मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
jareen jj
अब भी कहोगे साथियों कि
इनबुक को फेसबुक जैसा होना चाहिए
शशि यादव
कुछ लोगो का प्यार समझ से परे होता है
सोशल मीडिया पर मिलते ही सीधा ब्लॉक हो जाता है।
लवली ठाकुर
इनबुक साथियों
नमस्कार
जब भी अपने कोई भी साथी मतदान (poll) सबके लिए रखता है तो हमें सिर्फ लाईक, कमेंट ही नहीं करना चाहिए बल्कि पोल में जाकर मत भी देना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र में मत से ही प्रभाव पड़ता है
शशिरंजन सिंह
केदारनाथ त्रासदी जून 2013 शायद लोगों की याददाश्त से उतर जाए, लेकिन है सिर्फ 10 साल पुरानी बात ।
उस त्रासदी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने PM Relief Fund में जमकर पूरे देश से दान मांगा और देशवासियों ने बढ़-चढ़ कर दान दिया भी था, लेकिन 8000 करोड़ रु मिले दान का शायद ही 10% भी खर्च किया गया हो । उसमें भी विवाद ये था कि उत्तराखंड सरकार ने केंद्र का विरोध करते हुए कहा था कि केंद्र से उसे मात्र 5700 रु करोड़ ही मिले, बाकी का केंद्र और राज्य के बीच गोलमाल का पता भी नहीं चला ।
खैर 2015 में जब आपदा की CAG रिपोर्ट आयी तो केंद्र और राज्य दोनों में ही भाजपा की सरकार थी ।
रिपोर्ट में आपको जानकर ताज्जुब होगा कि ऑडिट में आधा लीटर दूध की कीमत 195 रुपये बताई गई थी ।
एक टाइम का खाना जो लोगों को उस आपदा में दिया गया, उसकी कीमत 900 रु. थी ।
साधारण होटल के कमरों का एक दिन का भाड़ा 6-7 हज़ार रुपये था।
बहुत से ट्रक का नम्बर स्कूटरों का निकला और उस पर गई राहत सामग्री भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई ।
जो सबसे बड़ी तकलीफदेह बात रही, जिससे कोई भी इंसान आग बबूला हो जाएगा, वो ये कि लाश को केदार नाथ से देहरादून तक लाने का जिस एकमात्र कम्पनी Blue Breeze Trading Pvt Ltd. को ठेका दिया गया, वो दिल्ली की कम्पनी थी ।
और उस कम्पनी ने 1 लाश को ढोने का किराया 1 लाख और ज़िंदा आदमी को देहरादून पहुचाने का भाड़ा 2 लाख लिया और उस कम्पनी के 2 डायरेक्टर थे, एक रोबर्ट वाड्रा, दूसरी उनकी माँ मौरीन वाड्रा ।
ऐसी बदनीयत रखने वालों को तकलीफ ये है कि PM Relief Fund को लूटने का मौका इनके हाथ से निकल गया और इनको तक़लीफ़ इस बात की है कि जो पैसा इनके ऐशों आराम में खर्च होना था, उसका उपयोग 80 करोड़ की आबादी को 8 महीने राशन देने में कैसे हुआ, 20 करोड़ महिलाओं को 500 रु महीना 3 महीने तक देने में क्यों हुआ ।
GST से कोरोना में 3-4 लाख करोड़ का सरकार को नुकसान होने के बावजूद सरकार कैसे ऐसे काम कर रही है । तकलीफ इनको इस बात की है कि देश में PM Relief Fund से 47000 वेंटिलेटर से 1.5 लाख वेंटिलेटर कैसे हो गए ।
ये अधर्मी लाशों पर व्यवसाय करते हैं । ये उस मोदी से तुलना कर रहे हैं, जिसने अपने एक साल में मिले सभी उपहारों की नीलामी से 103 करोड़ रु बचा कर शैक्षिक संस्थाओं को दान दे दिया । जिसने अपनी तनख्वाह का 21 लाख कुम्भ मेले के कर्मचारियों को दे दिया, जो अपनी किचन का खर्चा अपनी जेब से करता है, उसको ये चोर कहते हैं ।
चुल्लू भर पानी भी कम है इनके लिए...
कुछ ताकतें सच दबाने में लगी हुई हैं, इसलिए कृपया रिपोस्ट अवश्य करें !
