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Thursday 19 December 2019

एक नजर

- जमाने भर को रंजिशें है हमसे ,
  पर यह बंदीसे हमें कुछ बोलने कहां देती है।

-  दुनिया ने कहा उम्मीदें छोड़ दो ,
  अपनों ने कहा ख्वाहिशें छोड़ दो ,
  बस एक सहारा था आपका,
  पर आपने भी कह दिया,
  कि हमसे जिद्द करना छोड़ दो ।

- थक गई हूं अब तो यूं ही चलते चलते,
  मेरे पांव के छाले इस बात के गवाह हैं,
  यह मंजर भी रो पड़ा मेरी हालत देख कर,
  लगता है यह भी मेरी तरह बेगुनाह है ।

- सबूत तो गुनाहों के होते हैं,
  इस पाक मोहब्बत में सबूतों का वजूद कैसा ।

- ना तुजमे कोई कमी है ना मुझ में कोई ऐब,
  फिर भी रिश्तो में यह दूरियां कैसी दोस्त ।

- हम कविताएं इसलिए नहीं लिखते कि जमाने को सुना सके,
 अपनी हर कविता पर हम तो तेरे अल्फाज को तरसते हैं।

-  तमन्नाओं का माहौल कुछ यूं जवां था,
  हसरतों का घाव हमें भी लगा था ,
  खोजने जो चली अपने मर्ज की दवा,
  तब जाकर मालूम पड़ा कि ,
  हर कोई मेरी तरह बीमार ही पड़ा था ।

             - " फुल "
       

तू सीख ले

छोड़ उदासी तू जरा जीना सीख ले,
 यह दुनिया एक समंदर है इसमें तैरना सीख ले ,
तूफान तो समंदर का हिस्सा है तो उससे लड़ना सीख ले,
 हारेगी तकलीफों से तो डूब जाएगी ,
खुद को जरा कश्ती का काबिल बना और तूफानों का रुख मोड़ना सीख ले,
 जो भी आया है हमारे हिस्से में उसे अपनी जिम्मेदारी समझ गया नसीब,
 पर सबको यहां खुश करना सीख ले,
 उम्मीदें रखती है यह दुनिया हमसे तो उसने कुछ गलत भी तो नहीं है ,
इसलिए अब सब की खातिर तुं मुस्कुराना सीख ले,
 मानती हूं आसान नहीं होती जिंदगी की राह ,
मांगने पर भी पूरी नहीं होती यहां हर एक चाह,
 फिर भी किसी की खुशी के लिए तुं कुर्बान होना सीख ले,
 जरूरी नहीं सबको यहां सब कुछ मिल जाए ,
 तुम जैसे हो दुनिया भी वैसी ही हो जाए,
 इसलिए तो कहती हूं कि अगर खुश रहना है ,
तो खुद को दुनिया के सांचे में ढालना सीख ले ।।।

                   - " फुल "
       

Monday 16 December 2019

" फूल की सोच "

-  मैं एक बार जिन से जुड़ जाती हूं ,
   तहे दिल से उनसे रिश्ता निभाती हूं ,
   वक्त या संयोग चाहे कैसा भी हो ,
   रहे उनका दामन बेदाग बस इतना ही चाहती हूं ।

- तू इतना ना मुस्कुरा जिंदगी वक्त हमारा भी आएगा,
  तू भी रोएगी उस दिन जिस दिन मेरा मुस्कुराता हुआ जनाजा जाएगा ।

- कोई तो ऐसी जगह होगी जहां मिलता होगा दिल-ए- सुकून ,
  खरीद लेंगे थोड़ा तेरे लिए थोड़ा मेरे लिए ,
  बन गया है जो हमारे लिए इश्के - जुनून ।

- क्यों तुझे लगता है कि हम तुझ पर शक कर रहे हैं ,
  तेरे लिए ही मुस्कुरा कर हर जख्म सेह रहे हैं ,
  पर क्या करें इस दिल का जो संभाले नहीं संभलता ,
  तेरी चाहत की कशमकश में हम ही मर रहे हैं।

-  तेरी उदासी हमें भी कहां खुश रहने देती है,
   मुस्कुराना तो हम भी चाहते हैं ,
   पर हमें रोने भी कहा देती है ।

- तेरे बारे में और कुछ जानने की जरूरत भी नहीं है हमें ,
  हम तुझसे प्यार करते हैं इतना ही काफी है हमारे लिए ।

