Anupama Jain
(owner)
तुम्हे लिख लिखकर जो सहेज रखा है,
तेरी यादों का एक गुलिस्तां मैने बसा रखा है,
तुमसे बिछड़े हुए ज़माने मुझको, मगर
अब तक तेरे इश्क को ,मैने खुद में पहले की तरह जिंदा रखा है..!
ख़ैर...
शशि यादव
क्या आप लोग वक्फ बोर्ड को हटाने का समर्थन करते हैं