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पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, मुंबई मेट्रो ने कहा- 2141 पेड़ काटे गए, रेल शेड का निर्माण जारी रहेगा

5 वर्ष पहले
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  • सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अगली सुनवाई (21 अक्टूबर) तक यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे सभी प्रदर्शनकारियों को तत्काल रिहा किया जाए
  • छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से मुलाकात कर पेड़ों की कटाई रुकवाने की मांग की थी

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई पर सोमवार को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। इस पर मुंबई मेट्रो ने ट्वीट कर कहा कि अब तक 2141 पेड़ काट दिए गए हैं। अब केवल उन्हें वहां से हटाने का काम किया जाएगा। इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि यह (आरे फॉरेस्ट) एक इको-सेंसटिव जोन है या नहीं।
 
उन्होंने कहा- इस इलाके में विकास कार्य नहीं किए जा सकते थे, इसलिए हमें दस्तावेज दिखाएं। इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी पार्टी बनाया जाए। अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी, तब तक यथास्थिति बनाए रखें।
 

बिल्डिंग का निर्माण योजना के मुताबिक ही होगा: मुंबई मेट्रो
मुंबई मेट्रो (एमएमआरसीएल) ने ट्वीट किया, ‘‘हम माननीय सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। अब आरे मिल्क कॉलोनी में कार शेड एरिया में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। हालांकि कटे हुए पेड़ों को वहां से हटाने समेत बाकी कार्य यथावत जारी रहेंगे। बिल्डिंग का निर्माण भी तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगा।’’ 
 

अब केवल कटे हुए पेड़ों को हटाया जाएगा: मुंबई मेट्रो
उन्होंने बताया, ‘‘माननीय उच्च न्यायालय से 4 अक्टूबर को अनुमति मिलने के बाद ट्री अथॉरिटी ने 4-5 अक्टूबर को 2185 पेड़ों को काटने के लिए चुना था, इसमें से अब तक 2141 पेड़ काट दिए गए हैं। अब इन्हें वहां से हटाने का काम किया जाएगा। इसके बाद निर्माणकार्य शुरू होगा। मुंबई मेट्रो ने यह दावा किया कि 23,846 पौधे लगाए जा चुके हैं। 25 हजार पौधे हरित प्रयास के अंतर्गत और वितरित किए गए हैं।’’
 

अब आरे कॉलोनी में और कटाई नहीं होगी: मेहता
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि जरूरत के मुताबिक पेड़ काट लिए गए हैं, अब आरे कॉलोनी में और कटाई नहीं होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले सभी प्रदर्शनकारियों को तत्काल रिहा किया जाए। 

सीजेआई को पत्र सौंपकर हस्तक्षेप की अपील की थी
इससे पहले लॉ स्टूडेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने सीजेआई को पत्र सौंपकर मामले में हस्तक्षेप की अपील की थी। उधर मुंबई में गिरफ्तार 29 प्रदर्शनकारियों को हॉलीडे कोर्ट से जमानत मिलने पर ठाणे जेल से रिहा कर दिया गया। लेकिन, अदालत ने शर्त रखी है कि ये लोग अब किसी प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।
 

छात्रों ने लिखा- मुंबई के फेफड़ों की हत्या हो रही
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे रिशव रंजन रिशव ने बताया था कि पत्र में सीजेआई को लिखा गया- मुंबई के फेफड़ों की हत्या हो रही है। आरे कॉलोनी में इनकी कटाई रुकवाइए। जब हम आपको यह पत्र लिख रहे हैं, तब मुंबई में मीठी नदी के किनारे स्थित आरे फॉरेस्ट के पेड़ काटे जा रहे हैं। खबरों के अनुसार अभी तक 1,500 पेड़ों को काटा जा चुका है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई (एमसीजीएम) की गतिविधियों पर नजर रख रहे हमारे साथियों को जेल भेज दिया गया है। वे अपने माता-पिता से भी बात नहीं कर पा रहे हैं।’
 
उन्होंने ने कहा- हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल पेड़ों की कटाई पर रोक लगाए, जिससे 2700 पेड़ों में से कम से कम कुछ पेड़ों को बचाया जा सके। मेट्रो कार शेड आरे कॉलोनी में 33 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। यह मीठी नदी के किनारे स्थित है, जिसकी कई उपधाराएं और नहरें हैं। ये नहीं रहेंगी, तो मुंबई में बाढ़ आ सकती है। इसमें 3,500 पेड़ हैं जिनमें से 2,238 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव रखा गया है। सवाल यह है कि एक ऐसा जंगल जो नदी किनारे है और जिसमें 3,500 पेड़ हैं, उसे एक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग के लिए क्यों चुना गया।
 

किरीट सोमैया ने किया फडणवीस का बचाव
इसी क्रम में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना पर कहा कि वह सिर्फ कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। सोमैया ने कहा हम कोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हैं और इसका सम्मान करते हैं। यह दु:खद है कि कुछ लोग मुख्यमंत्री फडणवीस की तुलना जनरल डायर से कर रहे हैं। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। अगर जरूरत होगी तो हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे। मेट्रो परियोजना में हम देर नहीं करना चाहते, क्योंकि इससे मुंबई पर बोझ बढ़ेगा।
 

चार साल में 15000 वर्ग किमी हरित क्षेत्र बढ़ा: जावड़ेकर
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पेड़ों को काटने की नीति के तहत एक पेड़ काटने पर पांच पौधे लगाने चाहिए। इसके परिणाम सामने आए हैं। पिछले चार साल में देश में 15000 वर्ग किमी हरित क्षेत्र बढ़ा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए कई प्रयासों से इस साल 30 सितंबर तक दिल्ली में 270 दिन में 165 दिन वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा पाया गया।
 

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