wattsaap से
Mukesh Bansal
कांग्रेस और विपक्ष पर वज्रपात,
मोदी कन्याकुमारी में “ध्यान” में बैठ गए,
100 टन सोना भारत आ गया और
GDP उछाल मार गई -
चुनाव प्रचार समाप्त होते ही प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर “ध्यान” पर बैठ गए और कांग्रेस चीख पुकार करती रह गई जैसे लुट गए मर गए बर्बाद हो गए हों - चुनाव आयोग में माथा फोड़ा और DMK कोर्ट में गिड़गिड़ाती रह गई -
अभी मोदी जी “ध्यान” में मग्न थे कि कांग्रेस को सुलगाने के लिए एक खबर और आ गई कि भारत की GDP 2023 - 24 के लिए 8.2% हो गई है जिसमें मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन की 9.9% वृद्धि दर ने अहम योगदान दिया है - वर्ष 2023 - 24 की चार तिमाही में GDP दर रही -
-पहली तिमाही - 8.2%
-दूसरी तिमाही - 8.1%
-तीसरी तिमाही - 8.6%
-चौथी तिमाही - 7.8%
ये GDP देख कर चीन को सांप सूंघ जाएगा क्योंकि उसकी अपनी विकास दर 5% से ऊपर नहीं रही - ये GDP देख कर राहुल गांधी और उसका पप्पू आर्थिक गुरु पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन सन्नाटे में खो गए होंगे क्योंकि दोनों चीन के चमचे हैं - इस रघुराम राजन ने कहा था कि भारत किस्मत वाला होगा अगर उसकी GDP 2023 - 24 में 5% भी हो गई लेकिन वो 5% हो गई चीन की और भारत की हो गई 8.2% -
अमर्त्य सेन और रघुराम राजन दो एक भारत विरोधी खटमल हैं जो हमारे देश का खून चूसने में आगे रहे हैं और देश के खिलाफ बोलते हैं - रघुराम राजन ने यह भी कहा था कि “बेशक G20 देशों में Fastest Growing Economy है लेकिन भारत सबसे “गरीब” देश भी है जहां जवान लड़के Labour Force के लिए काम कर रहे हैं - Growth की Hype को लेकर भारत गलती कर रहा है और विकसित भारत का विज़न “नॉनसेंस” है - हमारा वर्कफोर्स बढ़ रहा है लेकिन यह तभी फायदेमंद होगा जब वे “अच्छी” नौकरियों में लगे हों”
जिस Semiconductor chip manufacturing की वजह से चीन बड़े स्तर पर विकास करता रहा उसी Chip को भारत के लिए रघुराम राजन ने बेकार कहा था - उसने कहा था जब सभी देश Chip बना रहे हों तो वह भारत के लिए “बर्बादी” ला सकता है (Ruinous साबित होगा भारत के लिए”
ऐसी बातें रघुराम राजन की सुनकर सोचने पर विवश होता हूं इस व्यक्ति ने RBI का गवर्नर रह कर कितना बड़ा नुकसान देश को दिया होगा -
इसके अलावा कांग्रेस काल में गिरवी रखा 47 टन सोने की जगह कल 100 टन सोना ब्रिटिश बैंक से भारत वापस लाया गया - ये बड़ी उपलब्धि है लेकिन कांग्रेस का घोटालेबाज “अनर्थशास्त्री” चिदंबरम कह रहा है कि सोना लाने से हमारी अर्थव्यवस्था’ कोई फर्क नहीं पड़ेगा - इसका मतलब यह है कि मनमोहन सरकार में गिरवी रखे गए सोने को वापस लाने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई -
चिदंबरम जब आप सरकार छोड़ कर गए थे तब भारत का सोने का भंडार 557 टन था जो अब बढ़ कर 10 साल में 822 टन हो गया है, मतलब 48% की बढ़ोतरी हुई है - इसका मतलब यह भी निकलता है कि 1947 से 2014 तक सोना 8 टन प्रति वर्ष बढ़ा जबकि पिछले 10 वर्ष में 26 टन प्रति वर्ष बढ़ा है -
कुछ दिन पहले चिदंबरम ने कहा था कि प्रधानमंत्री कोई भी हो मोदी या कोई और, भारत की इकॉनमी 3rd नंबर पर पहुंच ही जाएगी जबकि सच यह है कि कांग्रेस सत्ता में हो तो economy 5 से 15 नंबर पर पहुंचने में देर नहीं लगेगी - अरे निकम्मों कभी तो किसी काम को अच्छा कह दिया करो या मोदी से जल जल कर ही मर जाओगे -
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ऐसी ख़ुशख़बरी संकेत देने के लिए काफी है कि भारत का भविष्य उज्जवल है और मोदी जी के हाथों में सुरक्षित है -
“मैं वंशज श्री राम का”
Priyadarshi Tiwari
*भीषण गर्मी पर बुंदेलखंड के कवि की सुंदर रचना*
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
*विकट दुफ़रिया है सन्नानी*
सूरज निकरो है खिसिया कें, विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
ऊपर-नेंचें प्रान हो रये,लपटें करें खूब मनमानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
मौसम लयें आग के हंटर,जो मिल रव सो मार रओ है।
धूप तुनक के लाल हो गयी,पहिले भारी प्यार रओ है।
सूरज खों रंगदारी करबे,की आदत है भोत पुरानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
गरम हवा सब फेंक रये हैं,कूलर-पंखा फेल हो गये।
बाहर जाबे की दम नैयाँ,नजरबन्द,घर जेल हो गये।।
मूँड़ सें चुयें पसीना,अखल-बखल हो रय सब प्रानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
नदियाँ सबई दूबरी हो गयीं, ताल-तलैया सूख गये हैं।
जाने कहाँ गयी हरयाली,मरे मरे से रूख भये हैं।।
ढोर-बछेरू छाँव ढूंढ रय,पीबे तक कों नैयाँ पानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
पके कलींदे, मठा, चीमरी, सकला, सतुआ,पनो आम को।
गन्ना रस,अंगूर,संतरा,करें सामनो कठिन घाम को।।
कुल्फी और बरफ को गोला, खाके तबियत तनक जुड़ानी।।
सूरज निकरो है खिसिया कें, विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
ऊपर -नेंचें प्रान हो रये, लपटें करतीं हैं मनमानी।।
*विकट दुफ़रिया है सन्नानी।*