- यह जिंदगी है यहां सब कुछ जायस है ,
  कुछ पाने की चाहत में हर इंसान मायुस है,
  मत करना भरोसा हर शख्स का ,
  यहां हर कोई हमारी तरह लायक नहीं है ।।।

          - " फुल "

             

Friday 13 December 2019

नजरिया

या तो परिस्थिति का स्वीकार कर या फिर उसे बदलने की हिम्मत रख ,
सिर्फ फरियाद करने से कुछ नहीं होता ,
दुनिया को अगर बदलना है तो पहले खुद को इतना बुलंद कर ,
यूं ही कोई किसी के सामने नहीं झुकता ,
खुद को सोने की तरह जलाना पड़ता है ,
पिघल कर कतरा कतरा खुद को यहां सांचे में ढालना पड़ता है ,
तब जाकर बनता है मनचाहा आकार इसलिए पहले खुद को इसके काबिल कर ,
मन में कोई मेल मत रख बस कर्म कर ,
जो तेरा होगा वह खुद चलकर तेरे पास आएगा ,
दूसरों की चीजें सिर्फ अमानत होती है उसे अपने पास संभाल कर रख,
और वक्त आने पर शॉप दो उसे जिसकी होती है ,
फुल तेरा काम है सिर्फ खुशियां बांटना तो बस दिल से अपना कर सभी को प्यार कर ।।।

                     - " फुल "
         

Friday 6 December 2019

" मन की बात "

- उसे देख कर जाने क्यों लगता है ,
  कि वह ही मेरी जिंदगी है ,
  बार-बार लड़ने झगड़ने पर भी ,
  सांसो की डोर सिर्फ उसी से बंधी है ,
  कोई और होता तो कब की छोड़ चुके होते,
  कैसे समझाऊं तुझे कि मेरी  जान तेरी ही रूम में बसी है।।।

- हम तो दिल से कोशिश करते हैं ,
          दोस्तों को हंसाने की ,
  पर शायद हमसे ही कमी रह जाती है ,
         तभी तो दोस्तों की आंख ,
  युं बार-बार नम हो जाती है ।।।

- जिंदगी के सफर में हम यूं चलेंगे ,
  मौत को अपनी बाहों में लेकर ,
  ताकि उसे भी ऐसा लगे कि ,
  मेरा भी कोई अपना साथ है ।।।

- किधर जाएं अब तुझे छोड़कर ,
  हाल बेहाल हो जाता है तुझ से मुंह मोड़ कर ,
  यकीन नहीं आता तो आकर देख ले ,
  कितना तड़प रहे हैं हम तुझसे दूर होकर ।।।

           - " फुल "


अल्फाज

यह लफ्ज़ भी धोखेबाजी कर रहे हैं,
 आंखों को  छलक ने का एक और बहाना दे रहे हैं ,
तूने ही कहा था हमारी आंखें तुझे बहुत पसंद है,
 तो अल्फाजों पर जाकर क्यों अपना दिल जला रहा है,
 हम भी तो ऐसे हाल में तड़प हि रहे हैं ,
जज्बातों को रोकने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं ,
क्यों हमारी आंखें और लब एक दूसरे के दुश्मन बन गए हैं ,
जो कभी एक दूसरे के साथ चला करते थे,
 आज एक मोड़ से अलग-अलग रास्तों पर चल दिए हैं ,
कैसे समझाऊं इन दोनों की कशमकश में हम जल रहे हैं ,
अल्फाज लबों से बयां होकर तुझे कुरेद जाते हैं ,
और हर लफ्ज़ पर सौ बार मर हम जाते हैं ,
फिर भी देख इस  हाल में भी दोनों जी रहे हैं,
 क्योंकि एक दूसरे के बगैर जीना तो दूर की बात है ,
जिस्म से रूह का निकलना भी नामुमकिन है,
 बस अब तो इन दोनों हाथों का ही सहारा है ,
जो उठकर दुआ में हम दोनों के लिए सुकून मांग रहे हैं ,
पूरी जिंदगी तेरी इबादत का वादा करते हैं ,
बदले में थोड़ी सी राहते-रहमतों का नूर मांगते हैं ।।।
   
                 - " फुल "
       

Monday 18 November 2019

मेरे खयाल

- शिकायत क्या करें तुझसे ए जिंदगी ,
  तू भी तो मजबूर थी ,
  सब कुछ कहा तेरे हाथ में था ,
 और हम समझे तुं मगरूर थी ।।।

