बड़े वृक्ष को काटकर घर में मनी प्लांट लगाने वाले लोगों को पर्यावरण दिवस की बधाई !
गंगा को मां कहने वाले और फिर उसमें गंदगी डालने वाले को भी पर्यावरण दिवस की बधाई !
जानवरों की हड्डियां तक खा जाने वालो को भी बधाई! .. और अंत में... केरल में गर्भवती हथिनी को पटाके से उड़ाने वाले दरिंदों को भी बधाई !
अब आप सोचेंगे ऐसा मैंने क्यों लिखा तो सर्वप्रथम हमें व्यवहारिकता होने की जरूरत है केवल फेसबुक के पोस्ट करने से पर्यावरण नहीं बचेगा आखिर गर्भवती हथिनी ने क्या बिगाड़ा था किसी का. जब पटाखे से भरा अनन्नास खिला रहा था तो केवल वहां पर एक ही व्यक्ति था ? क्या हुआ पर मौजूद व्यक्ति का कोई दायित्व नहीं था? क्षमा चाहता हूं लेकिन सच्चाई यही है!