सत्य पंथ का करी प्रचारा॥
देश धर्म का करि विस्तारा ||
निर्मल मन जन सो मोहि पावा
मोहि कपट छल छिद्र न भावा
जय हिन्द राष्ट्रहित व धर्म रक्षा सर्वोपरि हिंदू राष्ट्र जय हिंद जय भारत वंदे मातरम
जय श्री राम
देश महादेव
lalitkgupt50
इस बार के आतंकवाद पर ओवैसी से लेकर तमाम बड़े बड़े मौलाना बड़े चिंतिंत है और तमाम तो रोना धोना शुरू कर रहे है। पहली बार ऐसा हुआ है।।
इसका पहला कारण है टूरिज्म के द्वारा हिन्दुओ से मोटी कमाई।
और दूसरा कारण है हर बार इनका ये आतंकी हमला पर्दे के पीछे छिप जाता था लेकिन इस बार एक छोटे बच्चे ने खुलकर आंखों देखा हाल बता दिया कि आतंवादियों ने कहा मुसलमान अलग हो जाये और हिन्दू अलग हो जाये जैसे अलग हुए उसने हिन्दुओ को गोली मार दी।
इसीलिए आज कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर शांतिप्रिय एक सुर में बोल रहा है।
एक भी शांतिप्रिय आज हिन्दुओ के खिलाफ बोलता या उस घटना को छिपाते हुए नही दिखेगा।
क्योंकि इस बार इनका ये आतंक एक बच्चे के मुंह से और पीडितों के मुंह से दुनिया सुन रही है।
हर बार इनका आतंक पर्दे के पीछे छिप जाता था हालांकि इसको छिपाने के लिए कुछ जाहिल जुटे है पूरी ताकत से लेकिन ये सच्चाई अब पूरी दुनियां के दिल मे उतर चुकी है इसीलिए जो इस घटना को आज छिपाने की कोशिश करता है उस पर कार्यवाई की जा रही या फिर उसके पोस्ट पर पूरी दुनियां के लोग उसको माँ बहन की।गालियां खुलकर दे रहे है।
और कश्मीरी शांतिप्रिय इसलिये रो रहे और प्रोटेस्ट कर रहे हैं है क्योंकि उनके कमाई का सीजन शुरू रु हो गया है और जब उनका सीजन शुरु होने वाला होता तब वो करोड़ों रुपए लोन पर लेकर यहाँ वहाँ से इक्कठा से वहाँ व्यापार में इन्वेस्ट करते है और उसका दस गुना पैसा उनका हिन्दू टूरिस्टों से उनका हर सीजन में निकल आता है। अब वहाँ टूरिस्ट जाने से डर रहे है जिससे उनका बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है जिससे वो लोग रोने का नाटक से लेकर पता नही क्या क्या कर रहे है!!!
आप हर कश्मीरी के मुह से यही सुनोगे उन निर्दोषो को मार दिया गलत किया अब वो हमारे यहाँ आयेंगे नही वो यही बोलते हुए दिखेगे लगभग हर कश्मीरी शांतिप्रिय यानी कि उन्हें तुम्हारे मरने की चिंता नही चिंता सिर्फ अपने व्यापार की है।
वो चाहते भी यही हैं कि काफिर मरते रहे लेकिन हमें पैसा देते रहे।।
वही एक पत्रकार ने एक पंजाबी व्यापारी से जब सवाल किया तो उसका सबसे पहला जाबब था की हमारा व्यापार मायने नही रखता लोगो की जान मायने रखती है वो बोला कि मेरा व्यापार चाहे खतम हो या चले लोग सुरक्षित रहे कोई बात नही अगर नही आ रहे तो क्योंकि उनके जान से ज्यादा कीमती मेरा व्यापार थोड़ी है।।
लेकिन वही कश्मीरी यही रोना मचा रखे है क्योंकि उनका तुमसे व्यापार बन्द हो गया।।
एक लोकल कश्मीरी तो यहाँ तक कह रहा था कि हम चाहते ही नही कोई अमरनाथ यात्रा दर्सन करने आये उसके कहने के हिसाब से अमरनाथ यात्रा करने गरीब हिन्दू भी चला जाता जो पैसे खर्च नही करता ज्यादा। उसका मतलब है वहाँ सिर्फ अमीर हिन्दू आये और अपने लाखो रुपए फूंके उसके बाद उसको निपटा कर हम लोग जन्नत की टिकट भी फिक्स कर लें और उसका धन भी हड़प ले।
इनके रोने धोने पर मत ध्यान देना सब के सब नाटक कर रहे हैं क्योंकि ऐसा हो नही सकता एक साथ कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के शांतिप्रिय और ओवैसी तक इस तरह से रोये धोए वो तुम्हारे लिए जिनके खिलाफ ये दिन रात ज़हर ही उगलते हैं।
Sanjay khambete
अपने घर में छोटा सा कार्यक्रम करिए उसको सकुशल संपन्न कराने में हवा निकल जाती है.. यहां तो पूरा विश्व आया हुआ है करोड़ों की संख्या में..!
कृपया सहयोग करिए.. आलोचना नहीं..
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️