शशिरंजन सिंह
शीघ्रपतन दोष से पीड़ित हिनू अगर कृष्णावतार के समय होते तो ये श्रीकृष्ण को 2 साल में ही वापस बैकुंठ भेज देते...
क्योंकि, उस समय इनकी दलीले कुछ ऐसी होती :-
1) वाह कृष्ण जी, जन्म लेते ही आप तो कंस से दूर भाग गए,
आपसे कंस का वध ना होगा.
2) वहाँ आपके माता पिता जेल में बंद है और आप मटकी फोड़ रहे हो ?
बाँसुरी बजा रहे हो, रास रचा रहे हो, गायों को चरा रहे हो ?
लगता है कि... आप अपने उद्देश्य से भटक गए हैं ।
3) आपने पूतना का वध तो कर दिया मगर उससे पहले पूतना ने जो 25 बच्चे मार दिए थे इसका जवाब दो कृष्ण जी.
4) 14 वर्ष की आयु में कंस का वध किया...
मतलब कि आपके जन्म के 14 वर्षो तक कंस अत्याचार करता रहा...
मगर आपने कुछ नही किया.
5) वहाँ पांडव लाक्षागृह में जल रहे है और आप रुक्मणि जी से विवाह कर रहे है .
क्या यही अच्छे दिन दिखाने के लिये आपने अवतार लिया है ???
6) पांडव 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास काट रहे है और आप द्वारिका में बैठे हो... धिक्कार है ऐसे भगवान पर तो.
7) आप अभिमन्यु को ना बचा सके...
ये आप कैसे भगवान हो ??
कुल मिलाकर... यदि उस समय शीघ्रपतन रोग से पीड़ित हिनू होते... तो , भगवान श्री कृष्ण... को भी अपनी बकसोदियों से इतना त्रस्त कर दिया होता कि... अवतार लेने के महज 5 साल के अंदर ही भगवान भी कह कह देते कि..
"भाई, देख लो सब तुम ही मैं तो बैकुंठ में ही खुश हूँ.
बस अगली बार त्राहि माम ना बोलना" निर्लज्जों.
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