आयोगों के निर्णयों को स्वीकार करने की उदारता दिखायें।*
*हर वक्त यह कहते रहना कि RSS ने गांधी को मारा.. यह कहने के समान है.. कि सिखों ने आपकी दादी को मार डाला.. जबकि यह झूठ है..? क्योंकि इसमें सारे सिख शामिल नहीं थे।"*
*आप गांधी परिवार से नहीं हैं। आपके परिवार और आपने भारत में गांधी के नाम का उपयोग करके इस देश की आंखों मे काफी लंबे समय तक धूल झोंकने का काम किया.. और देश को सात-आठ दशकों तक बेवकूफ बनाया।*
*आपके परिवार ने अवसरवादी नीति के तहत मेरे परदादा के सरनेम का ग़लत इस्तेमाल किया.. अब आप अपनी असलियत से देश को अवगत कराते हुए गांधी के नाम का प्रयोग करना बन्द कर दें।*
*आपके दादा गांधी नहीं..? फिरोज खान हैं.. वे जूनागढ़ के गुजराती पठान 'नवाब खान' के पुत्र थे.. नवाब खान की पत्नी एक पारसी थीं.. जिन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था।*
*आपकी दादी इंदिरा जी भी मुस्लिम थीं.. क्योंकि.. उन्होंने फिरोज खान से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था।*
*आप मुस्लिम और ईसाई के मिश्रण हैं.. आपमें जरा सा भी न तो कुछ राहुल है.. और.. न ही गांधी है।*
*आप कहीं से भी दूर-दूर तक हिंदू होने के करीब नहीं हैं.. बल्कि आप मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का एक संयोजन मात्र हैं।*
*मैं इसे इसलिए सार्वजनिक कर रहा हूं.. ताकि.. हमारे असली गांधी परिवार के किसी भी व्यक्ति को आप अब झांसा न दे सकें"।*
*आशा करता हूं.. आप मेरे परिवार के नाम का सहारा छोड़ अपने वास्तविक.. धर्म/जाति स्वरूप को ग्रहण कर लेंगे, साथ ही आप देश की आंखों मे धूल झोंकना बन्द कर देश से माफी मांगने का बड़ा दिल दिखाएंगे।*
*श्रीकृष्ण कुलकर्णी......*
*जय हिन्द.. वन्देमातरम्*
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️
राहुल वर्मा
प्यार वो एहसास है,
जो शब्दों में नहीं आता।
दिल से दिल की आवाज़ है
जो कह नहीं पाता।
हर लम्हा बस उसी का
ख्याल रहता है।
उसकी हंसी में ही
दिल का हाल रहता है।
जो पास हो तो दुनिया
रंगीन लगती है।
और दूर हो तो
हर चीज़ अधूरी लगती है।
Shitala Dubey
(owner)
|| स्वाभिमान को समझें ||
निर्भीकता से सत्य के पक्ष में खड़े रहना ही स्वाभिमान है। स्वाभिमान का अर्थ अपनी बात पर अड़े रहना नहीं अपितु सत्य के साथ खड़े रहना है। दूसरों को नीचा दिखाते हुए अपनी बात को सही सिद्ध करने का प्रयास करना यह स्वाभिमानी का लक्षण नहीं अपितु दूसरों की बात को यथायोग्य सम्मान देते हुए किसी भी दबाव में ना आकर सत्य पर अडिग रहना यही स्वाभिमान है।
अभिमानी वह है जो अपने अहंकार के पोषण के लिए दूसरों को कष्ट देना पसंद करता है और स्वाभिमानी वह है जो सत्य के रक्षण के लिए स्वयं कष्टों का वरण कर लेता है। अभिमान झुकना पसंद नहीं करता लेकिन स्वाभिमान गलत के आगे झुकने नहीं देता है। मैं जो कह रहा हूँ वही सत्य है, यह अभिमानी का लक्षण है और जो सत्य होगा उसे मैं स्वीकार कर लूँगा बस यही स्वाभिमानी होने का लक्षण है।
जय माताजी !!