मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
jareen jj
अब भी कहोगे साथियों कि
इनबुक को फेसबुक जैसा होना चाहिए
शशि यादव
कुछ लोगो का प्यार समझ से परे होता है
सोशल मीडिया पर मिलते ही सीधा ब्लॉक हो जाता है।
लवली ठाकुर
इनबुक साथियों
नमस्कार
जब भी अपने कोई भी साथी मतदान (poll) सबके लिए रखता है तो हमें सिर्फ लाईक, कमेंट ही नहीं करना चाहिए बल्कि पोल में जाकर मत भी देना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र में मत से ही प्रभाव पड़ता है
शशिरंजन सिंह
भविष्य में भाजपा, टीएमसी, कांग्रेस या वाम मोर्चा नहीं रहेगा।
सऊदी अरब के प्रोफेसर नासिर बिन सुलेमान उल उमर ने कहा है कि भारत गहरी नींद में सो रहा है। इस्लाम तेजी से बढ़ रहा है और हजारों मुसलमान पुलिस, सेना और नौकरशाही जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं में घुसपैठ कर चुके हैं। इस्लाम भारत का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।
आज भारत विलुप्त होने के कगार पर है। जिस तरह किसी राष्ट्र को उभरने में दशकों लगते हैं, उसी तरह उसके विनाश में भी समय लगता है।
भारत रातों-रात खत्म नहीं होगा। यह धीरे-धीरे खत्म होगा। मुसलमान होने के नाते हम इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं। भारत निश्चित रूप से नष्ट हो जाएगा।
भारत में हर दिन करीब 65,000 बच्चे पैदा होते हैं। इनमें से करीब 40,000 मुस्लिम बच्चे होते हैं और करीब 25,000 हिंदू और दूसरे धर्मों के बच्चे होते हैं। यानी मुसलमानों की जन्म दर कुल आबादी का 20 प्रतिशत है! अभी पैदा होने वाले बच्चों में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और हिंदू अल्पसंख्यक। इस दर से तो 2050 तक भारत में मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे।
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता और भारत तुरंत दंगों की आग में जल उठेगा। हम मुसलमान हिंदुओं को मार कर मिटा देंगे।
आज सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुसलमानों की आबादी करीब 20% है, लेकिन असलियत में वे 25% से भी ज़्यादा हैं। सरकारी आंकड़े ग़लत हैं क्योंकि वहाबी मुसलमान जानबूझकर असली संख्या छिपाते हैं और इस बढ़ती आबादी को काफिर हिंदुओं के खिलाफ़ अपना हथियार नहीं बनाते।
भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बहुत बड़ा धोखा चल रहा है, लेकिन बदकिस्मत हिंदू अभी भी गहरी नींद में सो रहे हैं।
हिंदुओं ने कश्मीर से क्यों नहीं सीखा, जहाँ हिंदुओं को अपनी सारी संपत्ति और औरतें-बेटियाँ छोड़नी पड़ीं?
जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं, तब तक भारत धर्मनिरपेक्ष है। पता नहीं जब वे अल्पसंख्यक हो जाएँगे, तब उनका क्या होगा।
ये मूर्ख हिंदू पाकिस्तान और बांग्लादेश में काफिरों के आंकड़ों से भी यह नहीं समझ सकते।
अगर कोई हिंदू कभी नहीं बोलता, चुप रहता है और उच्च नैतिक पद धारण करता है, तो उसका भाग्य निश्चित रूप से बर्बाद हो जाता है।
हिंदुओं का अंत निश्चित है।
केरल, बंगाल, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद और अन्य राज्यों के मुस्लिम बहुल इलाकों पर विचार करें।
अपने शहर में कभी भी ऐसे इलाके में न जाएं जहां मुस्लिम लोग हों।
इसके अलावा, जाम्बिया और मलेशिया जैसे देश इसके उदाहरण हैं।
मुस्लिम बहुल देशों के आगमन के साथ, इन धर्मनिरपेक्ष देशों को इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर दिया गया।
लंदन, स्वीडन, फ्रांस और नॉर्वे जैसे देशों में रोज़ाना हिंसा होती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हो रहा है? कौन करता है? इसका उद्देश्य क्या है?
लोगों में दहशत पैदा करना और बिना बोलने की हिम्मत किए उनके दिलों में डर पैदा करना शांति स्थापना की रणनीति का हिस्सा है। क्या आप नहीं समझते, वे नमाज़ के नाम पर दिन में 5 बार मस्जिद में इकट्ठा होकर आपके खिलाफ़ साजिश करते हैं? वे दिन में 5 बार कसम खाते हैं और आपको खत्म करने का फैसला करते हैं!
इसलिए, आँखें और मुँह ढकना कारगर नहीं है। अब समय है अपनी आँखें खोलने का, अपना मुँह खोलने का और लोगों में जागरूकता पैदा करने का
सोचो और समझो।
अग्रवाल साहब ने अपने नौकर अब्दुल से पूछा, "मेरे 2 बच्चे हैं और मैं उनके भविष्य को लेकर चिंतित हूँ, लेकिन तुम्हारे 12 बच्चे हैं और तुम चिंतित नहीं हो।"
अब्दुल: "25 साल बाद मेरे 12 बच्चे तुम्हारी दुकान संभाल लेंगे। तुम सिर्फ़ हमारे लिए कमाते हो, फिर मैं क्यों परेशान होऊँ?"
यह उनकी मानसिकता है।
"सियालकोट, लाहौर, गुजरांवाला और करंजी में हिंदुओं द्वारा बनाई गई बड़ी-बड़ी हवेलियाँ हमारे लिए बनाई गई थीं। आज़ाद भारत में भी कश्मीरी हिंदुओं ने कश्मीर में हमारे लिए बड़ी-बड़ी हवेलियाँ बनाईं और आखिरकार हमने उन पर विजय प्राप्त कर ली और हमें तुम्हारी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।"
*यह सच्चाई हर हिंदू तक पहुँचाएँ। अपनी आँखें और कान खोलो।*
स्रोत: Unknown⭕
Mukesh Bansal
तस्वीर देख कर हैरान मत होईए। ये बात सच है कि कभी दिल्ली से लंदन आप बस से भी जा सकते थे क्योंकि तब दुनिया का सबसे लम्बा सड़क मार्ग कलकत्ता से लंदन हुआ करता था और इस मार्ग पर बस भी चलती थी।
कोई हिंदुस्तानी या अंग्रेज ने नहीं बल्कि सिडनी की अल्बर्ट टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी ने शुरु की रहे ये सेवा। 1950 के दशक के शुरू में होने के बाद लगभग 25 साल तक चली पर बाद में इसे किन्ही कारणों से बंद करना पड़ा। किराया था महज 85 पाउंड्स से लेकर 145 पाउंड्स।
कलकत्ता से शुरू होकर बनारस, इलाहाबाद, आगरा, दिल्ली से होते हुए लाहोर, रावलपिंडी,काबुल कंधार, तेहरान,इस्तांबुल से बुलगेरिया, युगोसलाविया,वीएना से वेस्ट जर्मनी और बेलजियम से होते हुए ये बस लंदन पहुंचती थी। इस दौरान ये करीब 20300 KM चलती थी और 11 मुल्कों को क्रॉस करती थी।
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