सहज-सरल निर्बाध जीवन हो
गहन होश में डूबा तेरा मन हो
क्षण-प्रतिक्षण शुभ का पहरा हो
तब मन मे इच्छा और गहन हो
सहज-सरल निर्बाध जीवन हो।।
अखंड निष्ठा और संकल्प सघन हो
निष्काम सेवा की गहरी लगन हो
प्रेमभाव तब स्वभाव बनें तुम्हारा
क्षण-प्रतिक्षण "विदेह" पावन हो
सहज- सरल निर्बाध जीवन हो।।
समय की रेत पर उपलब्धि का धन हो,
मन मे उपजे शुभ विचार का सदा वंदन हो
अशुभ द्वार पर खड़ा रहे भला ही
पर भीतर तेरे सदा शुभ का आगमन हो
ऐसा सहज-सरल निर्बाध जीवन हो ।।