Anuj Gangwar
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Amrit Pal
हम कई बार कह देते हैं अमरीका, चीन आगे जा रहा,,, भारत क्यूं नही… फिर इसका जिम्मेवार किसी और चीजों को बता देते हैं लेफ्टिस्ट,,,,
पर उचित आकलन कोई नही करता… भारत के सामने चुनौतियां सभ्यता वॉर की है… 1000 वर्ष से यहां सभ्यता वॉर चल रही है,,, स्वदेशी और विदेशी के बीच… एक पक्ष बाहर से हमलावर बनके आता है और भारत पर कब्जा, लूट पाट, धार्मिक सफाया (ethnic cleasing) करता है… वहीं दूसरा पक्ष अपने ही देश में अपने राष्ट्र का सिंहासन, सभ्यता, और अपनी जान माल बचाने में लगा हुआ है बिचारा।
सन 992 से आरंभ हुई… जो कायदे से यह सभ्यता वॉर 1947 में बंद हो जानी चाहिए थी… वो 2 देशों का विभाजन सभ्यता (धर्म) के आधार पर होने के बावजूद बंद नही करनी दी गई। उसका कारण है विदेश से आने वाली एक सभ्यता को तो अपना देश मिल गया… परन्तु 1000 वर्ष से जो सभ्यता और राष्ट्र बचाने में लगा हुआ है समाज उसे अपना देश नही मिल पाया…
1000 वर्ष की गुलामी के बाद भी इस हिन्दू सभ्यता को अपना राष्ट्र नसीब नहीं हु… इसे ठग लिया गया 1947 में… यह कहके की अपनी भूमि का 33% अरब से आई इस इस्लामी सभ्यता को दे दो,, तो बाकी की भूमि तुम्हारी अपनी होगी और अब से तुम अपने राष्ट्र के स्वामी होगे।
992 से लेके 1947 तक चली इस गुलामी के एक दौर की समाप्ति के बाद गुलामी का दूसरा दौर फिर से शुरू हो गया 1951 में… नए कानून नए संविधान इस प्रकार बनाके उसे बता दिया गया की,,,, यह तुम्हारी सभ्यता का राष्ट्र नही है,,, ये राष्ट्र फिर से उनका भी है जिन्होंने 1947 में इस्लामी सभ्यता के नाम पर तुम्हारी 33% भूमि ले चुका है… यह राष्ट्र फिर से उन ईसाइयों का भी है जो 200 वर्ष तुम्हे तुम्हारे देश में गुलाम बनाए विदेश से आके…
और आज भारतीय सभ्यता फिर वही पहचान बचाने के लिए लड़ने को मजबूर है… उसको अपना राष्ट्र तो क्या नसीब होना था, उल्टा अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहा है… उसका धर्म, उसकी भाषा, उसकी सभ्यता का धर्मपरिवर्तन करवाया जा रहा है,, वो अपने ही देश में अल्पसंख्यक किया जा रहा है,,, धर्मपरिवर्तन असल में राष्ट्र परिवर्तन होता है,,,, जो राष्ट्र के प्रति निष्ठा बदल देता है,, जो लोगों को अपना राष्ट्र छोड़ दूसरे राष्ट्र के प्रति निष्ठावन बनाता है।
• इस देश में भारत राष्ट्र के प्रति तब तक ही निष्ठा बची हुई है जबतक यहां हिन्दू सभ्यता बची है,,,, उसके बाद किसी की राष्ट्र निष्ठा विदेशी ईसाई राष्ट्र के प्रति होगी,, तो किसी की निष्ठा अरब इस्लाम राष्ट्र के प्रति होगी। क्योंकि कोई भी धर्म, रिलीजन, मजहब अपने आप में एक राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है। …यही कारण है पिछले दिनों सेकुलर दलों द्वारा कहा जाने लगा की भारत एक राष्ट्र नही union council है,, सोचो भारत राष्ट्र से इन्हें क्यों समस्या आई?
…अब खुद सोचो सभ्यता war में उलझा एक देश,,, अमरीका और चीन की बराबरी कैसे कर ले? पिछले 7 दशकों की तुलना करें तो अमरीका और चीन के आगे सभ्यता war का संकट नही है,,, जो भारत के सामने है।
सभ्यता वॉर की समस्या का समाधान किए बिना भारत तरक्की नहीं कर सकता… बिना भ्रमित हुए सीधा स्पष्ट सोचो की सन 1000 से पहले का महान भारत,, सन 1000 के बाद से पिछड़ता क्यों चला गया? क्योंकि यह राष्ट्र बेगानी सभ्यता के अधीन जाता रहा,, और इस राष्ट्र की अपनी मूल सभ्यता गुलाम होती गई।
साभार
Ankit Gupta
पहले *भटूरे* को फुलाने के लिये
उसमें *ENO* डालिये
फिर *भटूरे* से फूले पेट को
पिचकाने के लिये *ENO* पीजिये
*जीवन के कुछ गूढ़ रहस्य*
*आप कभी नहीं समझ पायेंगे*
*पांचवीं* तक *स्लेट* की बत्ती को
*जीभ* से चाटकर कैल्शियम की
कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी
*लेकिन*
इसमें *पापबोध* भी था कि कहीं
*विद्यामाता* नाराज न हो जायें ...!!!☺️
*पढ़ाई* के *तनाव* हमने
*पेन्सिल* का पिछला हिस्सा
चबाकर मिटाया था ...!!!