- तू हर लमहे में मुझे चुरा रहा है ,
 और मैं हर पल तुझसे जुड़ रही हूं,
  यह कैसा रिश्ता है तुझसे दोस्त बता मुझे ,
 तुं वहां जल रहा है और मैं यहां पिघल रही हूं ।।।

- हक अदा कर दिया हमने दोस्ती का ,
 तेरे नाम का जोग लेकर ,
 फना हो गए हैं हम तुझ पर ,
 अपनी सांसे तुझे देखकर ।।।

- दिल हार कर तुझे जीता है ,
 इश्क में हमने खुद का सौदा किया है ,
 बना दिया है तुझे हमने अपने मंदिर का देवता,
 इस हद तक तुझे प्यार किया है ।।।

- पलकों से गिरते अश्क भी फर्श पर तुम्हारा नाम लिख जाते हैं ,
 सोच दिल से ,
तुं कितनी गहराई से अर्ज हुआ होगा ।।।

                - " फुल "
   

Wednesday 9 October 2019

" जिंदगी का फलसफा "

जिंदगी वह नहीं जो तेरे साथ गुजर जाए ,
जिंदगी तो वह है जो तेरी याद में भी हंसा जाए ,
बिखरते हुए सपनों में भी तेरी एक झलक पाकर ,
फिर से जीने की तमन्ना जगा जाए ,
पलकों की नमी में भी इंद्रधनुष के रंग  बिखेर जाए ,
अश्कों की धाराएं कुछ यूं बहे ,
कि हर लहर में तेरी तस्वीर बन जाए ,
असर कुछ ऐसा कर जा हम पर ,
कि जब भी बैठे सजदे में ,
इबादत में यह सर अपने आप झुक जाए ,
आदत नहीं तेरे बगैर जीने की हमें
इसलिए इतना करम कर जा हम पर ,
आए जब भी मौत हमें अपने आगोश में लेने ,
खुदा करे यह दम तेरी बाहों में निकल जाए ।।।

             - " फुल "

Sunday 22 September 2019

" मेरे अल्फाज "

" मेरे पास यादों का पिटारा है ,
जिसमें कुछ अपनों का ,
तो कुछ सपनों का बसेरा है "

" गुजर चली है यह जिंदगी जैसे बहता पानी ,
सोचा था बहुत कुछ ,
पर न कर सके थोड़ी सी भी मनमानी ,
न करना अफसोस के ,
वक्त यूं ही बह रहा है ,
मौके और भी मिलेंगे ,
फिर काहे की आनाकानी "

" मिल जाते हैं कुछ अनजान लोग यूं ही ,
मानो जैसे बरसों से जानते हो ,
ना कोई उम्मीद ना कोई ख्वाहिश ,
बस चंद लम्हों में ही सिमट जाते  हो "

" यह अल्फाज मेरी भी कहां सुनते हैं ,
जब भी तेरे बारे में लिखने की कोशिश करती हूं ,
खुद-ब-खुद उभर आते हैं "

         - " फुल "
 

Sunday 15 September 2019

मेरी दुआ

रहमते करम हम पर यूं ही बनाए रखना ,
कुर्बत तक साथ ऐसे ही निभाए रखना ,
भूल भी हो जाए अगर हमसे कोई तो ,
नादानी समझकर हमारी भुला दिया करना ,
हम भी रखेंगे  हमेशा अपने हिस्से की इमानदारी ,
पर तू भी अपनी रिवायत ऐसे ही याद रखना ,
एक तेरे भरोसे ही चल रहे हैं हम खुदा ,
तेरी जन्नत में हमारी भी थोड़ी सी जगह बनाए रखना ,
जमाने के उसूलों को साथ लेकर चलेंगे हम भी ,
पर थोड़ी सी रजा का मन तो तू भी बनाए रखना ,
हमारी खुशियां हि जिनके जीने का मकसद बन गई ,
उनके होठों पर हंसी की बहार बनकर उभरना ,
मत होने देना उदास उन्हें कभी भी मेरे मौला ,
उनकी एक हंसी के लिए हमारी दुआएं ऐसे ही कुबूल करना ,
दीदार की हसरत तो हमारी आखिरी सांस तक रहेगी ,
इल्तजा इतनी ही है कि यह हक हमारा ऐसे ही बनाए रखना ।।।

