Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
Anupama Jain
(owner)
सुनो ना ,,,,,,,❤️
सिर्फ़ बाँतें कम हुई हैं तुमसे
मैसेज पर , फोन पर
भूली नहीं हूँ तुम्हें....
और तुम्हारी कोई भी बात.....❤️
अब भी रोज़ घंटों भर
देखती हूँ तुम्हारी फोटो
उससे पूछती हूँ तुम कैसे हो..?
बीमारी सुन गुस्सा भी करती हूँ
डाँट भी लगा देती हूँ तुम्हें...❤️
कभी कभी तो तुम
बहुत ही याद आते हो मुझे
दिल कहता है काॅल करूँ
आवाज़ सुनकर सब समझ लूँ
फ़िर ख़ुद को बहाने से
बहलाकर समझा लेती हूँ...❤️
मन करता है चिड़िया बन जाऊँ
तुम्हारे घर अँगना चहचहा आऊँ
तुम्हें देख टकटक निहारती रहूँ
फुदक कर कँधे पर बैठ जाऊँ
तुम्हारे माथे पर बोसा दे आऊँ
आत्मा की प्यास बुझा लूँ.....❤️
फ़िर ,,,,,,
ठंडी आह भर कर
उदास हो जाती हूँ...
तब दिमाग जाग उठता है
कहता है हर चीज़ कहाँ
हमारे मन मुताबिक होती है
जिसका जितना साथ लिखा हो
बस उतना ही मिला करता है....❤️
#सुनो .....❤️
मगर मै
ताउम्र याद रखूँगी
तुम्हें ........
तुम्हारा नाम....
तुम्हारी आवाज़....
तुम्हारा_वही_चेहरा...
तुम्हारा_एहसास...
तुमहारा_वादा....
सबकुछ......✍
पायल शर्मा
वैष्णो देवी धाम के लिए निकले तीर्थयात्रियों पर हुए इस्लामिक आतंक'वादी आक्रमण में मारे गए श्रद्धालुओ को नमन करती हूं
शशि यादव
कुछ लोगो का प्यार समझ से परे होता है
सोशल मीडिया पर मिलते ही सीधा ब्लॉक हो जाता है।
Sanjay khambete
अपने घर में छोटा सा कार्यक्रम करिए उसको सकुशल संपन्न कराने में हवा निकल जाती है.. यहां तो पूरा विश्व आया हुआ है करोड़ों की संख्या में..!
कृपया सहयोग करिए.. आलोचना नहीं..
Mukesh Bansal
*एक मुस्लिम व्यापारी का बयान*
*आज मेरी बात राजनगर (गाज़ियाबाद) सैक्टर 10 की मार्किट में एक* *मुस्लिम व्यापारी*( *फल विक्रेता) से उसी* *के दुकान पर हुई । मैंने उससे समुदाय विशेष स्तर पर अपने दुकानों पर अपना नाम व जाति लिखने के आदेश का कोई विरोध न करने का कारण जानना चाहा। उसका जबाब सुनकर मैं बहुत अशांत हो गया और मेरे दिमाग़ की सारी बत्तियां जल गई।*
उसने मुझे बताया कि लाला जी क्या फर्क पड़ता है नाम लिखने से। हिंदू और सिख तो हमेशा से ही उन लोगो का साथ देते हैं जो उनके खिलाफ लड़ने के लिए उत्सुक रहते हैं।
*अब हमारे ख्वाजा मोइद्दीन चिश्ती साहब को ही ले लो, उन्होंने पृथ्वीराज की बेटियों का सरेआम बलात्कार कराया और आज हिंदू उनकी मजार को चूमने को ही लालायित रहते हैं*।
अभी राममंदिर प्रकरण को ही लें, यदि तुम्हारे हिन्दू ही राममंदिर के विरोध में खड़े नही होते तो क्या किसी मुस्लिम की हिम्मत थी जो बाबरी मस्जिद के पक्ष में खड़ा हो जाता ।
*हमारे पूर्वजों ने सिखों के गुरु गोविंद सिंह जी का सरेआम कत्ल किया, उनके बच्चों को दीवार में चुनवा दिया और आज उनकी पुश्तें हमारे तलवे चाटने को तैयार बैठी हैं ।*
आपने देखा नही कैसे वो लोग अपने गुरुद्वारों में हमे नमाज अदा करवा रहे हैं । रोजा इफ्तारी करा रहे हैं।
*लाला जी तुम्हारे लोग बहुत भुलक्कड़ व लालची हैं । सन चौरासी के दंगों में कांग्रेस ने सिखों का कत्लेआम करवाया और आज सिख कांग्रेस के साथ साथ मुसलमानों के तलवे चाटने को ललायित रहते हैं ।*
*मुलायम सिंह ने हिंदुओं पर गोलियां चलवाई और आज हिंदू उसके बेटे श्री अखिलेश यादव की चरण वंदना करने को ललायित हैं, उसके लिए दरियां बिछा रहे हैं ।*
इसलिए लाला जी कोई फर्क नहीं पड़ता । अगर हमारी दुकान पर मुसलमान का नेम प्लेट भी लगी हो और हिंदू को वही आम किसी मुस्लिम दुकानदार की दुकान पर ₹5 सस्ता मिल रहा है तो वह मुसलमान से ही खरीदेगा।
आप ही के भाई, आपके हिन्दू धर्म का हिस्सा एस.सी., एस.टी. व दलित समाज के लोग जय मीम ,जय भीम में इतना खो गए हैं कि उन्हें अपने बहन बेटियों के लव-जिहाद और मुसलमानों द्वारा बलात्कार से भी कोई फर्क नहीं पड़ता । और, आप पड़े हो नाम के चक्कर में।
*हिंदू को ₹ 5 प्रति किलो अगर सब्जी सस्ती मिले तो वो किसने थूका है किसने मूता है, सब भूल जाएंगे,सामान हमसे ही खरीदेंगे।*
*मैं उसकी बात सुन सन्न रह गया और ये सोचते हुए कि हिन्दुओ की बर्बादी का वास्तविक जिम्मेदार खुद हिन्दू है या मुसलमान सोचते हुए घर वापस आ गया।**
अनिल जैन
अमर शहीद भारतीय युवाओं के आदर्श पं. चंद्रशेखर "आज़ाद" जी की पुण्यतिथि (बलिदान दिवस) पर शत शत नमन