
नार्को टेस्ट जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर और फोरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में होता है। इसमें जांच अधिकारी आरोपी से सवाल पूछता है और इस पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है। नार्को टेस्ट एक परीक्षण प्रक्रिया होती है, जिसमें शख्स को ट्रुथ ड्रग नाम से आने वाली एक साइकोएक्टिव दवा दी जाती है।