             - " फुल "
 

अपनी अपनी खुशी

यह समाज की रिवायते तो मेरी समझ से बाहर है ,
कोई दर्द देखकर खुश होता है तो कोई दर्द खरीद कर ,
क्यों आए हैं इस दुनिया में हम यह भी कहा जानते हैं ,
फिर भी कोई साथ निभाता है अपनी खुशियां बेचकर ,
दिल की दुनिया भी बड़ी अजीब होती है यारों ,
पल भर को सोती भी है तो यारों की खुशियां खरीद कर,
 मत करना किसी को भी कभी भी रुसवा जमाने,
 तू तो जालिम है ही पर वह मर जाएंगे दर्द में सिमटकर ,
परिस्थिति चाहे कैसी भी हो खुश रहना सीख ले ,
वरना हम तुझे वजह देंगे खुश होने की तेरे आंसू खरीद कर ,
तू खुश रहना हमेशा तेरी दुनिया में हमारा क्या है ,
हम तो जी लेंगे तेरे बिना तेरी यादों में हंसकर ।।।

           - " फुल "


Monday 2 September 2019

सुकून

मकसद तो दिल के सुकून का ही था ,
कोई मंदिर गया तो कोई मधुशाला ,
कोई बोलकर इजहारे इश्क कर गया ,
तो कोई चुप रहकर भी प्यार जता गया ,
किसी ने किया लफ्जों से बयां ,
और कोई आंखों से ही अपना बना गया ,
मिला किसी को अपना सबसे प्यारा दोस्त ,
तो कोई सब कुछ लुटा कर भी तनहा रह गया ,
क्या मिला किसी को यह मुकद्दर की बात है ,
सब कुछ पाकर भी कोई मायूस हो गया ,
और कोई थोड़ी सी खुशी में ही सारा जहां पा गया ,
मिलना बिछड़ना तो किस्मत की बात है ,
 ग़मे-जिंदगी में भी मुस्कुराना बहुत बड़ी बात है ,
हाथों की लकीरों में छुपा हुआ था वह चेहरा ,
आज सामने आया तो वक्त धोखा दे गया ,
फिर भी कोशिश हमारी हर बार होती है ,
उनकी यादों के लिए मिन्नते बार-बार होती है ,
यह तो अपने अपने सुकून की बात है दोस्तों ,
कोई नशे से प्यार करके गुजारा कर गया ,
तो कोई प्यार के नशे से ही दम भर जी गया ।।।

              - " फुल "
       

दिल का शोर

समंदर में उठा शोर सब ने देखा ,
पर दिल का सैलाब किसी ने महसूस नहीं किया ,
किनारे पर पड़े पत्थर को तो भगवान बना दिया ,
पर गहराई में पड़ा वह पत्थर बेवजह ही धुल गया ,
किसी का प्यार पाना बड़े ही मुकद्दर की बात है ,
पर किसी को मिटकर भी प्यार करना तकदीरो की बात है,
 कहां आती है ऐसी घड़ियां सब के नसीब में ,
मिले हैं आज बड़ी मिन्नत से हमें वह पल ए दोस्त ,
और रह जाए पीछे ऐसे भी खुदगर्ज हम नहीं ,
दिल तो बड़ी ही नाजुक सी चीज है इस जमाने ,
मत सता उसे ऐसे पलभर में मुरझा जाए ,
नहीं खिल सकेगा वह फिर से फूल बनकर ,
वह तो मासूम कली था उसे पत्थर क्यों बना दिया ।।।

               - " फुल "
   

Friday 30 August 2019

" मेरे खयाल "

- आज भी मेरे जेहन में बहुत कुछ है तुझे बताने के लिए ,
  पर जमाने की बंदीसोने हमें मजबूर कर रखा है चुप रहने के लिए ।

- अगर बात सपनों की होती तो शायद छोड़ भी देते ,
  पर बात मेरे अपनों की है बता कैसे छोड़े तुझे ।

- तेरे साथ जिंदगी को राहत मिलती है ,
  तेरे करीब हर घड़ी सुकून से गुजरती है ,
  घुल चुका है तू जिंदगी में इस तरह की ,
  तुझ से एक पल की दूरी मैं भी जिंदगी  दोजख सी लगती है ।

