संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
राजू मिश्रा
हमारी तुम्हारी क्या ही बराबरी
हम तो AK 47 के सामने मृत्यु निश्चित होने पर भी अपना धर्म हिन्दू ही बताते हैं
तुम तो दुकान चलाने के लिए नाम बदल लेते हो
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
jareen jj
अब भी कहोगे साथियों कि
इनबुक को फेसबुक जैसा होना चाहिए
शशि यादव
क्या आप लोग वक्फ बोर्ड को हटाने का समर्थन करते हैं
lalitkgupt50
चीन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सलाह दी है कोई बात नहीं अमेरिका चीन सऊदी अरब से
निराश होने के बाद भी तू निराश ना हो तू भारतीय सुप्रीम कोर्ट में जा वहां से तुझे युद्ध पर स्टे आर्डर मिल जाएगा ?? और यदि तू केस लड़ने के लिए वकील चाहता है तो कपिल सिब्बल अभिषेक मनु सिंघवी प्रशांत भूषण इत्यादि से संपर्क कर सकता है ??
वो देशद्रोही तेरा केस लड़ने के लिए तैयार रहेंगे और सुप्रीम कोर्ट स्टे ऑर्डर दे देगा ??