मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
jareen jj
अब भी कहोगे साथियों कि
इनबुक को फेसबुक जैसा होना चाहिए
शशि यादव
कुछ लोगो का प्यार समझ से परे होता है
सोशल मीडिया पर मिलते ही सीधा ब्लॉक हो जाता है।
लवली ठाकुर
इनबुक साथियों
नमस्कार
जब भी अपने कोई भी साथी मतदान (poll) सबके लिए रखता है तो हमें सिर्फ लाईक, कमेंट ही नहीं करना चाहिए बल्कि पोल में जाकर मत भी देना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र में मत से ही प्रभाव पड़ता है
शशिरंजन सिंह
मोदी मायने क्या ?
मोदी का मायने समझने के लिए प्रधानमंत्री पद पर आसीन पूर्व व्यक्तियों की फाइल उलटनी होगी
और महानियत के पर्दे बिल्कुल हटाकर वास्तविक तथ्य देखना होगा। इसके बाद तुलनातमक अध्ययन करना होगा।
आज एक अच्छा पोस्ट पढ़ा, जिसमें उल्लेख था कि जब मनमोहन सिंह को इंग्लैंड में डिग्री मिली
उन्होंने शुक्रिया अदा करते हुए अँग्रेजों की गुलामी की सराहना की।
बताया कि शिक्षा, भाषा, ज्ञान-विज्ञान, कानून देकर अँग्रेज ने भारत को कृतार्थ किया।
इस तरह की बातें मैंने अँग्रेज के शुक्रगुजार प्रोफेसरों के मुँह से सुनी है।
अँग्रेजों को भारत का उद्धारकर्ता माननेवाले लोग अकादमिक- शैक्षिक क्षेत्र में मिल जाएँगे।
एक मनमोहन सिंह ही अंग्रेज परस्त नहीं है।
कम्युनिस्टों का कारोबार भी अँग्रेज पर ही आधारित है, जैसे आर्य आगमन थ्यूरी इत्यादि।
मनमोहन सिंह अच्छे गुलाम नहीं होते तो प्रधानमंत्री बनना तो बहुत दूर की बात है, उन्हें कहीं अन्यत्र ठिकाना नहीं मिलता।
मनमोहन सिंह रिफ्युजी पंजाबी और अनुसूचित जाति के व्यक्ति थे, गुलामी की कला उनके व्यक्तित्व में कूट-कूट कर भरी थी।
जब सोनिया खारिज हो गई, मनमोहन डंमी प्रधानमंत्री हुए,
तब उनके एक पाकिस्तानी रिस्तेदार चर्मकार ने जूते का उपहार भेजा था।
यह पाकिस्तानी जूता किसके सिर पर गिरा?
राष्ट्रीय स्वाभिमान हीन उन तमाम लोगों के सिर पर जिन्होंने सोनिया को नेता चुना।
सोनिया ने मनमोहन को किसी अज्ञात के इशारे पर प्रधानमंत्री बनाया।
मनमोहन वर्ड बैंक के कर्मचारी थे, उन्हें वर्ल्ड बैंक ने इंदिरा गांधी का आर्थिक सलाहकार बनाकर तब भेजा था
जब इंदिरा गांधी ने आईएमएफ से कर्ज लेने से इंकार कर दिया। उन्हें मनमोहन की माया में फँसाया गया था।
आप जानते होंगे इन्दरकुमार गुजराल भी प्रधानमंत्री हुए थे। वह भी पाकिस्तान परस्त रिफ्युजी मिजाज के आदमी थे।
ये पाकिस्तान केन्द्रित सोच के लोग हैं इनके दिमाग का देश उन्हीं तक सिमटा हुआ है।
सोनिया, मनमोहन, गुजराल जैसे लोग जब भारत पर राज कर सकते हैं तब शत्रु देश क्यों नहीं सोचेगा कि भारत को गुलाम बनाना बड़ी बात नहीं है।
पाकिस्तान के लिए ही नहीं, चीन के लिए भी भारत की जनता की ऐसी मूर्खताएं उत्साहित करती रहीं।
उन दिनों की पाकिस्तानी और चीनी हरकतों को याद कीजिए और सोचिए सबकुछ होते हुए भी भारत का मान-सम्मान गिरा हुआ क्यों था?
इस पृष्ठभूमि में भारत राष्ट्र के पक्ष में खड़ा होकर देखिए मोदी का मायने समझ में आ जाएगा।
Mukesh Bansal
*‘साली तेरी औकात क्या है, नीच औरत, ऐसी जगह गाड़ेंगे पता तक नहीं चलेगा’:* पीरियड में थीं स्वाति मालीवाल, फिर भी टांगों के बीच मारता रहा विभव कुमार
17 May, 2024
ऑपइंडिया स्टाफ़
स्वाति मालीवाल (चित्र साभार: NDTV)
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AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ दिल्ली CM केजरीवाल के आवास पर हुई मारपीट के मामले में FIR सामने आई है। इसमें स्वाति मालीवाल ने बताया है कि कैसे उनके साथ केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव बिभव कुमार ने बर्बरता से मारपीट की। उन्होंने इस FIR में बताया है कि उन्हें बर्बरता से पीटा गया और जान से मार देने तक की धमकी दी गई।
FIR में स्वाति मालीवाल ने बताया कि वह 13 मई, 2024 की सुबह केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुँची थीं। यहाँ केजरीवाल से मिलने के लिए उन्हें थोड़ी देर प्रतीक्षा करने को कहा गया था। स्वाति मालीवाल ने बताया कि वह CM केजरीवाल की प्रतीक्षा ड्राइंग रूम में कर रहीं थी तभी वहाँ बिभव कुमार आ गए।
स्वाति मालीवाल ने बताया कि बिभव कुमार ने आते ही उन पर चिल्लाना और गालियाँ देना चालू कर दिया। स्वाति ने कहा कि उन्होंने बिभव से शांत होने की बात कही लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल से कहा, “तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी? कैसे नहीं मानेगी? साली तेरी औकात क्या है कि हमको ना करदे। समझती क्या है खुद को नीच औरत। तुझको हम सबक सिखाएँगे।” बिभव कुमार इसके बाद स्वाति मालीवाल पर हमलावर हो गए।
स्वाति मालीवाल ने बताया कि उन्हें बिभव कुमार ने उन्हें एक साथ 7-8 थप्पड़ मारे। *जब स्वाति मालीवाल ने इसका विरोध किया और उन्हें पीछे धकेला तो बिभव कुमार उन पर टूट पड़े। बिभव ने मालीवाल को खींचा और उनकी शर्ट ऊपर कर दी। इसके बाद उनकी शर्ट के बटन खुल गए। मालीवाल ने बताया कि खींचे जाने के कारण उनका सर मेज से टकरा गया और वह स्वयं जमीन पर गिर गईं। बिभव कुमार ने इसके बाद उनकी छाती समेत पूरे शरीर पर लातें बरसाईं।*
Priyadarshi Tiwari
कुछ के पास इतने दुःख होते हैं कि
मृत्यु उन्हें किसी सुख जैसी लगने
लगती है