- तेरे हर अल्फाज पर एक ग़ज़ल लिख दूं ,
  अगर वक्त मुझे इतनी इजाजत दे दे ,
  बना के तुझे जिंदगी हर लम्हा जी लूं ,
  अगर तकदीर मुझे इतनी मोहलत दे दे ।

- जिंदगी तेरे जख्मों को सी रही हूं ,
  दिल की बातों को अल्फाज में पिरो रही हूं ,
  कैसा मर्द ले लिया तूने ए नादान दिल ,
  होठों पर हंसी सजाए बस जी रही हूं ।

- मेरी कलम से तुं अल्फाज  बनकर ना बहा कर ,
  कुछ और भी लिखने दे मुझे इश्क के सिवा ।

- कैसे समझाएं तुझे ए जमाने की ,
  बिना दर्द के जिंदगी हसीन नहीं होती ,
  लाखों फुल कुर्बान होते हैं तब जाकर ,
  थोड़ी सी खुशबू बंद होती है इन इत्र की बोतलों में ।।।

             - " फुल "
   

" तू और मैं "

 तू बन जा कोई गीत और  मेरे होठों पर ठहर जा,
 मैं ख्वाब बनकर तेरी आंखों में उतर जाउ,
 तू ख्याल बनकर मेरी कलम से बयां हो जा ,
 मैं तस्वीर बनकर तेरी रूह में बस जाऊं ,
 सदियों तक जो ना अलग हो वह राज बन जा ,
 मैं उम्र भर के लिए तेरी हमराज बन जाऊं,
 तू मेरी तकदीर बन कर मुझे सवार जा ,
 मैं तेरी जिंदगी बनकर तुझ में समा जाऊं ,
 तू हंसी बनकर मेरे लबों पर बस जा ,
 मैं महेक बनकर तुझे महका जाऊं ,
 तन्हाइयों में भी खयाल बनकर महफिल सजा जा,
 भीड़ में भी मैं याद बनकर उभर जाऊ,
 मुझे खुद से जोड़ कर मुझ पर मेहरबानी कर जा ,
 मैं तुझ से जुड़कर दुनिया की हर खुशी पा जाऊं,
 मुझे अपना कर मेरी प्रीत का मान रख जा ,
 मैं तुझे पाकर जैसे सब कुछ पा जाऊं ।।।

           - " फुल "
       

Monday 26 August 2019

" दुख इस बात का है "

दुख इस बात का नहीं कि तू हमारे साथ नहीं ,
दुख इस बात का है कि तूने हमें समझा ही नहीं ,
दुख इस बात का नहीं कि तूने कभी हमें अपनाया ही नहीं ,
दुख इस बात का है कि तूने कभी हमें अपना समझा ही नहीं,
 दुख इस बात का नहीं कि तू अपनी दुनिया में खुश है ,
दुख इस बात का है कि तूने कभी हमारी दुनिया में कदम रखा ही नहीं ,
दुख इस बात का नहीं कि तूने कभी हमें पाया ही नहीं ,
दुख इस बात का है कि तूने इस काबिल हमें कभी समझा ही नहीं ,
दुख इस बात का नहीं कि हम मुद्दतों से नहीं मिले ,
दुख इस बात का है कि तूने कभी हमें बुलाया ही नहीं ।।।

                  - " फुल "
       

Friday 23 August 2019

" आवाज "

मत समझ मुझे खिलौना ,
मैं तो ईश्वर का दिया हुआ वरदान हूं ,
जहां वह खुद नहीं पहुंच सका ,
वहां उसका भेजा हुआ वरदान हूं ,
कभी नन्ही सी बेटी ,कभी कलाई की राखी ,
कभी तेरे नाम की चुनर उड़ी दुल्हन ,
तो कभी तुझे जन्म देने वाली मां का रूप हूं ,
फिर क्यों यह समाज मुझे ऐसी नजरों से देखता है ,
क्यों ऐसे घूंट घूंट के जीना पड़ता है ,
क्या मुझे हक नहीं खुलकर जीने का ?
घर से बाहर निकलु तो वही गंदी नज़रें ,
क्या यह शरीर ही सब कुछ है उनके लिए ?
मुझे और कुछ नहीं मेरा हक चाहिए ,
मुझे ज्यादा नहीं बस थोड़ा सा सम्मान चाहिए।।।

                 - " फुल "
       

Thursday 22 August 2019

" एहसास "

