सत्य पंथ का करी प्रचारा॥
देश धर्म का करि विस्तारा ||
निर्मल मन जन सो मोहि पावा
मोहि कपट छल छिद्र न भावा
जय हिन्द राष्ट्रहित व धर्म रक्षा सर्वोपरि हिंदू राष्ट्र जय हिंद जय भारत वंदे मातरम
जय श्री राम
देश महादेव
lalitkgupt50
जापान कभी किसी का गुलाम नहीं रहा। इजरायल की तरह वहां भी बेहद स्वाभिमानी लोग रहते हैं। अमेरिका ने उस पर परमाणु बम गिराये। जापान फिर से खडा़ हुवा। पर उसके बाद उसने अमेरिका से आज तक एक तिनका भी नहीं लिया। जापान में करीब एक वर्ष बिताने पर एक भारतीय महानुभाव की कई लोगों से दोस्ती हो चुकी थी, परंतु फिर भी उन्हें लगा कि वहाँ के लोग उनसे कुछ दूरी बनाकर रखते हैं, वहाँ के किसी दोस्त ने कभी उन्हें अपने घर चाय के लिए तक नहीं बुलाया था...?
उन्हें यह बात बहुत अखर रही थी, अतः आखिरकार उन्होंने एक करीबी दोस्त से पूछ ही लिया...?
थोड़ी टाल-मटोल करने के बाद उसने जो बताया, उसे सुनकर भारतीय महानुभाव खामोश रह गये।
जापान वाले दोस्त ने पूछा- हमें भारतीय इतिहास भी पढा़या जाता है पर प्रेरणा लेने के लिए नहीं, शिक्षा लेने के लिए।
“200 वर्ष राज करने के लिए कितने ब्रिटिश भारत में रहे...?”
भारतीय महानुभाव ने कहा कि लगभग 10, 000 रहे होंगे!
“तो फिर 32 करोड़ लोगों को यातनाएँ किसने दीं?
वह आपके अपने ही तो लोग थे न...?
जनरल डायर ने जब #फायर कहा था...
तब 1300 निहत्थे लोगों पर गोलियाँ किसने दागी थीं?
उस समय ब्रिटिश सेना तो वहाँ थी ही नहीं!
क्यों एक भी बंदूकधारी (सब के सब भारतीय) पीछे मुड़कर जनरल डायर को नहीं मार पाया...? इतनी गुलामी ?
फिर उसने उन भारतीय महानुभाव से कहा-
आप यह बताओ कि कितने मुगल भारत आए थे? उन्होंने कितने वर्ष तक भारत पर राज किया? और भारत को गुलाम बनाकर रखा! और आपके अपने ही लोगों को धर्म परिवर्तन करवाकर आप के ही खिलाफ खड़ा कर दिया! जीने के लिए आपके भाईबंद मुसलमान बन गये।
जोकि 'कुछ' पैसे की लालच में, अपनों पर ही अत्याचार करने लगे! अपनों के साथ ही दुराचार करने लगे…!!
आपके देश में चंद्रशेखर आजाद जेसे आजादी के मतवाले हुवे पर चंद पैसों की लालच में आपके लोगो ने ही उन्हें पकड़वा दिया। भगत सिंह जेसे क्रांतिकारी को बचाने कोई नहीं आया। हर बात पर आमरण अनशन, भूख हड़ताल करने वाले गांधी क्या भगतसिंह को बचाने के लिए दो दिन भूख हड़ताल पर नहीं बैठ सकते थे।
तो मित्र, आपके अपने ही लोग, कुछ पैसे के लिए, अपने ही लोगों को सदियों से मार रहे हैं...?*
आपके इस *स्वार्थी धोखेबाज, दगाबाज, मतलबपरस्त, 'दुश्मनों से यारी और अपने भाईयों से गद्दारी'
Sanjay khambete
अपने घर में छोटा सा कार्यक्रम करिए उसको सकुशल संपन्न कराने में हवा निकल जाती है.. यहां तो पूरा विश्व आया हुआ है करोड़ों की संख्या में..!
कृपया सहयोग करिए.. आलोचना नहीं..
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️