संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Sanjay khambete
(owner)
महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन
न ही कोई मुस्लिम दुकान लगायेगा।
8 अखाड़ों का फैसला- 'कुंभ में आईडी हो जरूरी'
#mahakumbh2025
शशिरंजन सिंह
आज बांग्लादेश का
कोई हिंदू टैक्स के लिए ~ परेशान नहीं है,,
महंगाई के लिए ~ परेशान नहीं है,,
बेरोजगारी के लिए ~ परेशान नहीं है,,
फ्री बिजली पानी के लिए ~ परेशान नहीं है,,
गटर और सड़क के लिए ~ परेशान नहीं है,,
जात-पात के लिए ~ परेशान नहीं है,,
ऊंच-नीच के लिए ~ परेशान नहीं है,,
अमिर गरीब के लिए ~ परेशान नहीं है,,
किसी भी अन्य सुविधाओं के लिए ~ परेशान नहीं है >>
आज वो परेशान है तो
सिर्फ अपनी - जान बचाने के लिए !!
अनिल जैन
जो अत्याचार अफगानिस्तान,पाकिस्तान,कश्मीर मे हो चुका है..
और बंग्लादेश मे हो रहा वो पुरे भारतवर्ष मे कितने सालों के बाद हो सकता है ??
Priyadarshi Tiwari
सारी जिंदगी इत्र लगा के मर गए लोग
फिर भी राख से सुगंध न आई