तेरी हर एक लहर ऐसे उछल रही है ,
जैसे उसे किनारे का इंतजार हो पर ,
किनारा भी देख कैसा मजबूर है अपनी बेबसी पर ,
लौटती हुई हर लहर के साथ बढ़ रहा उसका भी दर्द है ,
फिर भी चुपचाप देख रहा है सब कुछ मायूस होकर ,
न बोल सकता है और न कुछ सह सकता है ,
सदियों से खामोश सब ऐसे ही चल रहा है ,
काश कोई लहर आकर थम जाए किसी किनारे पर ,
नामुमकिन भी मुमकिन हो जाए अगर तेरा साथ हो ,
रहमतों - करम से ही तेरा दीदार पाए हम वरना ,
सदियों तक हमारे मुकद्दर में बस ऐसे ही इंतजार हो ,
मत कर हमारे साथ ऐसा मेरे मालिक थोड़ा सा तो रहम हो ,
जिंदगी कट जाए आसानी से अगर चंद बातें खुद से रोज हो।।।

                   - " फुल "
         
                    

" नजरिया "

-  जुबा से जरा तेज हूं पर दिल बिल्कुल साफ रखती हूं ,
   मेरे अल्फाजों  पे ना जा नादान जमाने ,
   प्यार भी सबके लिए बेशुमार रखती हूं ।

- ए कलम हमें अपनी शाही के खत्म होने का खौफ ना जता ,
  हम तो अपनी दास्तान आंसुओं से लिखते हैं ।

- तू हमारी राह चले ना चले हम तो तेरी राह के मुसाफिर हो चले ,
  दुनिया चाहे जो भी समझे हम तो तेरे नाम का जोग ले बैठे ।

- बड़ी मुराद लेकर तेरे दर पर आए हैं ,
  उम्मीद की झोली फैलाए तेरी दहलीज पर आए हैं ,
  सुना है पाक दिल की दुआ तू जल्दी सुनता है ,
  रहे तेरा नजरों करम हम पर यही दुआ मांगने आए हैं ।

- बरसा दे अपनी रहमतों का नूर सब पर ए खुदा ,
  हम तो हमारे अपनों की खुशियों से ही जिंदा रह लेंगे ।

-  यू चुपके से हमें ताकना छोड़ दे ,
   तेरी हर नजर पर हमारा पहरा होता है ।

              - " फुल "
   

Saturday 17 August 2019

" कुछ चुने हुए ख्याल "

- आईना भी उसको सच दिखाता है जिसे सच की तमन्ना हो,
  देखने वाले तो आईने में भी वही देखते हैं जो वह देखना चाहते हैं ।

- तूने हमारी आंखों की जरा सी तारीफ़ क्या कर दी ,
  यह कलम खुद-ब-खुद चलने लगी ,
 अल्फ़ाज़ों ने अंगड़ाई ली ,
 और हमारी आंखों से फिर एक ग़ज़ल बयां हो गई ।

- कैसा यह इश्क का मर्ज है ,
  जाने क्यों दुनिया को इससे हर्ज है ,
  यूं तो हर कोई जमाने की रस्मो की गिरफ्त में है ,
  पर जिसे मिले सच्चा प्यार उस हर रूह पे इसका कर्ज है ।

- इस जिंदगी को तेरी अमानत समझ कर खुद को बड़ी हिफाजत से रखते हैं ,
  तू क्या जाने तेरी एक हंसी के लिए हम क्या-क्या मिन्नतें करते रहते हैं ,
  सिर्फ तेरी खुशी के लिए जमाने का हरदर्द सहते रहते हैं ,
  मुकम्मल कर दे मुझे तेरे लिए हर जन्म में बस दिन रात यही दुआ करते हैं ।

- जब से तेरी तलब लगी है तू ही जीने की वजह बना है ,
  अब और कुछ पाने की तमन्ना कहां जब से तू हमारी जिंदगी बना है ।

- जुबान से जरा तेज हूं पर दिल बिल्कुल साफ रखती हुं ,
  मेरे अल्फ़ाज़ों पे न जा नादान जमाने प्यार भी सबके लिए बेशुमार रखती हूं ।।।

                      - ' फुल '
       

' મારૂ હ્રદય '

હું તને શું સમજાવું તું બધું જ સમજે છે , ઈશ્વરની મરજી સામે આપણું ક્યાં કંઈ ઊપજે છે , અકળ આ હ્રદયના દ્વાર ક્યાં બધા માટે ખુલે છે , એક તાર...