rupasri sharma's Album: Wall Photos

Photo 1 of 1 in Wall Photos

तुम को गढ़ने को ही मैंने इन हाँथो में कलम लिए
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
सोचा किये हर बार मगर हम कभी ना तुमसे कह पाए,
तेरे कांधे के बूते ही हृदय फफोले सह पाए,
इस दुनिया के परे की दुनिया मे भी संग तुम्हारा हो,
ताकि अपनी प्रेम कहानी पन्नों पे भी बह पाए ll

गीत ,ग़ज़ल या कविता बन के पन्नों पर बह जाती हूँ,
कभी नयन में बन के आँसू संग तेरे रह जाती हूँ,
तू मुस्काता मुझ में निशदिन खोया-सा रहता है,
और तुझे मैं पिरो के जाने कितनी ग़ज़ल कह जाती हूँ ll

मैं बह जाऊँ पन्नें-पन्नें तुम को संग , सनम लिए,
तुझ को पाने के ख़ातिर मैनें हैं कितने जनम लिए,
तुम आखर - आखर बस जाना मेरी ग़ज़लों, गीतों में,
तुम को गढ़ने को ही मैंने इन हाँथो में कलम लिए ll

©® रूपाश्री शर्मा श्यामांगिनी