Anupama Jain
(owner)
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे,
आँखों में तुम, यादों में तुम,
नींदों में तुम, ख्वाबों में तुम,
तुम हो मेरी हर बात, तुम हो मेरे दिन रात,
तुम सुबह में, तुम शाम में,
तुम सोंच में, तुम काम में,
मेरे लिए पाना भी तुम, मेरे लिए खोना भी तुम,
मेरे लिए हँसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम,
और जागना सोना भी तुम,
जाऊँ कहीं देखूँ कहीं,
तुम हो वहाँ, तुम हो वहीं,
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें, तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं।
शशि यादव
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