प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

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गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ रोगों की एक ओषधि कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां गिरीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।

इसका वानस्पिक नाम( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको स्वस्थ रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं गिलोय के लाभ…

【गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता】
गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे रोगों से दूर रखती है इसमें कोरोना से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करती है ।

इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह रक्त को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की सुरक्षा भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग रक्त को साफ करने का काम करते हैं।

【 ठीक करती है ज्वर】
अगर किसी को बार-बार ज्वर आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के ज्वर से लडऩे में सहयोग करती है। इसलिए डेंगू के रोगियों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अतिरिक्त मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले ज्वर से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

【 मधुमेह के रोगियों के लिए 】
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका लाभ टाइप टू डायबिटीज के रोगियों को होता है।

【 कम करती है तनाव 】
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसके सहयोग से न केवल स्मृति शक्ति अच्छी होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी अच्छी रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

【 हो गया हो एनीमिया 】
भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी रक्त की कमी से पीड़ित रहती हैं। इससे उन्हें हर समय थकान और अशक्तता महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

【 कम होगी मेद 】
गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास मेद जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

【 सौंदर्य बढ़ाती है गिलोय 】
गिलोय न केवल शरीर के लिए बहुत लाभकारी है,वरन यह त्वचा और बालों पर भी आश्चर्यजनक रूप से प्रभावित करती है….

■साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान■

वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से प्रयोग करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह रक्त में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए यह भी ध्यान रखें कि ब्लड शुगर आवश्यकता से ज्यादा कम न हो जाए।

【 गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।】

★एक निवेदन★
:- अभी वर्षाऋतु का काल है अपने घर में, बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें एवं स्वजनों को भी देवें. यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है ।